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छत्तीसगढ़ की बेटी ने जापान तक का सफर किया तय, एजुकेशन टूर में मिला चांस, विदेश में भूकंप का किया अनुभव

CG Dantewada News : सुदूर नक्सल प्रभावित क्षेत्र दंतेवाड़ा जिले के किरन्दुल केंद्रीय विद्यालय में अध्ययनरत निधि श्रीवास्तव ने जापान में अपनी प्रतिभा का लोहा मनाया है।

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छत्तीसगढ़ की बेटी ने जापान तक का सफर किया तय, एजुकेशन टूर में मिला चांस, विदेश में भूकंप का किया अनुभव

छत्तीसगढ़ की बेटी ने जापान तक का सफर किया तय, एजुकेशन टूर में मिला चांस, विदेश में भूकंप का किया अनुभव

CG Dantewada News : सुदूर नक्सल प्रभावित क्षेत्र दंतेवाड़ा जिले के किरन्दुल केंद्रीय विद्यालय में अध्ययनरत निधि श्रीवास्तव ने जापान में अपनी प्रतिभा का लोहा मनाया है। निधि छत्तीसगढ़ व मध्यप्रदेश से चयनित एकमात्र छात्रा थी जिसे जापान जाने का अवसर मिला। केंद्रीय विद्यालय की 12 वीं कक्षा में पढ़ाई कर रही निधि ने बताया कि उनका चयन सकुरा कार्यक्रम के तहत हुआ था। सकुरा का आयोजन भारत सरकार एजूकेशन मिनिस्ट्री द्वारा किया गया था। जिसमें उसका चयन हुआ था।

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भूकंप का किया अनुभव

निधि ने बताया कि जापान में हमेशा भूकंप आते हैं और वहां पर जो मकान बनाए गए हैं ऐसी टेक्नोलॉजी से बने हैं इसमें भूकंप का असर नहीं होता हम 50 मंजिल इमारत पर बैठे थे तभी भूकंप आया इसे हम लोगो ने पहली बार अनुभव किया। हम लोग से जापान के केमिस्ट्री नोबेल पुरस्कार विजेता सिनिया यामा लाक़ा से भी वार्ता हुई बहुत अच्छा अनुभव रहा।

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परदेश में देश का एहसास

निधि ने बताया कि मैं वेजिटेरियन हूं और जापान में सभी सी-फूड खाते हैं। मुझको काफी दिक्कत हुई मैं चॉकलेट खाकर रहती थी। यहां एक इंडियन रेस्टोरेंट मिला। रेस्टोरेंट के मालिक को पता चला कि हम भारतीय हैं और एजुकेशन टूर के लिए आए हैं तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उन्होंने सभी को एक एक गिलास लस्सी पिलाई, और हमलोगों से खूब बातें की, निधि ने कहा कि भारत का व्यक्ति किसी भी देश में मिले तो उसे अपनी माटी की खुशबू अपने आप ही खींच ले आती है।

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परदेस में भी देश का एहसास होता है और वह एहसास हम लोगों को इंडियन रेस्टोरेंट्स में मिला।
निधि ने बताया पत्रिका से साझा किए अपने अनुभवनिधि श्रीवास्तव ने बताया कि मैँ 6 जुलाई को छत्तीसगढ़ से निकली 7 जुलाई को दिल्ली में हम लोगों से मिलने कैबिनेट शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान पहुंचे थे। जिन्होंने हमें शुभकामनाएं दी 8 तारीख को हमारा सफर शुरू हुआ 9 तारीख को हम जापान पहुंच गए । यहां पंद्रह दिनों तक हम लोगों ने अध्ययन किया। जापान की बेस्ट ओशाखा और कायटो यूनिवर्सिटी में हमें ले जाया गया।

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यहां आधुनिक विज्ञान टेक्नोलॉजी मास्टर कंप्यूटर के बारे में बताया गया। निधि ने बताया कि जापान में सभी लोग सिर्फ जापानी बोलते हैं । किसी को भी इंग्लिश या हिंदी नहीं आती है।वहां की संस्कृति और भारत की संस्कृति काफी मिलती है। निधि ने बताया कि वहां की शिक्षा पद्धति भारत की शिक्षा पद्धति से बहुत अलग है। वहां प्रैक्टिकल पे ज्यादा ध्यान दिया जाता है। चर्चा में निधि के माता- पिता ने बताया कि हमारी बेटी ने बैलाडीला के साथ-साथ राज्य का भी नाम रोशन किया है। जिसके लिए हम पूरे स्कूल स्टाफ का आभारी हैं।

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सकुरा कार्यक्रम का उद्देश्य भारत सरकार व जापान सरकार द्वारा संयुक्त रुप से विज्ञान के एडवांस प्रोग्राम को बढ़ावा देने के लिए आयोजित किया गया था। निधि ने जापान सरकार के द्वारा आयोजित आनलाइन प्रश्नों का जवाब दिया। उन्होंने इस टेस्ट में 90फीसदी अंक हासिल किया। इसमें चयनित होने के बाद जापान सरकान ने उन्हें एक साल तक ऑनलाइन कक्षा में शामिल होने का अवसर दिया। सकुरा कार्यक्रम के अंतर्गत एशिया से 5 देशों ने हिस्सा लिया। जिसमें भारत से 63 बच्चे चुने गए थे। निधि डॉ. डीके श्रीवास्तव व डॉ अमृता की बेटी है.

निधि ने हमारे स्कूल के साथ साथ पूरे छत्तीसगढ़ का नाम रोशन किया है और इसका श्रेय हमारे स्कूल के सभी शिक्षकों और एनएमडीसी परियोजना के कार्मिक महाप्रबंधक डी के माधव जी को जाता है। जिन लोगों के सहयोग से आज हमारे स्कूल का नाम दुनिया में रोशन हुआ।

- डॉ ए के पांडे, प्राचार्य केंद्रीय विद्यालय


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