ट्रकों में भरकर की जा रही तस्करी शहर से लेकर ग्रामीण अंचलों तक से गोवंश और अन्य मवेशियों को ट्रकों में भरकर प्रदेश की सीमाएं पार की जा रही हैं। बताया जा रहा है कि दर्जनों ट्रकों को हाल के कुछ समय के भीतर गोसेवकों की बदौलत पकड़ा जा सका है। पूछताछ में मवेशियों की तस्करी दूसरे प्रांतों को होना उजागर हुई है। वहीं सूत्रों के मुताबिक, इस अवैध धंधे को संरक्षण प्राप्त है, जिसके चलते तस्करी बेरोकटोक जारी है। प्रशासन की ओर से कभी-कभार कार्रवाई होती है, लेकिन उसका असर तस्करों के नेटवर्क पर नजर नहीं आता।
फिर सक्रिय हुए तस्कर हाल ही में रजपुरा क्षेत्र के जंगलों में फिर से तस्करी शुरू हो गई है। मार्च में यहां एक बड़ा मामला पकड़ में आया था, जिसमें 65 मवेशियों से भरा ट्रक जब्त किया गया था। कुछ समय तक गतिविधियां थमी रहीं, लेकिन अब फिर से तस्कर सक्रिय हो चुके हैं। पिछले सप्ताह एक बार फिर मवेशियों की तस्करी का मामला उजागर हुआ है, जो पुलिस कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है।जिले से तस्करी की यह हैं प्रमुख वजहेंपुलिस की नियमित चेकिंग न होनामुखबिर तंत्र का निष्क्रिय होना
कार्रवाई ज्यादातर स्वयंसेवी संगठनों की शिकायत परतस्करों का हथियारों से लैस होना तस्करी से जुड़े हाल ही में हुए बड़े खुलासे… केस 1. बीते दिनों कसाई मंडी में 9 भैंसों को मुक्त कराया और पिकअप जब्त कर आरोपियों को पकड़ा।
केस 2. मार्च में राजपुरा थानांतर्गत हरदुटोला के जंगल में 65 मवेशियों से भरा ट्रक पकड़ा गया था। केस 3. सितंबर 2024 में कोतवाली अंतर्गत 31 मवेशियों से भरा ट्रक पकड़ा गया था।
केस 4. सितंबर में ही पथरिया पुलिस ने तस्करों से 20 नग मवेशियों को छुड़ाया था। इन प्रमुख मामलों के अलावा और भी कार्रवाई हाल के कुछ माह पहले हुईं हैं। वर्जन पुलिस लागातर सक्रिय है और मवेशियों की तस्करी की सूचना मिलते ही कार्रवाई की जाती है। पूरी तरह रोकथाम के लिए आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।
-संदीप मिश्रा, एडिशनल एसपी दमोह