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मनमानी से परेशान दमोह के प्रभारी सीएमओ नगरपालिका से 10 दिन से गायब

जेडी को पत्र लिखकर बताए कर्मचारियों की मनमाने रवैये, अपने स्वास्थ्य और उनका १०-१२ दिन का वादा

दमोहJun 07, 2025 / 06:50 pm

Samved Jain

Nagar Palika damoh

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दमोह. महीने भर पहले ही दमोह नगरपालिका के अतिरिक्त प्रभार पर आए गुन्नौर सीएमओ रामचरण अहिरवार बीते १० से १२ दिनों से गायब है। वह नगरपालिका में भी नहीं देखने मिल रहे हैं। ऐसे में शहर से संबंधित अधिकांश काम अटक रहे हैं, तो कुछ कामों को करने के लिए होटल, घरों से फाइलों का निबटाया जा रहा है। इन सब के बीच आम जनमानस को सबसे ज्यादा परेशान होना पड़ रहा है। इधर, सीएमओ के गायब होने के बीच उनके द्वारा जेडी को एक पत्र लिखकर अपनी व्यथा सुनाने और दमोह का अतिरिक्त प्रभार वापस लेने की मांग करने की भी बात सामने आ रही है। जिसमें उन्होंने कर्मचारियों के मनमाने रवैया, अपने स्वास्थ्य सहित अन्य बिंदुओं का उल्लेख किया है। हालांकि, यह पत्र अभी तक सामने नहीं आ सका है। विदित हो कि अप्रेल माह में कर्मचारियों की कामबंद हड़ताल और धर्मध्वजा मामले के बाद सागर अटैच किए गए दमोह सीएमओ प्रदीप शर्मा की जगह २१ अप्रेल को गुन्नौर परिषद सीएमओ रामचरण अहिरवार को दमोह नगरपालिका का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था।
कलेक्टर, पीओ डूडा को भी दी गई जानकारी
प्रभारी सीएमओ रामचरण अहिरवार ने बताया कि उन्होंने एक पत्र जेडी सागर को लिखा है। यह पत्र कलेक्टर दमोह, पीओ डूडा, नगरपालिका अध्यक्ष को भी भेजा है। जिसमें स्वयं को दमोह नगरपालिका के अतिरिक्त प्रभार से मुक्त करने की मांग की है। साथ ही यहां कार्य करने में असमर्थता भी जताई है। अहिरवार के अनुसार उन्होंने पत्र में उल्लेख किया है कि दमोह नगरपालिका में कार्यालय, शाखा प्रभारी उनकी सुनते हैं। कोई भी कार्य करने कहा जाए, तो एक-दूसरे पर टालते हैं। जिससे सभी महत्वपूर्ण और शासन की महत्वाकांछी योजनाओं के कार्य अटक रहे हैं। शिकायतें बढ़ रही हैं। काम नहीं करने वाले कर्मचारियों पर कार्रवाई भी नहीं पा रहे हैं, ऐसे माहौल में काम करना ठीक नहीं है। अहिरवार ने यह भी लिखा कि वह गंभीर बीमारियों से ग्रसित और उपचाररत हैं। ऐसे में दमोह से गुन्नौर बीच-बीच में आना-जाना सहित दो जगह का काम एक साथ नहीं देख सकते हैं, यह दूसरा कारण बताया है।
जेडी ने १०-१२ दिन के लिए कहा था, फिर हर हफ्ते रहे टाल
अहिरवार ने कहा कि संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन राजेश श्रीवास्तव ने उन्हें १०-१२ दिन के लिए दमोह जाने कहा था, लेकिन उन्होंने पूरे एक महीने इंतजार किया। यहां काम भी किया। अब वह हर हफ्ते २-४ दिन इंतजार करने की बात कह रहे हैं, जिससे उन पर लगातार दबाव बढ़ता जा रहा है। दमोह नगरपालिका के हालात ऐसे हैं कि यहां काम करना मुश्किल है। कर्मचारियों और स्वयं के अतिरिक्त प्रभार के संबंध में मैंने कलेक्टर को इस बात से अवगत कराया था। साथ ही कहा था कि अटैच हो चुके सीएमओ प्रदीप शर्मा ने कर्मचारियों के ढर्रा को सुधारने का प्रयास किया था। इसीलिए उनके साथ घटनाएं हुईं। जब तक दमोह के वरिष्ठ अधिकारी, जनप्रतिनिधि बैठकर सब कुछ तय नहीं करेंगे, तब तक दमोह नगरपालिका ठीक नहीं हो पाएगी। इस संबंध में नगरपालिका के नेताओं से भी चर्चा की और मदद की अपेक्षा की, लेकिन उन्होंने भी ध्यान नहीं दिया।
वर्शन
शासन स्तर पर दमोह में एक-दो दिन में नए सीएमओ के आने की उम्मीद है। रामचरण अहिरवार का पत्र मिला था, जिस पर विचार किया जा रहा है।
राजेश श्रीवास्तव, संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन

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