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परिसीमन को लेकर आया बड़ा अपडेट, इस आधार पर किया गया सीमांकन

MP News: परिसीमन की प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। पुरानी जनसंख्या, अस्पष्ट दस्तावेज और पारदर्शिता की कमी ने पूरे परिसीमन को विवादों में ला दिया है।

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दमोह

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Akash Dewani

Dec 20, 2025

damoh nagar palika delimitation 2011 census report mp news

damoh nagar palika delimitation update (फोटो-Patrika.com)

Nagar Palika Delimitation: दमोह नगर पालिका में परिसीमन को लेकर शुरू हुई वार्ड विस्तार प्रक्रिया शुरुआत से ही सवालों के घेरे में हैं। सीएमओ द्वारा सूची जारी करने के बाद अब जनसंख्या का आधार, जनजातीय आरक्षण स्पष्ट नहीं करना जैसे सवाल सामने आ रहे है, जिसे विभागीय अधिकारियों द्वारा स्पष्ट नहीं किया जा रहा है।

ऐसे में कहा जा रहा है कि जब शहर की बढ़ती सीमाओं और जनसंख्या के आधार पर नया परिसीमन किया जा रहा है तो 2011 की जनसंख्या (2011 Census) को इसका आधार बनाना कहां तक सही है। इससे वार्डों के विस्तार अधिनियम के नियमों की पूर्ति भी नहीं हो रही है। साथ ही ऐसा कहीं भी उल्लेख नहीं है कि वार्डों का विस्तार इतनी पुरानी जनसंख्या के आधार पर किया जा सकता है। (mp news)

60 हजार से अधिक मतदाता का फर्क

गौरतलब है कि 2011 की जनसंख्या और 2025 के आंकड़ों पर गौर करें तो इसमें 60 हजार से अधिक मतदाता का फर्क समझ आता है, जो वार्डों की संख्या भागित जनसंख्या के आंकड़ों को भी प्रभावित करते नजर आ रहे हैं। दरअसल, दमोह नगर पालिका के परिसीमन के तहत वार्डों का विस्तार सीएमओ नगरपालिका द्वारा करके सूची का प्रकाशन कर दिया गया है, वहीं एसडीएम ने इस पर दावे आपत्तियां भी बुला ली है, लेकिन अब इसे लेकर तरह-तरह की आपत्तियां पार्षदों, आम जनों के द्वारा रखी जा रही है।

नई मतदाता सूची से बिगड़ जाएगा गणित

नई सूची में तय की गई वार्ड के लोगों की संख्या को एक तय पैमाने के अनुसार रखा गया है। इसमें अधिनियम के तहत तय वार्ड संख्या 39 को 2011 की कुल जनसंख्या 1 लाख 54 हजार करीब से भागित करते पर औसत 3948 प्रति वार्ड जनसंख्या बैठती है। नियम अनुसार किसी भी वार्ड में 15 प्रतिशत तक कम-बढ़ किया जा सकता है। ऐसे में औसत 4550 से अधिक जनसंख्या किसी वार्ड की नहीं हो सकती है। जिसका ध्यान तो सूची में रखा गया है, लेकिन नई मतदाता सूची को 2011 की जगह रखा जाए तो यह पूरा गणित ही बिगड़ जाता है। नई सूची में यह संख्या 2 लाख से भी अधिक होती है। ऐसे में वाडाँ की सीमाओं का विस्तार भी संदेह के दायरों में आ जाता है।

कैसे किया वार्डों का विस्तार, नहीं दी जा रही जानकारी

शुरू हो गए हैं. लेकिन इनका जवाब देने कोई सामने नहीं आ रहा है। सीएमओ के हस्ताक्षर से जारी हुई सूची के बाद भी इसके दस्तावेजों को पूरी तरह से पार्षदों और लोगों के सामने नहीं लाया जा रहा है। ऐसे में पार्षद पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता रखने की मांग कर रहे हैं। पार्षदों के अनुसार इस सूची में जिस तरह के सीमाएं दिखाई जा रही हैं, उसके अनुसार वार्डों के मानचित्र नहीं दिखाए जा रहे हैं. जो दिखाए भी जा रहे हैं वह भिन्न है। इसके अलावा जनसंख्या का आधार, जनजातीय आधार कैसे रखा गया है. इसके भी दस्तावेज नहीं दिखाए जा रहे हैं। (mp news)

अब तक की प्रक्रिया शून्य होना चाहिए

वार्ड क्रमांक 2 से पार्षद प्रतिनिधि शीलेंद्र सिंह ने बताया कि वार्डों के विस्तार अधिनियम के तहत कार्य नहीं किया जा रहा है। सीएमओ द्वारा जारी सूची ही पूरी प्रक्रिया को शून्य करती है, क्योंकि यह उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर हैं। इस सूची को अनुविभागीय अधिकारी को जारी करना चाहिए। इसके अलावा 2011 की जनसंख्या के आधार, वार्डों की सीमाओं पर जनजातीय संख्या का आधार, विस्तार के समस्त दस्तावेजों को पारदर्शिता से सभी के समक्ष नहीं रखना सहित अन्य कमियां हैं। जिस पर उनके वार्ड से आपत्ति लगाई जाएगी।

नियम से सभी कार्य किए जा रहे हैं। इसके बाद भी जो आपत्तियां आती हैं, उन पर पुर्नः विचार किया जा सकता है। 27 के बाद इन बिंदुओं पर चर्चा होगी।- आरएल बागरी, एसडीएम दमोह