
दीक्षा दिवस संयम स्वर्ण जयंती समारोह में उमड़ा सैलाब
बसवा. कस्बे में जैन समाज की ओर से हजारों वर्ष पुराने दिगम्बर जैन काला बाबा के मंदिर में रविवार को आचार्य विद्यासागर महाराज Acharya Vidyasagar Maharaj का 50 वां दीक्षा दिवस संयम स्वर्ण जयंती समारोह मनाया गया। इसमें श्रद्धा का सैलाब उमड़ पड़ा।
समारोह के मुख्य अतिथि आरके मार्बल्स के अशोक पाटनी व सुशीला पाटनी परिवार सहित सुबह करीब पौने दस बजे। हेलिकॉप्टर से अलवर सिकंदरा मेगा हाइवे के पास बने खेल मैदान में उतरे। लोगों ने पाटनी को गुलदस्ता देकर जोरदार स्वागत किया। पंचायती मंदिर से बैण्डबाजों के साथ काला बाबा मंदिर लाया गया । रास्ते में जगह-जगह लोगों ने स्वागत किया। मंगलाचरण किया गया।
50th Deeksha day of Acharya Vidyasagar Maharaj celebrated in Baswa
अतिथि अखिल भारतीय तीर्थ कमेटी अध्यक्ष राजेन्द्र गोधा, धनकुमार जैन दिल्ली, प्रकाशचन्द्र सेठी जयपुर, विनय वैद सुधांशु कासलीवाल, महेन्द्र आशा पाण्ड्या गुनावाले, गणेश राणा जयपुर ने काला बाबा का पूजन किया । इसके बाद अतिथियो ने कीर्ति स्तम्भ व यात्रियों के लिए आठ कमरे युक्त अतिथि गृह एवं सभागृह का लोकार्पण किया।
पाटनी ने कहा कि काला बाबा का मंदिर Jain Mandir बहुत प्राचीन है। इसलिए मंन्दिर का विकास करते रहना चाहिए । इसके बाद नमोकार मंत्र के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया। माणकचन्द जैन, विमलचन्द जैन, एडवोकेट सुधीर जैन, सुबोधकुमार, सुमतकुमार, अनिल, पवन, डॉ एमपी सेठी, राजेन्द्र,, अश्वनी जैन, शीतल जैन, दीपककुमार, प्रदीप कुमार, नेमीचन्द आदि हजारों लोग मौजूद थे।
हेलिकॉप्टर देखने उमड़ी भीड़
कस्बे के जैन मंदिर में आए अशोक पाटनी व हेलिकॉप्टर को देखने के लिए सुबह से ही खेल मैदान पर लोगों की भीड़ लग गई। पुलिस को भीड़ हटाने के लिए मशक्कत करनी पड़ी।
50th Deeksha day of Acharya Vidyasagar Maharaj celebrated in Baswa
सत्संग से होता है कल्याण-साध्वी
दौसा. शहर के सुन्दरदास मार्ग स्थित श्रीओंंकारेश्वर महादेव मन्दिर में सत्संग एवं प्रवचन कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस दौरान साध्वी श्रीधरि ने कहा कि संसार में रहकर भी मोह माया से दूर रहकर सत्संग के माध्यम से भगवत कृपा पाई जा सकती है। ऐसे में मनुष्य को जीवमात्र की सेवा के लिए तत्पर रहना चाहिए।
इस दौरान भजनों की प्रस्तुति पर उपस्थित श्रद्धालु भावविभोर हो गए। इससे समूचा वातावरण भक्तिमय हो गया। इस मौके पर भगवानसहाय सैनी, कुंजबिहारी, रामजीलाल, मोतीलाल सैनी एवं रेवड़मल सैनी आदि मौजूद थे। (ग्रामीण)
Published on:
01 Jul 2019 08:41 am
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