सुरक्षा व्यवस्था रही चाकचौबंद सुरक्षा के मद्देनजर स्थल पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संदीप मिश्रा और नगर पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी के नेतृत्व में देहात थाना प्रभारी रचना मिश्रा, बटियागढ़ प्रभारी नेहा गोस्वामी, सागर नाका चौकी प्रभारी रमाकांत मिश्रा, जबलपुर नाका चौकी प्रभारी आनंद सिंह सहित करीब 50 से अधिक पुलिसकर्मियों ने सुरक्षा का जिम्मा संभाला।
योजना का लाभ पाने की होड़ कार्यक्रम के दौरान दिन का तापमान 41 डिग्री के करीब रहा। हालांकि, तपन से बचाने के लिए टीन शेडों में ठंडक का इंतजाम किया गया था। बता दें कि कार्यक्रम में न सिर्फ दमोह ब्लॉक के आवेदक शामिल हुए बल्कि भोपाल, जबलपुर के आवेदकों ने भी योजना का लाभ लिया। स्थल पर करीब ढाई हजार से अधिक लोगों के लिए आयोजन समिति ने हलुआ-पूरी और गुलाब जामुन जैसे व्यंजनों का भोजन इंतजाम किया था। वहीं योजना का लाभ पाने के लिए नवजोड़ों की लंबी कतारें उन काउंटर पर देखने को मिली जहां से गिफ्ट बांटी जा रहीं थीं।
मंत्री पुत्रों के डांस ने बटोरी सुर्खियां समारोह में उस समय उत्साह चरम पर पहुंच गया जब राज्य मंत्री लखन पटैल के पुत्र लकी पटैल ने ‘टिंकू जिया’ गाने पर ठुमके लगाए। वहीं पूर्व मंत्री जयंत मलैया के पुत्र सिद्धार्थ मलैया भी ‘आपके आ जाने से’ गाने पर जमकर थिरके। उनके डांस ने दर्शकों का खूब मनोरंजन किया। इस दौरान और भी कार्यकर्ताओं में डांस की धूम रही।
11 वर्षों की सफलता का प्रतीक विधायक जयंत मलैया ने बताया कि यह आयोजन मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत दमोह में 11वां सफल आयोजन है, जिससे अब तक हजारों जोड़े लाभान्वित हो चुके हैं। राज्यमंत्री लखन पटैल ने भी व्यवस्थाओं की खुलकर सराहना की और सिद्धार्थ मलैया व उनकी टीम को सफल आयोजन के लिए बधाई दी।पत्रिका व्यू
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की बेटियों की विवाह में सहायता करना है, लेकिन कुछ लोग इसका दुरुपयोग कर रहे हैं। योजना के तहत मिलने वाले आर्थिक लाभ और उपहारों के लालच में कई ऐसे जोड़े दोबारा फेरे लेते हैं, जो पहले से विवाहित होते हैं। दमोह जिले में अब तक ढाई हजार से अधिक लाभार्थियों में बड़ी संख्या ऐसे लोगों की है जिन्होंने केवल सरकारी लाभ पाने के लिए दोबारा फेरे लिए। यह न सिर्फ योजना की गरिमा को ठेस पहुंचाता है, बल्कि असली जरूरतमंदों का हक भी मारता है। प्रशासन की लापरवाही और पात्रता जांच की कमजोर व्यवस्था ने फर्जीवाड़े को बढ़ावा दिया है।