script22 जनवरी को डिलिवरी कराना चाहती हैं सैकड़ों प्रेग्नेंट महिलाएं, पहले ही रखे जा चुके हैं बच्चों के ये नाम | Hundreds of pregnant women want to deliver on January 22 these names of children have already been kept | Patrika News
दमोह

22 जनवरी को डिलिवरी कराना चाहती हैं सैकड़ों प्रेग्नेंट महिलाएं, पहले ही रखे जा चुके हैं बच्चों के ये नाम

सभी गर्भवती महिलाओं का ये मानना है कि इस दिन भले ही उनके घर बेटा हो या बेटी, इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। लेकिन इस दिन को अपने लिए यादगार बनाने के उद्देश्य से वो 22 जनवरी को डिलिवरी कराना चाहती हैं।

दमोहJan 20, 2024 / 09:07 pm

Faiz

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22 जनवरी को डिलिवरी कराना चाहती हैं सैकड़ों प्रेग्नेंट महिलाएं, पहले ही रखे जा चुके हैं बच्चों के ये नाम

22 जनवरी को उत्तर प्रदेश के अयोध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह होने जा रहा है। इस अवसर का लोगों में बेसब्री से इंतेजार है। खास बात ये है कि श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा की तारीख और समय का विशेष महत्व है। इसी विशेष महत्व वाले दिन से खासकर गर्भवती महिलाएं भी खुद को जोड़ना चाह रही हैं। यही कारण है कि देशभर की ये गर्भवती महिलाएं 22 जनवरी को अपने बच्चों को जन्म देना चाहती हैं। इसके लिए उन्होंने अपने अपने चिकित्सकों के सामने डिमांड रख दी है। यही नहीं मध्य प्रदेश में कई परिवारों ने तो उस दिन जन्म लेने वाले बच्चों के तो नाम तक तय कर लिए हैं।

 

मध्य प्रदेश के अन्य शहरों की तरह दमोह में भी गर्भवती महिलाएं 22 जनवरी को अपनी डिलिवरी कराना चाहती हैं। सभी का ये मानना है कि इस दिन भले ही उनके घर बेटा हो या बेटी, इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। लेकिन इस दिन को अपने लिए यादगार बनाने के उद्देश्य से वो 22 जनवरी को डिलिवरी कराना चाहती हैं। इसके अलावा इस दिन जन्म लेने वाले बच्चों को लेकर एक और चीज बेहद खास है। जिन परिवारों में 22 जनवरी को डिलिवरी होनी है उन्होंने पहले से ही अपनी घर में आने वाले बच्चों के नाम तक रख लिए हैं। ऐस में अगर उनके यहां बेटा पैदा होता है उसका नाम श्रीराम रखा है और अगर बेटी पैदा होगी तो उसका नाम सीता रखकर लक्ष्मी का आगमन माना जाएगा।

 

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दमोह में 60 से अधिक बच्चे ले सकते हैं तय तिथि में जन्म

आपको बता दें कि दमोह के जिला अस्पताल में 22 जनवरी को करीब 16 प्रसव होने हैं, जबकि इससे कई गुना अधिक लोग निजी अस्पतालों में प्रसव कराने की ख्वाहिश रख चुके हैं। हालांकि सरकारी और निजी दोनों अस्पतालों में चिकित्सकों ने परिवारों को इसी शर्त पर प्रसव कराने की स्वीकृति दी है, तब सभी परिस्थितियां महिला और जन्म लेने वाले बच्चे के लिए अनुकूल रहें।


आने वाली पीढ़ियां याद रखेंगी यह दिन

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के पावन अवसर पर हर राम भक्त अपने अपने स्तर पर कोई योगदान देने की इच्छा रख रहा है। ऐसे में दमोह में गर्भवती महिलाएं भी पीछे नहीं हैं। जिनका प्रसव जनवरी महीने में होने वाला है वो महिलाएं अपने डॉक्टर से परामर्श ले रही हैं। गर्भवती महिलाओं का कहना है कि, उनका प्रसव 22 जनवरी को कराने की इच्छा अपने चिकित्सक के समक्ष रखी है, ताकि हमारे घर भी रामजी या सीता जी का आगमन हो जाए और ये दिन आने वाली पीढ़ियों के लिए भी यादगार हो जाए।

 

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मुहूर्त जानने पंडितों के पास भी पहुंच रहे लोग

इनमें से अधिकतर लोग चिकित्सकों के साथ साथ पंडितों के पास भी दिन का शुभ मुहूर्त जानने पहुंच रहे हैं। इस संबंध में एसपीएम नगर स्थित शिव शनि हनुमान मंदिर के पुजारी पंडित बालकृष्ण का कहना है कि 22 जनवरी का दिन पूरे ब्रह्मांड के लिए यादगार रहेगा। इस दिन 12 बजकर 29 मिनट और 8 सेकेंड से 12 बजकर 30 मिनट और 32 सेकेंड तक यानी कुल 84 सेकंड का समय दिन की सबसे शुभ घड़ी है। उनका कहना है कि 22 जनवरी को शुक्ल पक्ष की द्वादशी है और सोमवार भी है। भगवान शिव श्रीराम के आराध्य भी हैं। इस दिन जन्म लेने वाले जातक काफी बलशाली, बुद्धिमान और प्रभावशाली होंगे। जीवन में उन्हें सफलता और यश की प्राप्ति होगी।


महिला की कंडीशन देखकर डॉक्टर दे रहे सलाह

गर्भवती महिलाएं और उनके स्वजन भले ही शुभ मुहूर्त के लिए सिजेरियन डिलीवरी कराने के लिए तैयार हैं, लेकिन डॉक्टर पेशेंट की मेडिकल कंडीशन देखकर ही उन्हें डिलिवरी का रिस्क लेने की स्वीकृति दे रहे हैं। जिला अस्पताल में गायनाकोलॉजिस्ट डॉ श्रद्धा गंगेले का कहना है कि 22 जनवरी को जिला अस्पताल में अधिकांश महिलाओं का प्रसव होना है, अगर कोई सीजर कराना चाहता है तो महिला की सेहत पर उसका फैसला निर्भर करेगा।

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