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पीपीइ किट पहनकर पूरी रात कर रहे सैंपल की जांच

पीपीइ किट पहनकर पूरी रात कर रहे सैंपल की जांच

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Examining sample wearing PPE kit all night

Examining sample wearing PPE kit all night

दमोह . कोरोना संक्रमण काल में मरीजों की सैंपल की रिपोर्ट पॉजीटिव रहेगी या निगेटिव इसकी जांच जिला अस्पताल में ही की जा रही है। इस कार्य के लैब टेक्निशियन लगातार सेवाएं दे रहे हैं।
दमोह शहर में महावीर वार्ड व सिविल वार्ड नंबर 4 में सामने आए मरीजों के बाद इनके कांटेक्ट मरीजों के सैंपल लेने के बाद जांच करने लैब टेक्निशियन योगेश जाट लगातार 12 घंटे जांच करते रहे, जिसके बाद सोमवार को 9 मरीज सामने आए थे।
जिला अस्पताल में कोरोना संक्रमण काल में कुछ मरीजों को वहां पंखा व खाना की समस्याएं महसूस हो सकती हैं, लेकिन जितने भी दमोह में कोरोना मरीज आ रहे हैं और वह स्वस्थ्य होकर जब घर लौट रहे हैं तो डॉक्टरों के प्रति उनका आदर बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। दर असल जिला अस्पताल में तैनात पूरा अमला जिसमें सिविल सर्जन, आरएमओ, सभी डॉक्टर, स्टॉफ नर्स, वार्ड वॉय व सफाई कर्मी सभी अपने कर्तव्यों का पालन पूर्ण निष्ठा व ईमानदारी से कर रहे हैं।
जिला चिकित्सालय दमोह के लैब टेक्नीशियन योगेश जाट प्रतिदिन कोविड-19 की जांच के लिए संैपल लेकर तनमयता से कार्य को अंजाम दे रहे हैं। इस महत्वूपर्ण कार्य को अंजाम देने वाले जाट ने बताया कि रविवार को उन्होंने पूरी रात टेस्टिंग का काम किया है, जिसमें 9 प्रकरण पॉजीटिव आए थे। यह काम आसान नहीं था। उनका कहना है कि इस दौरान उन्होंने लगातार 12 घंटे तक पीपीई किट पहनी रही। इनका यह भी कहना है कि जब हमारे जिले के मुखिया कलेक्टर तरुण राठी लगातार काम कर रहे हैं, तो हमारा भी फर्ज है कि जिले की जनता के लिए ऐसी विपरीत परिस्थितियों में कुछ न कुछ हटकर और त्याग कर काम किया जाएं। जाट कहते हैं ऐसी परिस्थितियां हमेशा नहीं रहती हैं। वे यह भी कहते हैं कि जनता की सेवा ही भगवान की सच्ची पूजा है।
लैब टेक्निशियन का कहना है कि सीएमएचओ डॉ. संगीता त्रिवेदी, सिविल सर्जन डॉ. ममता तिमोरी, आरएमओ डॉ. दिवाकर पटेल, डॉ. प्रशांत सोनी, डॉ. विशाल शुक्ला, नोडल अधिकारी डॉ. मलैया हर क्षण प्रोत्साहित करते रहते हैं, जिससे उनके साथ ही प्रत्येक अस्पताल का कर्मचारी पूर्ण मनोयोग से अपने कार्य को करने में जुटा हुआ है, जिसके लिए वह दिन रात भी नहीं देख रहा है। ड्यूटी के घंटे भी नहीं गिन रहा है, वह केवल महामारी से जंग लड़ रहा है।