
The narrow rooms will feature two to three classes
दमोह. जिले का शिक्षण सत्र 24 जून से शुरू होने जा रहा है। सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए स्कूल भवन उपलब्ध नहीं हैं। सूरते हाल यह है कि जिले में 35 स्कूल भवन निर्माणाधीन हैं, जिससे इन स्कूलों की कक्षाएं मिडिल स्कूल में ही संचालित हो रही हैं। वैसे पहले निर्माणधीन पक्के भवनों का उपयोग भी नहीं हो पाने से कई जगह स्कूल
शहरी क्षेत्र में सरकारी स्कूलों ये हाल बेहाल हैं, जहां पर पुराने खपरैल भवनों की रंगाई पुताई कर स्कूल लगाया जा रहा है, जबकि लाखों रुपए से बनाए गए सीमेंट कांक्रीट भवन बगैर उपयोग के ही जर्जर अवस्था में पहुंच गए हैं।
फुटेरा वार्ड स्थित शहीद प्रेमचंद प्राइमरी स्कूल पुराने भवन में ही लगाया जा रहा है। यहां शौचालय भी बनाया गया है, जिसमें ताला डला रहता है। यहां पानी के लिए एक हैंडपंप लगा हुआ है। इस पुराने खपरैल स्कूल भवन में संकीर्णता के चलते एक सीमेंट कांक्रीट भवन भी बनाया गया था, लेकिन दमोह जिले में निर्माण कार्यों में गड़बड़ी बरतते हुए लाखों की हेराफेरी की प्रवृत्ति के चलते सीमेंट कांक्रीट भवन का फर्श भी नहीं बन पाया, अंदर की दीवारें ढह गई हैं। इन कमरों में असामाजिक तत्वों का डेरा होने स्कूल के नाम पर केवल ब्लैक बोर्ड ही नजर आ रहा है। जिससे शासन द्वारा लाखों रुपए की राशि व्यर्थ में चली गई और यहां पढऩे वाले विद्यार्थियों को पुराने खपरैल भवन में ही अध्ययन करने के लिए विवश होना पड़ रहा है। हालांकि इस स्कूल का रंग रोगन चुनाव के कारण हो गया, क्योंकि इस स्कूल में बने बूथों को पिंक बूथ का दर्जा दिया गया था, जिससे स्कूल का बाहरी रंगरोगन अब बेहतर नजर आने लगा है।
जिले में दुर्दशा का शिकार सबसे ज्यादा प्राइमरी स्कूल हैं, जिले में कई जगह हालात तो ऐसे हैं कि पुराने भवन जीर्णशीर्ण होने के कारण बरामदे में या एक अतिरिक्त कक्ष में पहली से पांचवीं तक कक्षाएं लग रही हैं। प्राइमरी प्रेमचंद स्कूल की तरह अन्य जगह भी नए भवनों का निर्माण कराया गया, लेकिन उनकी स्थिति भी जस की तस रही है।
जिले के अधिकांश स्कूल जगह की कमीं की समस्या से जूझ रहे हैं। जबकि वहां पर पहली से बारहवीं तक की कक्षाएं लगाई जा रही हैं। कई स्कूल ऐसे हैं, जिनका संचालन मिडिल स्कूलों में किया जा रहा है। कई जगह मिडिल स्कूल में ही हाइ व हायर सेकंडरी स्कूलों का संचालन किया जा रहा है। जिले में हाइ से लेकर हायर सेकंडरी स्कूल के सुसज्जित भवन न होने से विद्यार्थियों के लिए प्रयोगशालाएं भी नहीं हैं। जिनमें ग्रामीण क्षेत्र के सभी स्कूल शामिल हैं।
जिले मे हाइ व हायर सेकंडरी स्कूल करीब 35 की संख्या में 2017 में स्वीकृत हुए थे, जिनकी स्थिति 30 मार्च 2019 को कलेक्टर को दिए गए रिपोर्ट में यह रही कहीं पिलंथ स्तर तक कार्य हो पाया है, कहीं छत स्तर का कार्य तो कहीं कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है। इन दो सालों में ठेकेदारों द्वारा मंथर गति से कार्य किए जाने के कारण इस नवीन सत्र में भी हाइ व हायर सेकंडरी के नए भवनों का लाभ विद्यार्थियों को नहीं मिल पाएगा।
निर्माणधीन स्कूलों की स्थिति
हाइस्कूल खमरिया अजीतपुर का निर्माण कार्य पिलंथ स्तर तक हुआ है। हाइस्कूल हिंगवानी पिलंथ स्तर, हाइस्कूल कुंडलपुर फिनिसिंग स्तर, हायर सेकंडरी स्कूल केरबना द्वितीय तल छत स्तर, जिला शिक्षा अधिकारी भवन द्वितीय तल छत स्तर, हायर सेकंडरी स्कूल लुहारी पिलंथ स्तर, हायर सेकंडरी स्कूल काइखेड़ा पिलंथ स्तर , हायर सेकंडरी बनगांव द्वितीय तल छत स्तर, हायर सेकंडरी फुटेराकला छत स्तर, हायर सेकंडरी बेलापुरवा छत स्तर, हायर सेकंडरी स्कूल भवन सरदार पटैल धरमपुरा वार्ड दमोह कार्य प्रारंभ ही नहीं, हायर सेकंडरी हिंडोरिया पिलंथ स्तर, हायर सेकंडरी टौरी पिलंथ स्तर, हायर सेकंडरी मारूताल छत स्तर, हायर सेकंडरी स्कूल इमलाई पिलंथ स्तर, हायर सेकंडरी जोरतला पिलंथ स्तर, हायर सेकंडरी जोरतला खुर्द पिलंथ स्तर, हायर सेकंडरी स्कूल भवन हथना पिलंथ स्तर, हायर सेकंडरी उमरी पिलंथ, हायर सेकंडरी पटना बुजुर्ग पिलंथ स्तर, हायर सेकंडरी वर्धा पिलंथ स्तर, हायर सेकंडरी रजपुरा पिलंथ स्तर, हायर सेकंडरी सिंगपुर पिलंथ स्तर, हायर सेकंडरी खमरिया बिजौरा पिलंथ स्तर, हायर सेकंडरी स्कूल कुमेरिया छत स्तर, हायर सेकंडरी सीतानगर छत स्तर, हायर सेकंडरी असलाना छत स्तर, हायर सेकंडरी जेरठ पिलंथ स्तर, हायर सेकंडरी तारादेही फिनिसिंग स्तर, हायर सेकंडरी सर्रा पिलंथ स्तर, हायर सेकंडरी तेंदूखेड़ा पिलंथ स्तर, हायर सेकंडरी सैलवाड़ा पिलंथ स्तर, मिडिल स्कूल हटा कार्य शुरू नहीं, हाइस्कूल मझगुवांपतौल कार्य शुरू नहीं, 100 सीटर बालिका छात्रावास उत्कृष्ट विद्यालय दमोह पिलंथ स्तर 100 सीटर बालक छात्रावास भवन उत्कृष्ट विद्यालय दमोह पिलंथ स्तर पर कार्य जारी है।
Published on:
21 Jun 2019 06:06 am
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