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इस राजा को बनानी पड़ रही नई राजधानी, इस कारण इंसानों से नहीं रखेंगे कोई वास्ता

72 वर्ग किमी का कोर जोन डूब में, केन बेतवा लिंक परियोजना का काम हो रहा है शुरू

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दमोह

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Deepak Rai

Feb 20, 2018

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यूसुफ पठान मडिय़ादो. अब वह समय दूर नहीं है, जब पन्ना टाइगर रिजर्व के बाघ किशनगढ़ और मडिय़ादो बफरजोन के जंगल में स्थाई रूप से ठिकाना बना कर रहेंगे। क्योंकि केन-बेतवा लिंक परियोजना के तहत पीटीआर के कोर एरिया के ढोडऩ गांव में प्रस्तावित बांध का काम शीघ्र प्रारंभ होने की उम्मीद है।
इस बांध को 77 मीटर ऊंचा व 19 हजार 633 वर्ग किमी जलग्रहण क्षमता वाले इस बांध में 2843 एमसीएम पानी भंडारण कि क्षमता होगी। जानकारी के मुताबिक बांध निर्माण के साथ सुकवाहा, भवरा, खुवा, घुगारी, बसोदा, कुपी, शाहपुर, डोढऩ, पल्कोहा, खरयानी और मेनारी गांव का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। बांध निर्माण के पश्चात टाइगर रिजर्व के बाघों का रहवास भी डूब जाएगा। जब गांव और जंगल जलमग्र हो जाएंगें तो वहां के वन्यजीव और ग्रामीण सुरक्षित स्थान में पलायन कर अपनी जिंदगी की गाड़ी नए सिरे से चलाने का प्रयास करेंगें।
हलाकि प्रबंधन द्वारा जंगल का दायरा बढ़ाने दमोह के जंगल की 12 वीटों को बफरजोन में शामिल कर लिया है, लेकिन बाघों को अपना ठिकाना छोड़ कर नए स्थान पर रहवास बनाना और उन्हें उस ठिकाने पर सुरक्षित रखना पार्क प्रबंधन के सामने बड़ी चुनौती हो सकती है।
दरअसल, रिजर्व फारेस्ट क्षेत्र में केन बेतवा लिंक परियोजना के तहत बांध प्रस्तावित है, जिसे डोडऩ गांव के पास बनाया जाना है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक शीघ्र बांध का निर्माण कार्य प्रारंभ हो सकता है। बांध निर्माण पूर्ण होने के बाद जैसे ही बांध में जलभराव होगा। पार्क प्रबंधन को वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर एक नई समस्या का सामना करना पड़ेगा।
बफर को कोर में करेगें शामिल
प्रस्तावित डोढऩ बांध चूकिं पन्ना टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में आता है, जो बाघों का प्रिय विचरण व रहवास स्थल है। इसी जगह पर अति दुर्लभ लंबी चोंच वाले गिद्ध व बाघों के सहित विभिन्न प्रकार के जीवों के रहवास स्थल हैं। बाध निर्माण के पश्चात पन्ना टाइगर रिजर्व को कोर एरिया बढ़ाने के लिए बफर को कोर में शामिल करना पड़ेगा। नेशनल बोर्ड ऑफ वाइल्ड लाइफ की स्थाई समिति ने केन-बेतवा रिवर लिंकिग परियोजना पर अपनी रिपोर्ट में कहा है कि प्रस्तावित जलप्लावित क्षेत्र दायरे में पूरा वन क्षेत्र आ जाएगा। ढोडऩ गांव के डेम निर्माण में तीन गांव जलमग्न हो जाएंगें। स्थानीय ग्रामीण तो पहले ही टाइगर रिजर्व के कारण डर और संकट के साए में जी रहे हैं। केन-बेतवा लिंक परियोजना के कारण करीब 72 वर्ग किमी में फैले पन्ना बाघ अभ्यारण के डूब जाने की आशंका है।
काम चल रहा है
डोढऩ गांव में केन-बेतवा लिंक परियोजना के तहत बांध प्रस्तावित है, जिस का काम जल्द शुरू हो सकता है। विभाग द्वारा मडिय़ादो किशनढ़ बफर के जंगलों में सुरक्षा बढ़ाने काम किए जा रहे हैं।
राजेंद्र सिंह नरगेश बफरजोन प्रभारी