दतिया

बच्चे हमसे अच्छा सोचते हैं, उन्हें दें खुला आसमान

पत्रिका एवं रावतपुरा सरकार इंस्टीयूशन द्वारा आयोजित ड्राइंग प्रतियोगिता में चयनित प्रतिभागी हुए पुरस्कृत  

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Feb 28, 2023
बच्चे हमसे अच्छा सोचते हैं, उन्हें दें खुला आसमान

बच्चे हमसे अच्छा सोचते हैं, उन्हें दें खुला आसमान
दतिया। पत्रिका और रावतपुरा सरकार इंस्टीटयूशन द्वारा आयोजित की गई ड्राइंग प्रतियोगिता के प्रतिभागियों को सोमवार को पुरस्कृत किया। गया। पुरस्कार वितरण समारोह में उपस्थित बच्चों की ड्राइंग देखकर अतिथि न केवल अभिभूत नजर आए बल्कि यह आश्चर्य में पड़ गए कि बच्चे भविष्य के प्रति कितनी गंभीर सोच रखते है। अतिथियों ने जब बच्चों की पेंटिंग देखी तो यह कहे बिना नहीं रह सके कि पर्यावरण, स्वच्छता सहित अन्य विषयों में बच्चों की अपनी अच्छी और सकारात्मक सोच है। पुरस्कार वितरण के दौरान अतिथियों ने बच्चों की पेंटिंग भी देखी और बच्चों से पेंटिंग के बारे में बातचीत भी की।

उल्लेखनीय है कि पत्रिका एवं रावतपुरा सरकार इंस्टीटयूशन द्वारा विगत 28 जनवरी को ड्राइंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था जिसमें चार हजार से अधिक बच्चे शामिल हुए थे। प्रतियोगिता में शामिल हुए जूनियर, सुपर जूनियर एवं सीनियर के वर्ग में क्रमश: प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्र - छात्राओं के अलावा दस छात्र - छात्राओं को सांत्वना पुरस्कार व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के आरंभ में पत्रिका के सीनियर मैनेजर मार्केटिंग दीपक भंबानी ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। रावतपुरा कॉलेज के मैनेजिंग ट्रस्टी शांतनु अग्रवाल ने स्वागत भाषण देते हुए आयोजन में सहयोग करने वाले स्कूल संचालकों व स्टाफ सदस्यों का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर कलेक्टर संजय कुमार, डीएफओ प्रियांशी सिंह राठौड़, एडिशनल एसपी कमल मौर्य, मैनेजिंग ट्रस्टी रावतपुरा संस्थान शांतनु अग्रवाल, पत्रिका के स्थानीय संपादक नितिन त्रिपाठी, रावतपुरा सरकार कॉलेज की मैनेजिंग ट्रस्टी शैली अग्रवाल, पत्रिका के रीजनल मार्केटिंग हैड कपिल उपाध्याय, पत्रिका व्यूरो प्रमुख संजय तिवारी एवं संभागीय अध्यक्ष प्रायवेट स्कूल एसोसिएशन संतोष उपाध्याय मंचासीन रहे। कार्यक्रम में पत्रिका परिवार से सतीश उदैनिया, अविनाश खरे, रोशन शुक्ला, बृजेश शर्मा सहित कॉलेज स्टाफ, छात्र -छात्राएं व अभिभावक मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन कुशाग्र रावत ने किया।

यह छात्र - छात्राएं हुए पुरस्कृत

पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में जूनियर वर्ग में अविशा खरे, सृजल पविया, सौम्या सेन, सुपर जूनियर वर्ग में तनुष्का श्रीवास्तव, भारती यादव, अदिति राव, सीनियर वर्ग में ऋषिका बुलकिया, तनिष्का भार्गव, अभिलाषा दांगी को क्रमश: प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया। इसके अलावा ज्योति बुलकिया, आयुष्मान खरे, गौरव प्रजापति, शिखा परिहार, हर्षिता सेन, अनामिका रावत, एंजिल दिगंबरिया, साक्षी राजपूत, अर्पिता तोमर एवं रिजा बानो को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया।

यह बोले छात्र

बहुत सारे बच्चे थे लग नहीं रथा था कि प्रथम आऊंगी। मैने कोविड के दौरान सोशल मीडिया की स्थिति देखी और इसी पर आधारित ड्राइंग सोशल मीडिया को वैन किया जाए और किताबों को पढऩे आदत डाली जाए

अविशा खरे

मैं जब ड्राइंग प्रतियोगिता में भाग लेने आई थी तो यहां बहुत सारे बच्चे थे। इतने बच्चों को देख कर मुझे नहीं लग रहा था कि मैं फस्र्ट प्राइज जीत जाऊंंगी। पहला स्थान मिलने पर बहुत अच्छा लगा

तनुष्का श्रीवास्तव

प्रतियोगिता में पहला स्थान प्राप्त करने पर मुझे बहुत अच्छा लगा। मैने सोचा नहीं था कि इतने बच्चों के पेंटिंग के बीच मेरी पेंटिंग चुनी जाएगी और मुझे पहला स्थान प्राप्त होगा

ऋषिका बुलकिया

28 जनवरी को बहुत ही अच्छा महसूस हो रहा था। कार्यक्रम स्थल पर बहुत सारे बच्चे बैठे हुए थे। मैने इतने बच्चों को देख कर ठान लिया था इन बच्चों में से मुझे फस्र्ट या सैकंड तो आना है। मुझे अपने स्कूल का नाम रोशन करना है। अपने माता - पिता का नाम रोशन करना है

भारती यादव

मैं जब प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए आई थी तब मुझे बहुत सारे बच्चे देख कर फिल्मी दृश्य नजर आ रहा था।लग नहीं रहा था यह प्रतियोगिता दतिया में हो रही है। सभी बच्चों को अपनी - अपनी ड्राइंग बनाते और उसमें बहुत कलर्स भर कर देखते हुए अच्छा लग रहा था। यह देख कर लगा कि हम बच्चे अपने टैलेंट को आगे बढ़ा सकते हैं।तनिष्का भार्गव

यह बोले अतिथि

ऐसी स्वस्थ प्रतियोगिताएं होती रहना चाहिए। प्रतियोगिताओं से प्रतिभाएं निखर कर सामने आती हैं। जब हजारों शब्द मिलते हैं जब जाकर एक आकृति बनती है। इसलिए एक आकृति हजार शब्द के बराबर होती है। मुझे जानकर खुशी हुई कि प्रतियोगिता में हजारों बच्चों ने भाग लिया

कमल मौर्य एडिशनल एसपी

प्रतियोगिता के दौरान बच्चों मे काफी उत्साह दिखा। प्रतियोगिता में हमें जितने बच्चों के आने की उम्मीद थी उससे ज्यादा बच्चे प्रतियोगिता में आए। उन सभी लोगों को मैं धन्यवाद देता हूं जिनके सहयोग से यह कार्यक्रम सफल हुआ।शांतनु अग्रवाल मैनेजिंग ट्रस्टी एसआरआई

प्रतियोगिता में हर बच्चे ने अपनी ड्राइंग के माध्यम से कुछ न कुछ संदेश जरूर दिया है। हर बच्चे की ड्राइंग अनूठी थी। ड्राइंग के दौरान बच्चों की कल्पनाएं बता रहीं थीं कि हम बच्चों से बहुत अच्छी उम्मीद कर सकते हैं। इन बच्चों में हम भविष्य की संभावनाएं देख सकते हैं। देश को आगे ले जाने के लिए बच्चों और युवाओं में जो असीम संभावनाएं टटोली जाती हैं वह यहां नजर आईं। मैं उम्मीद करता हूं कि भविष्य में भी यहां मौजूद बच्चे बहुत अच्छा करेंगे। मेरा अभिभावकों से अनुरोध है कि वह बच्चों को आगे बढऩे दें। बच्चों को कुछ अच्छा करने से रोकें नहीं। बच्चे हमारा भविष्य हैं और इनके सहारे ही अपना भविष्य भी गढऩा है। हम बच्चों के मेंटर बनें और उन्हें खुला आसमान दें।

नितिन त्रिपाठी संपादक

पत्रिका और रावतपुरा सरकार का यह सराहनीय कदम है। इस प्रकार के आयोजन होते रहना चाहिए और आयोजनों की परंपरा बनी रहना चाहिए। आयोजनों से जीवन में उत्साह और उमंग रहती है। इस प्रकार के आयोजन शहर की बुनियाद को तय करते हैं। जिस आयोजन में बच्चे हों वह और ज्यादा महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि बच्चे हमारा भविष्य हैं। बच्चों के बारे में हम कुछ नहीं कह सकते कि वह आगे जाकर क्या बनेगा। बच्चों को हमें सम्मान की नजर से देखना हैं। बच्चों को अपमानित न करें। बच्चे वही सीखते हैं जो हम दैनिक जीवन में करते हैं। बच्चे संभावनाओं की बारूद हैं बस इनमें चिंगारी पैदा करने की जरूरत है।

संजय कुमार कलेक्टर

पत्रिका ने एक अलग तरीके का आयोजन किया है। मैं सोचती हूूं कि कार्यक्रम में इतने सारे बच्चे कैसे आए होंगे। पेंटिंग एक व्यक्ति के जीवन में तनाव एवं थकावट दूर करने का भी एक माध्यम है। पेंटिंंग में बच्चों की मानसिकता नजर आती है कि वो क्या कहना चाह रहे हैं। कभी - कभी तो पेंटिंग के बाद बच्चे से ही पूछना पड़ता है कि उसने क्या बनाया है लेकिन जब वो अपनी पेंटिंग का वर्णन करता है तो वास्तविकता में उसकी सोच हम सबसे कितनी ऊपर है यह पता चलता है

प्रियांशी सिंह राठौड़ डीएफओ

Published on:
28 Feb 2023 11:10 am
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