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गुरु द्वारा स्थापित तीर्थ पर नव गणाचार्य विशुद्ध सागर ही होगी अगवानी, होगा चातुर्मास

समाधिस्थ संत गणाचार्य विराग सागर की जन्म स्थली है पथरिया, समाधि के बाद हुआ है आचार्य पदारोहण

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दमोह

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Samved Jain

Jul 02, 2025

समाधिस्थ संत गणाचार्य विराग सागर की जन्म स्थली है पथरिया, समाधि के बाद हुआ है आचार्य पदारोहण

समाधिस्थ संत गणाचार्य विराग सागर की जन्म स्थली है पथरिया, समाधि के बाद हुआ है आचार्य पदारोहण

दमोह. समाधिस्थ संत गणाचार्य विरागसागर के शिष्य व नव गणाचार्य विशुद्ध सागर महाराज का जिले में आज बुधवार को प्रवेश होने जा रहा हैं। गणाचार्य पदारोहण के बाद पहली बार उनका प्रवेश होगा। वह गुरू की जन्मस्थली और उनके द्वारा स्थापित विरागोदय तीर्थ पर चातुर्मास करेंगे, इससे जिले में बड़ा धार्मिक उत्सव होगा, जिसका देश भर के लोग लाभ लेंगे। विदित हो कि २०२३ में पथरिया में विरागोदय तीथ पंचकल्याणक महोत्सव हुआ था। उस समय गुरु गणाचार्य विराग सागर और शिष्य आचार्य विशुद्ध सागर का मिलन हुआ था। साथ चतुर्विध संघ भी यहां पहुंचा था। इसके बाद विरागसागर की समाधि हो गई थी और हाल ही में इंदौर में हुए बड़े आचार्य पदारोहण कार्यक्रम में विशुद्ध सागर को गणाचार्य पद मुनियों और आर्यिकाओं के सानिध्य में सौंपा गया है।

विरागोदय के साथ-साथ नगर को सजाया
बताया गया है कि गणाचार्य विशुद्ध सागर संघ के नगर प्रवेश आगवानी के लिए पूरे नगर को दुल्हन की सजाया जा रहा है। आचार्यश्री के मंगल चातुर्मास नगर के तीर्थ विरागोदय में तय होने होने से उत्साह का माहौल है। बुधवार को सुबह 8 बजे शाहपुर रोड से अगवानी अभिनंदन स्वागत के साथ नगर में आचार्य संघ का प्रवेश होगा। जलूस मुख्य मार्गों से होता हुआ बड़े जैन मंदिर पहुंचेंगा, जहां आचार्य संघ का प्रवास रहेगा। शाम को विरागोदय तीर्थ में मंगल अगवानी होगी। जबकि 12 जुलाई को मंगल कलश स्थापना होगी। चातुर्मास समिति के अध्यक्ष संजय कुबेर ने सभी से उपस्थिति का आग्रह किया है।