रोक-टोक नहीं, न सुरक्षा कर्मी तैनात फाटक पर न तो कोई सुरक्षा कर्मी तैनात रहता है और न ही कोई चेतावनी संकेत या बैरिकेडिंग की गई है। वहीं रात के समय अंधेरे में ट्रेन दूर से दिखाई नहीं देती, जिससे खतरा और बढ़ जाता है। फाटक बंद होने के बावजूद लोग बेखौफ तरीके से ट्रैक पार करते हैं, जिससे हादसों की आशंका कई गुना बढ़ जाती है।
हो चुके हैं कई हादसे जानकारी के अनुसार फुटेरा फाटक पर अब तक कई लोग हादसों का शिकार हो चुके हैं, जिनमें से कुछ की मौके पर ही मौत हो चुकी है। इसके बावजूद सुरक्षा उपायों में कोई सुधार नहीं किया गया है, जिससे यहां हर दिन एक संभावित हादसा मंडराता रहता है।