पड़ताल में पता चला है कि वार्डों में प्रतिदिन दो-दो टैंकर भेजा जाना तय हुआ है। इसके लिए वार्डों के एरिया भी तय किए गए हैं। साथ ही दो टैंकर इसके लिए अधिकृत भी किए गए हैं। इन टैंकरों से इन वार्डों में एक-दो दिन छोड़कर कभी-कभार ही पानी ले जाया जा रहा है, जबकि बिल दिन में दो टैंकर के हिसाब से ही बनाए जा रहे हैं। मई माह में टैंकरों के बिल किस्तों में बनाए गए हैं। खास बात यह है कि इसकी जानकारी उपयंत्री ने नगरपालिका अध्यक्ष को भी देना जरूरी नहीं समझा है।
इधर, फिल्टर प्लांट से अनाधिकृत रूप से भी पानी के निजी टैंकरों को भरा जा रहा है। पुराने फिल्टर की पिछले हिस्से से यह काम किया जा रहा है। यहां से रोजाना ५० से अधिक टैंकर भरे जा रहे हैं। जो शहर में पानी बेचने का काम करते हैं। इनके से अधिक निजी बारात घरों, शादी गॉर्डन में बेचे जा रहे हैं। इसके अलावा कुछ लोग आरओ प्लांट सहित अन्य व्यवसायिक कार्यों में भी टैंकर का उपयोग कर रहे हैं। जबकि यह पानी नगरपालिका के फिल्टर प्लांट से चोरी कर ले रहे हैं। इस संबंध में जब उपयंत्री जितेंद्र पटेल से जानकारी लेने कॉल किया गया, तो उन्होंने कॉल नहीं लिया।
- मई माह से टैंकर की व्यवस्था बनाई गई थी। जिन क्षेत्रों में पानी नहीं पहुंच रहा था, वहां टैंकर से पानी पहुंचाया जा रहा था। १५ दिन में यह व्यवस्था बंद कर दी जाएगी।
सुरेंद्र अहिरवार, एई नगरपालिका दमोह