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संसद में गतिरोध करने वाली ताकतों के खिलाफ सांसद ने किया अनशन

दलित बस्ती में गांधी जी के बनाए गुरुद्वारे के समक्ष बैठे

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दमोह. लोकतंत्र में उसका मंदिर संसद को बतलाया गया है, उसकी अपनी गरिमा व सिद्धांत बतलाए गए हैं, लेकिन उसी मंदिर की गरिमा को समाप्त करने तथा उसके कार्य में गतिरोध उत्पन्न करने का कार्य किया जाए तो इसे आप इसको लोकतंत्र का अपमान नहीं तो क्या कहेंगे?
ऐसा ही कुछ हुआ एक दो दिन नहीं संसद ही इन गतिरोध उत्पन्न करने वाली ताकतों की भेंट चढ़ गया। जिसके कारण देश को काफी नुकसान उठाना पड़ा। ऐसी ही ताकतों के विरुद्ध दमोह संसदीय क्षेत्र के सांसद प्रहलाद सिंह पटेल ने एक दिवसीय धरना और अनशन किया।
सांसद प्रहलाद सिंह पटेल ने अनशन का शुभारंभ गुरुद्वारे में मत्था टेक व महात्मा ज्योतिबा फुले को नमन करते हुये किया। सांसद ने कहा कि जब देश परतंत्र तथा इसको स्वतंत्र कराने के लिए महात्मा गंाधी स्वंय अनशन, उपवास, मौन जैसे अस्त्रों का प्रयोग करते रहे हैं, इन्ही को आदर्श मानते हुए हम यहां बैठे हैं। उन्होंने कहा कि मैं अटल बिहारी बाजपेयी जी को अपना आदर्श मानता हूं और वह कहते थे कि कुछ भी हो जाए पर कुएं में न कूदना जिसमें कूदने से या तो मर जाओगे अगर बच भी गए तो अधमरे तो हो ही जाओगे और कार्य तो होगा नहीं। इसलिये देश के विकास के लिए आवश्यक है संसद को चलने देना। उन्होंने कहा कि एक प्रश्न के उत्तर आने मे लाखों रुपए का जब खर्च होता है तो फिर एक दिन का खर्च कितना होता होगा। आप अंदाजा लगाईए। उसके बाद संसद के कार्य में गतिरोध उत्पन्न करना कितना उचित है। सांसद पटेल ने कहा कि देश के इतिहास का यह पहला अवसर होगा। जब संसद जितने दिन नहीं चली न तो भाजपा कोई भी सांसद वेतन भत्ता लेगा न ही प्रधानमंत्री व कोई भी मंत्री यानि काम नहीं तो वेतन नहीं। उन्होंने बाली देश की राष्ट्रभक्ति का उदाहरण दिया तो भारत सरकार द्वारा नागरिकों के लिये संचालित कर रही जनकल्याणकारी योजनाओं को भी बतलाया। भविष्य की योजनाओं के बारे मेे विस्तार से सांसद प्रहलाद सिंह पटेल ने रखा।
इस अवसर पर सीधे प्रसारण के माध्यम से प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के उद्बोधन को भी उपस्थितों ने सुना। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा हरिजन बाहुल्य क्षेत्र में स्थापित गुरुद्वारे के सामने स्थान चयन कर अपना यह अनशन किया संपन्न किया जो कि आज तक के इतिहास में पहली बार किसी जनप्रतिनिधि ने यह पहली बार किया है। विदित हो कि दमोह शहर के बजरिया वार्ड क्रमांक 3 में स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारा जिसकी नींव राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा 2 दिसंबर 1933 को डाली गई थीं, इसे बनाने में हरिजन सेवक संघ द्वारा सहयोग किया गया था।
इस दौरान प्रदेश उपाध्यक्ष विनोद गोटिया, संभागीय संगठन मंत्री आशुतोष तिवारी, भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष देवनारायण श्रीवास्तव, अनूसूचित जाति मोर्चा एवं अनुसूचित जाति के अध्यक्ष बीडी बावरा, महामंत्री रमन खत्री, नगर पालिका अध्यक्ष मालती असाटी, प्रमोद विश्वकर्मा, सुशील सोनी, सुशील गुप्ता, जय सरवरिया, राजाराम सोनी, पार्षद, संतोष रोहित, महामंत्री भाजपा नगर, पं. बृज गर्ग नगर मंडल अध्यक्ष, भाजपा, महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष प्रतिभा तिवारी, बबली विश्वकर्मा, छाया साहू, सुधा झारिया, विवेक अग्रवाल, नीलेश सिंघई, सिद्धार्थ मलैया, नितिन चौरसिया, माणिक चंद सचदेव की मौजूदगी रही।