
वाटर प्लांटों की नहीं होती जांच, की जा रही मनमानी
नगर पालिका व जिम्मेदार अफसर नहीं कर रहे प्लांट की जांच
दमोह. शहर के सैकड़ों घरों और दुकानों में निजी वाटर प्लांटों से आरओ वाटर के नाम पर साधारण पानी बेचा जा रहा है। ये पानी भी किस गुणवत्ता का है, इसका कोई ठोस मानक निर्धारित नहीं है। ये प्लांट किस स्रोत से पानी ला रहे हैं और उसे किस प्रक्रिया से शुद्ध कर रहे हैं, इसकी न तो कोई जानकारी है और न ही कोई जांच हो रही। इस मामले में नगरपालिका प्रशासन की उदासीनता भी सामने आ रही है। इसके चलते निजी वाटर प्लांट संचालकों को मनमानी और भी बढ़ गई। दूसरे शब्दों में कहें, तो निजी वॉटर प्लांट संचालक खुलेआम लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
निजी वाटर प्लांट संचालकों की मनमानी बढऩे की एक बड़ी वजह शहर में नियमित और साफ पानी की आपूर्ति न होने की वजह से सैकड़ों लोग निजी प्लांटों पर निर्भर हैं, लेकिन इन प्लांटों की कार्यप्रणाली को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। किसी भी प्लांट में तय मानकों का पालन नहीं किया जा रहा है। हालत ये हैं कि ये भी स्पष्ट नहीं है प्लांट पानी कहां से प्राप्त आ रहा है और पानी साफ करने के लिए किस प्रकार शोधन प्रक्रिया का इस्तेमाल किया जा रहा है। स्थानीय लोग भी इस मामले में ङ्क्षचता जता रहे हैं। दुकानदार रोहित अग्रवाल ने बताया कि प्रतिदिन दुकान के लिए कैम्पर में 20 लीटर पेय जल खरीदता हूं। पानी ठंडा होता है, लेकिन इसके अलावा इसकी गुणवत्ता को लेकर कोई आश्वासन नहीं है।
नियमित जांच होना जरूरी
नियमों के अनुसार पीने के पानी की आपूर्ति करने वाले हर प्लांट की नियमित जांच और मान्यता होनी चाहिए। हालांकि शहर में कई प्लांट ऐसे हैं जो इसके उलट संचालित हो रहे हैं। यहां तक कि जिम्मेदारों द्वारा किसी प्लांट का कभी निरीक्षण तक नहीं किया जाता है। जबकि प्लांटों की समय समय पर जांच और तय मानकों का पालन कराना जरूरी है। ताकि सुरक्षित और स्वच्छ पानी मिले।
&नगरपालिका क्षेत्र में जहां पर भी वॉटर प्लांट संचालित हो रहे हैं, इसकी जानकारी प्राप्त कर कार्रवाई की जाएगी।
प्रदीप शर्मा, सीएमओ
Updated on:
03 Nov 2024 07:17 pm
Published on:
03 Nov 2024 07:16 pm
बड़ी खबरें
View Allदमोह
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
