
दमोह. दमोह नगरपालिका में एक ऐसा नवाचार होने जा रहा है, जो सुनने में भले ही अचरज भरा हो, लेकिन कारगर साबित हो सकता है। सीएमओ अब थर्ड जेंडर (ट्रांस जेंडर) को नगरपालिका क्षेत्र की टैक्स, राजस्व वसूली का जिम्मा देने वाले हैं। जिसके पीछे उनका उद्देश्य इस वर्ग को रोजगार से जोडऩा और वसूली है। देश में पहली बार होने जा रहे इस प्रयोग की तैयारियां शुरू हो गई हैं।
दरअसल, दमोह नगरपालिका क्षेत्र के लोगों पर ४० करोड़ से अधिक टैक्स, राजस्व बकाया है। नपा की राजस्व टीम वसूली में उतनी प्रभावी नहीं हो पा रही हैं, जबकि नागरिक जागरुकता का परिचय नहीं दे रहे हैं। ऐसे में सीएमओ नगरपालिका ने अब वसूली को नए प्रयोग से करने की योजना बनाई है। जिसमें वह अब थर्ड जेंडर को जिम्मेदारी देने वाले हैं।
कैसे होगा काम
नगरपालिका ने अभी ९ थर्ड जेंडर को एकत्र कर लिया है। एक और होते ही १० का एक समूह बना लेंगे। जिन्हें एक कांट्रेक्ट के तहत रखा जाएगा। इन्हें शहर के सभी ३९ वार्डों से टैक्स, राजस्व वसूली करने का जिम्मा दिया जाएगा। इसके एवज में इन्हें एक तय मानदेय दिया जाएगा। कार्य को देखते हुए वसूली के प्रतिशत के आधार पर भी इन्हें काम दिया सकता है।
काम भी सिखाएंगे
थर्ड जेंडर का समूह बनाने के बाद उन्हें एक-दो महीने की शुरुआत में ट्रैनिंग दी जाएगी। जिससे उनकी क्षमताओं को विकसित किया जा सके। इसके लिए शासन से बात की है। इस दौरान भी उन्होंने भुगतान किया जाएगा। कैसे काम करना है, नियम और कानून क्या हैं, बताएंगे। इसके बाद घर-घर वसूली और पैनाल्टी वसूली के लिए भेजा जाएगा।
हक से मिलेगा काम
सीएमओ प्रदीप शर्मा कहते है इसके पीछे उनका उद्देश्य स्पष्ट है। वह वर्ग भी हमारे बीच से ही हैं, लेकिन उन्हें कोई काम नहीं मिल पाता है। रोजगार उनका भी अधिकार है। ऐसे में हम उन्हें जोड़कर एक नवाचार करें, तो रिजल्ट भी बेहतर आएंगे। इससे एक तो उन्हें पहली बार रोजगार मिलेगा, दूसरा हमारी वसूली होगी, जिससे शहर के रुके काम होंगे।
Published on:
05 Jan 2025 11:55 am
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