
ड्रेस कोड का विरोध करते हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ता।
दमोह. मुख्यमंत्री की सख्ती के बाद शहर के फुटेरा वार्ड में अल्पसंख्यक कोटे से मान्यता प्राप्त गंगा जमुना हायर सेकंडरी स्कूल प्रबंधन ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगते हुए स्पष्ट किया है कि अब स्कार्फ अथवा हिजाब स्वैच्छिक रहेगा, साथ ही प्रेयर में केवल जन गण मन होगा, लव पर दुआ वाला गीत नहीं होगा। वहीं प्रशासनिक स्तर पर गठित पांच सदस्यीय टीम जांच कर रही है तो बाल संरक्षण आयोग की टीम भी स्कूल पहुंची और उसने प्रबंधन से पूछताछ की।
शहर के फुटेरा वार्ड में अल्पसंख्यक कोटे से मान्यता प्राप्त गंगा जमुना हायर सेकंडरी स्कूल में छात्राओं को ड्रेस में हिजाब पहनाए जाने व दुआ पढ़ाई सहित अन्य आरोपों की जांच करने बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम सहित प्रशासनिक अधिकारी शुक्रवार को स्कूल पहुंचे। टीम में बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य ओंकार सिंह, मेघा पवार, दमोह तहसीलदार मोहित जैन, कोतवाली पुलिस सहित अन्य मौजूद रहे। टीम ने स्कूल पहुंचकर प्रबंधन से इनके खिलाफ लगे आरोपों के संबंध में पूछताछ की साथ ही दस्तावेज खंगाले। आयोग को यहां आपत्तिजनक सामग्री भी मिली, जिसे बतौर साक्ष्य के तौर पर जमा किया गया है। साथ ही मौके की अन्य परिस्थितियों पर एतराज किया है। टीम ने पाया कि स्कूल की प्रथम भाषा उर्दू है, जबकि स्कूल इंग्लिश मीडियम है। यहां के अधिकांश दस्तावेजों पर उर्दू ही लिखी गई है। साथ ही स्कूल में स्कूल द्वारा स्वयं ही किताबों को छपवाकर बच्चों को उपलब्ध कराईं जातीं हैं। जिस पर भी आयोग ने आपत्ति जताई।
वहीं इस टीम के आने की खबर पहले से ही स्कूल प्रबंधन के जिम्मेदारों को लग चुकी थी। प्रबंधन ने आनन - फानन में सुबह १० बजे से एक प्रेस वार्ता आयोजित की जिसमें उन्होंने छात्राओं को हिजाब पहनाए जाने के लगे आरोप पर अपना खेद व्यक्त किया। साथ ही स्कूल के डायरेक्टर ने कहा कि उन्होंने स्कार्फ की अनिवार्यत: को समाप्त कर स्वैच्छिक कर दिया है।
कलेक्टर ने प्रशासनिक पक्ष रखा
उक्त मामले में सीएम द्वारा कलेक्टर को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इधर जारी आदेश को अमल में लाए जाने पर प्रशासनिक पक्ष रखते हुए कलेक्टर मयंक अग्रवाल ने कहा कि एक जांच कमेटी गठित की है, जिसमें एसडीएम, एसडीओपी के अलावा अन्य अधिकारी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि मामले की जांच शुरू की गई, इसी दौरान स्कूल के संचालक ने ड्रेस वाले नियम में बदलाव कर दिया है। वहीं स्कूल में दुआ पढ़ाई जाने के संबंध में कहा कि जहां तक मुझे जानकारी दी गई है कि दुआ आमतौर पर स्कूल में नियमित रूप से नहीं पढ़ाई जाती है, विशेष अवसर पर कराई जाती थी, जो अब नहीं होगी। स्कूल प्रबंधन का कहना है कि वह सिर्फ जन गण मन राष्ट्रगान कराते हैं। ड्रेस कोड को लेकर कहा कि निजी स्कूलों के लिए ड्रेस कोड अनिवार्यता का अभी ऐसा कोई नियम नहीं बना है। कलेक्टर ने मामले से जुड़े आरोपों की जांच के संबंध में बताया कि मामले में कई ज्ञापन हुए हैं, कई बिंदुओं पर जांच होनी है इसलिए कुछ समय के भीतर जांच रिपोर्ट सामने आ जाएगी। स्कूल की मान्यता की भी जांच की जाएगी और उसमें जो नियम कायदे है व जो आपत्तियां सामने आईं हैं उनकी भी जांच की जाएगी।
सीएम के आदेश के बाद जिम्मेदार सक्रिय हुए
उक्त मामला स्कूल के बाहर दीवार पर लगाए गए एक पोस्टर से उपजा था। पोस्टर में सभी धर्म की छात्राओं को एक खास तरह का लिवास पहनाया गया है, जिसे स्कूल प्रबंधन ने अपना ड्रेस कोड बताया, तो हिंदू संगठनों द्वारा हिंदू छात्राओं को हिजाब पहनाए जाने का आरोप लगाया। इस आरोप के खिलाफ शुरूआत प्रदर्शन और शिकायतों की जांच कुछ घंटों के भीतर ही पुलिस व जिला प्रशासन द्वारा पूरी कर दी गई और डीइओ की रिपोर्ट के आधार पर स्कूल को क्लीन चिट दे दी गई। प्रशासनिक क्लीन चिट जारी होने की खबर लगते ही हिंदू संगठनों का प्रदर्शन तेज हो गया और मामले को पहले गृहमंत्री ने संज्ञान में लिया और फिर सीएम ने जांच के आदेश जारी कर दिए। जैसे ही सीएम ने उक्त मामले में अपना आदेश दिया, तो कलेक्टर एसपी सक्रिय हुए और पुन: पांच सदस्यीय जांच कमेटी बनाई गई, जो अब मामले की जांच कर रही है।
नहीं पता था ड्रेस से आहत होंगी भावनाएं : प्रबंधन
शुरूआती विरोध में स्कूल प्रबंधन सभी आरोपों को नकारता रहा, लेकिन जब सीएम के आदेश हुए, तो प्रबंधन सकते में पड़ गया। शुक्रवार को मामले में बदली परिस्थितियों को देखते हुए प्रबंधन की ओर से डॉयरेक्टर हाजी इदरीश खान व मुस्ताक खान ने कहा कि वह नहीं जानते थे कि स्कूल ड्रेस से किसी की धार्मिक भावना आहत होगी, इसलिए हम खेद व्यक्त करते हैं। इधर कलेक्टर ने भी बताया कि स्कूल प्रबंधन ने विवादित कपड़े को स्वैच्छिक कर दिया है। वहीं, विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि नियम अब बदला गया है पर अभी तक, जो छात्राओं को हिजाब या स्कार्फ पहनने के लिए बाध्य किया जा रहा था उस पर कार्रवाई होना चाहिए।
Published on:
02 Jun 2023 06:21 pm
बड़ी खबरें
View Allदमोह
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
