जानकारी के अनुसार, राय कंप्यूटर सेंटर पर जांच के दौरान 38 डिजिटल सिग्नेचर डोंगल, ग्राम पंचायतों से जुड़े शासकीय दस्तावेज, सील, फाइलें और करीब 25 से 30 आधार कार्ड व बैंक पासबुक जब्त की गईं हैं। ये सभी दस्तावेज जनपद कार्यालय में होना चाहिए थे, लेकिन वे निजी कंप्यूटर सेंटर में पाए गए। जांच में यह तथ्य भी सामने आया कि इनमें से कई दस्तावेज संवेदनशील श्रेणी में आते हैं और उनका निजी हाथों में होना नियमों का उल्लंघन है।इस कार्रवाई में दमोह कोतवाली से प्रभारी मनीष कुमार, पटेरा थाना प्रभारी सरोज सिंह ठाकुर, तहसीलदार शिवराम चढ़ार, नायब तहसीलदार राजेश सोनी, पटवारी अभिषेक ताम्रकार और अन्य स्टाफ शामिल रहा। इधर, टीम ने गौरव विश्वकर्मा के ऑफिस और घर पर भी तलाशी ली।
कार्रवाई को लेकर एसडीओपी प्रशांत सिंह सुमन ने बताया कि यह कार्रवाई वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशानुसार की गई है। दोनों सेंटरों से शासकीय दस्तावेज, डिजिटल सिग्नेचर डोंगल, आधार कार्ड और बैंक पासबुक आदि जब्त कर आगे की जांच के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया गया है। वहीं कार्रवाई को लेकर तहसीलदार शिवराम चढ़ार ने भी पुष्टि की कि निजी कंप्यूटर सेंटर में शासकीय दस्तावेजों की मौजूदगी गंभीर विषय है, जिसकी जांच की जा रही है।इधर, कार्रवाई को लेकर राय कंप्यूटर सेंटर संचालक हीरालाल राय ने कहा कि ग्राम पंचायतों के सचिव और सरपंच भरोसे के आधार पर उनके यहां काम कराते हैं। डिजिटल सिग्नेचर डोंगल भी वे अपने कामों के लिए यहीं छोड़ देते हैं। बहरहाल, अधिकारियों मामले की जांच के बाद गड़बडि़यों को सार्वजनिक किए जाने की बात कही हे।