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उत्कृष्ट विद्यालय में हो रहे तीन स्कूल संचालित, शिक्षक व विद्यार्थी परेशान

बिल्डिंग होने के बाद भी पिछले छह वर्षों से लग रहा था उत्कृष्ट विद्यालय में

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chhindwara

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हटा. कोराना संक्रमण के कारण भले ही अभी स्कूल नहीं लग रहे हों, लेकिन सरकारी आदेश के अनुसार 16 जुलाई से मॉडल स्कूल में प्रवेश प्रारंभ हो गए। नए शिक्षण सत्र के प्रारंभ में ही बिल्डिंग की समस्या को देखते हुए स्कूल स्टाफ ने अपनी बिल्डिंग में ही स्कूल संचालित करने का निर्णय लिया है। लेकिन बिल्डिंग सेंट्रल स्कूल के लिए कलेक्टर द्वारा दी गई है।
उत्कृष्ट विद्यालय में वर्तमान में तीन स्कूल संचालित हो रहे हैं। ऐसे मे बच्चों को बैठने सहित शिक्षकों को बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। एक कक्षा में ही मॉडल स्कूल और उत्कृष्ट विद्यालय के बच्चों को पढ़ाया जाता है। जबकि सरकार की मंशा अनुरूप मध्यप्रदेश एक हजार मॉडल स्कूल, नवोदय विद्यालय की तर्ज पर बनाए गए थे। लेकिन सही क्रियांवयन नहीं होने से इन स्कूलों का लाभ बच्चों को सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। मॉडल स्कूल मे बच्चों और शिक्षकों का चयन प्रवेश परीक्षा के माध्यम से होता है। यहां पर पूरी पढ़ाई निशुल्क होती हैं। लेकिन इस स्कूल के उत्कृष्ट विद्यालय में एक साथ लगने से यहां का लाभ उन प्रतिभावान छात्रों को नहीं मिल पा रहा है, जिनके लिए यह योजना चलाई गई थी।
उत्कृष्ट विद्यालय करता है भेदभाव
अभी हाल में ही कक्षा दसवीं मे 90 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले छात्रों का सम्मान किया गया था। लेकिन एक छात्र मॉडल स्कूल से भी 90 प्रतिशत से अधिक लाया था पर उसको सम्मान सभा में नहीं बुलाया गया था।बता दें कि मॉडल स्कूल की बिल्डिंग खाली कराने के लिए आयुक्त द्वारा कलेक्टर को पत्र लिखा गया था। लेकिन कलेक्टर द्वारा कोई कार्रवाई नहीं करने से यह मामला और उलझता जा रहा है।फिलहाल मामले में एसडीएम राकेश सिंह मरकाम का कहना है कि कुछ दिनों पूर्व ही उन्होंने उत्कृष्ट पिद्यालय प्रबंध समिति की बैठक ली थी। तब कोई विषय सामने नहीं आया। अब पता करता हूं, लेकिन केंद्रीय विद्यालय के सामने तंबू लगाकर बैठना गलत है।