scriptकपड़ा बाजार में दिवाली के साथ सावों की भी रौनक | Along with Diwali in the textile market, the beauty of Savo's also | Patrika News

कपड़ा बाजार में दिवाली के साथ सावों की भी रौनक

locationदौसाPublished: Oct 31, 2021 10:42:25 am

Submitted by:

Rajendra Jain

दीपोत्सव की शुरुआत में दो दिन शेष

कपड़ा बाजार में दिवाली के साथ सावों की भी रौनक

दौसा. शहर के पूनम सिनेमा के पीछे स्थित बाजार में की गई सजावट।

दौसा. जिले में पांच दिवसीय दीपोत्सव को लेकर बाजारों में खरीदारी तेज होने लगी है। इस बार कोविड का साया नहीं होने से हर कोई दिवाली को दोगुने जोश के साथ मनाने की तैयारी कर रहा है। जिले के बाजारों में अब दीपावली का बूम दिखाई देने लगा है। लोग इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, घरेलू सामान, साज-सज्जा, ज्वैलरी सहित विभिन्न तरह के उत्पाद दुकानों से खरीद रहे हैं।
इन दिनों सबसे अधिक रौनक महिला-पुरुषों के रेडिमेड कपड़ों की दुकानों पर है। दिवाली में अब चंद दिन ही शेष रह गए हैं, इसलिए लोग अब अपनी डे्रस फाइनल करने में लगे हैं। दिवाली के बाद ही शादियों का सीजन भी शुरू हो रहा है। ऐसे में दिवाली के साथ शादी के सीजन की भी कपड़ा बाजारों में रौनक है। ग्राहक भी दोनों चीजों का ध्यान में रखकर खरीद कर रहे हैं। व्यापारियों के अनुसार दिवाली पर करीब 10 करोड़ का कपड़े का कारोबार जिले में होने की उम्मीद है।
इस बार बाजार में परम्परा के साथ फैशन मिक्स कपड़ों को खास पसंद किया जा रहा है। बुटिक पर डे्रस डिजाइन का चलन भी बढ़ गया है। महिलाएं व युवती लहंगा, वन पीस, गाउन, क्रॉप टॉप स्कर्ट आदि बनवा रही हैं। इसी तरह लड़कों में कुर्ते-पायजामे व जैकेट का चलन बढ़ा है। इसके अलावा जिंस, शर्ट व पैंट भी खूब बिक रहे हैं। बच्चों के लिए खूब वैरायटियां उपलब्ध हैं। महिलाओं को शिफॉन, फैंसी, चंदेरी, रो सिल्क आदि वैरायटी की साडिय़ां पसंद आ रही हंै।
रेडिमेड विक्रेता नमन रावत ने बताया कि दिवाली के साथ वेडिंग सीजन के ग्राहक भी आ रहे हैं। औसतन 1500 से 2000 में एक ड्रेस फाइनल हो जाती है। इसी तरह कपड़ा विक्रेता नवीन बजाज ने बताया कि अब साडिय़ों की बिक्री चल रही है। शादी वाले भी खरीदारी करने आने लगे हैं।
दिन-रात काम में जुटे हैं टेलर
रेडिमेड के दौर में अब फिर लोगों को अपनी पसंद के अनुसार कपड़े सिलवाने का शौक हो गया है। दिन-प्रतिदिन बदलती फैशन व कपड़ों के डिजाइन के दौर में बने रहने के लिए अब टेलरों ने भी सिलाई का तरीका बदल दिया है। जिले के टेलर वर्तमान फैशन, रेडीमेड कपड़ों की डिजायन व ग्राहक की मांग के अनुसार ही कपड़े सिलने लगे हैं। इससे टेलरों के पास भी काम बढ़ गया है। इन दिनों टेलर दिन-रात सिलाई में लगे हुए हैं।

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