
blackmailer
दौसा।
प्रदेश में ब्लैकमेल करने के मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। महिला सहायक उपनिरीक्षक के शैक्षणिक योग्यता के मामले में ब्लैकमेल कर रही दिल्ली की एक महिला व उसके पति समेत तीन जनों को जिला पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस ने तीनों आरोपितों को न्यायालय में पेश किया जहां से उन्हें पांच दिन के पुलिस रिमाण्ड पर सौंप दिया है।
पुलिस अधीक्षक चूनाराम जाट ने बताया कि एएसआई ओमवती ने उनको परिवाद दिया था कि उनके खिलाफ दिल्ली की एक महिला आरती ने परिवाद दिया था, जिसकी जांच चल रही है। इस मामले में उनको महिला आरती सिंह, उसका पति राजेश श्रीवास्तव, राजेश राणावत व एक अन्य व्यक्ति माथुर उनको परेशान कर रहे हैं। जांच रिपोर्ट की एवज में वे उनके पास बार-बार फोन कर डरा धमका कर उनसे रुपए मांग रहे हैं।
18 लाख रुपए ऐंठ चुके ब्लैकमेलर
एएसआई ने बताया कि वे लोग उससे 18 लाख रुपए ऐंठ चुके हैं। एक लाख रुपए और मांग रहे हैं। इस पर पुलिस अधीक्षक ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुरेन्द्र सिंह को परिवाद सौंप कर उनके नेतृत्व में टीम गठित की। ब्लैकमेल करने वाला दम्पत्ती व एक अन्य जने ने मानपुर चौराहे पर एएसआई को बुला कर अपनी कार में बैठा लिया।
एएसआई ने अपने बैग से एक लाख रुपए निकाल कर आरती सिंह को सौंप दिए। आरती सिंह ने रुपए अपने बैग में रख लिए। इन रुपयों का सीरीयल नम्बर पहले ही एएसआई ने अपने परिवाद में अंकित करा दिया था। रुपए देने के बाद ज्योंही एएसआई ने इशारा किया तो पुलिस ने दिल्ली से आए ब्लैकमेरों को घेर कर पकड़ लिया। इसके बाद उनको मानपुर पुलिस थाने में ले गए।
पुलिस ने इस मामले में मानपुर पुलिस थाने में धोखाधडी का मामला दर्ज करा दिया। पुलिस ने तीनों को न्यायालय में पेश किया जहां से उन्हे पांच दिन के पुलिस रिमाण्ड पर भेज दिया।
यह है एएसआई को ब्लैकमेल करने वाले
पुलिस ने बताया कि राजेश कुमार श्रीवास्तव पहले से ही शादी शुदा थे और उनके दो बच्चे थे। वे दिल्ली के तुगलकाबाद इलाके में निजी स्कूल चलाते हैं। आरती सिंह भी उस स्कूल में शिक्षक थी। राजेश ने अपनी पहले की पत्नी व बच्चों को छोड़ कर आरती से शादी कर ली। इधर तीसरा आरोपी राजेश राणावत सरकारी स्कूल में शिक्षक है। उसका ननिहाल ओमवती के गांव में हैं।
इधर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आरोपितों के मकानों की तलाशी के लिए टीम दिल्ली भेजा जाएगा, ताकि पता चले कि इन्होंने किसी और को ब्लैकमेल करने के लिए भी दस्तावेज तो नहीं रख रखे हैं। वह तो जांच में स्पस्ट होगा पुलिस अधीक्षक ने बताया कि एएसआई ओमवती के खिलाफ शैक्षणिक योग्यता के फर्जी दस्तावेजों का मामला चल रहा है। उस मामले में जांच चल रही है। यदि वह दोषी हुई तो उनके खिलाफ कार्रवाही होगी।
यह मामला एएसआई ओमवती के खिलाफ 6 अगस्त 2013 को पुलिस उपाधीक्षक दौसा ने शिक्षा सम्बन्धी दस्तावेजों की जांच की जो फर्जी होना पाया गया था। इसके बाद में पुलिस उपाधीक्षक(एससीएसटी) सैल द्वारा पी.ई की गई जिसमें एएसआई भूपेन्द्र सिंह को आरोपित राजेश राणावत व राजेश श्रीवास्तव ने शीलबंद लिफाफा दिया जिसमें ओमवती के शिक्षा सम्बन्धी दस्तावेज सही थे। सही दस्तावेज देने के लिए ओमवती से आरोपित राजेश राणावत व राजेश श्रीवास्तव ने 12 लाख रुपए लिए थे।
वर्ष 2017 में आरोपितों ने ओमवती से फिर से सम्पर्क कर रुपयों की मांग की और 6 माह का समय दिया था और रुपए नहीं देने की एवज में वापस शिकायत करने की धमकी। इसके बाद उन्होंने लगातार दबाव बनाना शुरू कर दिया। आरोपितों ने उन्होंने अधिकारियों यहां तक की पुलिस अधीक्षक तक भी मोबाइल रिकॉर्डिंग कर ली।
Published on:
09 Jun 2018 12:41 am
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