दमोह न्यूज: कचनारी में जेसीबी से हो रहा मनरेगा के तालाब निर्माण का काम
काम नहीं मिलने से गांव के मजदूर कर रहे पलायन


दमोह हटा. शासन द्वारा मनरेगा योजना के माध्यम से ग्राम पंचायतों में निर्माण कार्य स्वीकृत कर मजदूरों को पंचायत में ही रोजगार उपलब्ध कराने के लिए करोड़ों की राशि दी जा रही है, लेकिन पंचायतों में सरपंच, सचिव की मनमानी के चलते मजदूरों को रोजगार नहीं मिल रहा है। मजदूरों की जगह मशीनों से काम कराया जा रहा है। जॉब कार्ड, श्रम कार्ड सिर्फ देखने के लिए बचे है जबकि काम मशीनों से हो रहा है।
ऐसा ही एक मामला जनपद पंचायत हटा की ग्राम पंचायत कचनारी में सामने आया है। यहां गांव में हनुमान मंदिर के पास मनरेगा योजना व 15वें वित्त से स्वीकृत 14 लाख 85 हजार की लागत से नवीन तालाब निर्माण का कार्य सरपंच द्वारा कराया जा रहा है, लेकिन मौके पर मजदूर नहीं बल्कि विगत दोनों से रात दिन मशीन काम कर रही है। जबकि मनरेगा योजना के तहत मशीनों के काम पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है। शासन द्वारा मनरेगा योजना का मूल आधार ग्रामीण गरीबों को रोजगार उपलब्ध कराया जाना इस योजना का मूल स्वरूप है।
ग्राम पंचायत के सरपंच सचिव एवं सबंधित विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से खुलेआम मनरेगा के तहत कराये जाने वाले कार्यों में मशीनों का उपयोग कर रहे है एवं मशीनों से कराए गए कार्यों को मस्टर दर्शाने के लिए मजदूरों के नाम का फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। जिसमें फर्जी मस्टरों को भरकर मजदूरों के नाम कार्य को दर्शाकर पैसा आहरित कर लिया जाएगा। जिसमें डाले गए मस्टरों की जानकारी भी उन मजदूरों को नहीं चल पाती और उनके नाम की राशि आहरित कर ली जाती है।
पंचायतों में मजदूरों को काम मिलता तो शायद मजदूर बाहर पलायन न करते। क्षेत्र के गांव के गांव ऐसे हैं जहां के मजदूरों के घरों में ताले लटक रहे हैं और उसका मुख्य कारण यही है कि पंचायतों में उन्हें रोजगार उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।
-वर्शन
नवीन तालाब निर्माण कार्य में मशीन का उपयोग नहीं किया जा सकता, यदि कचनारी पंचायत में सरपंच द्वारा मशीन से तालाब निर्माण कराया जा रहा है तो यह नियम विरुद्ध है। उपयंत्री को भेजकर इस काम की जांच कराएंगे। साथ ही नियमानुसार कार्रवाई करेंगे।
संजीव गोस्वामी, सीइओ जनपद हटा
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