विद्युतीकरण का कार्य वर्ष 2020 तक पूरा होने की उम्मीद है। इसी कड़ी में अलवर से दिल्ली के बीच तो विद्युतीकरण का कार्य पूरा होने के साथ ही ट्रेनों का संचालन भी शुरू हो गया है। जबकि अलवर से जयपुर के बीच करीब 155 किलोमीटर दूरी एवं अजमेर से जयपुर के बीच 140 किलोमीटर दूरी पर विद्युतीकरण का कार्य किया जा रहा है।
इसके अलावा अन्य खण्डों में भी विद्युतीकरण का कार्य चल रहा है। इन पर करीब 460 करोड़ रुपए खर्च किया जाना प्रस्तावित है। इसके लिए खांन भांकरी एवं राजगढ़ में विद्युतीकरण के लिए जीएसएस का निर्माण किया जाना तय है।
निर्माण कार्य पूरा होने के बाद दिल्ली से अजमेर तक रेलवे ट्रेक विद्युतीकरण से जुड़ जाएगा। इससे इलेक्ट्रिक इंजन संचालित होने से ट्रेनों की गति बढ़ सकेगी और समय की भी बचत हो सकेगी।
इसी कड़ी में जयपुर से अरनिया रेलवे स्टेशन तक खंभे एवं स्ट्रेक्चरों का निर्माण हो चुका है। अब बिजली के तार खींचे जाने की तैयारी है। बताया जा रहा है कि दिल्ली से अहमदाबाद डीजल इंजन की ट्रेन को पहुंचने में करीब 17 घण्टे लगते हैं। ऐसे में इलेक्ट्रिक इंजन संचालित होने पर यह दूरी करीब 14 घण्टे में तय हो जाएगी।
विद्युतीकरण से दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, राजस्थान सहित कई प्रांतों के यात्री लाभान्वित होंगे। दिल्ली-जयपुर एवं बांदीकुई होकर आगरा व लखनऊ तक प्रतिदिन करीब 10 लाख से अधिक यात्री टे्रनों से आवाजाही करते हैं। दोहरीकरण के कारण हो सकती है देरी
बांदीकुई से अलवर के बीच रेलवे ट्रेक दोहरीकरण का कार्य चल रहा है। इससे कुछ समय लग सकता है। दोहरीकरण का कार्य पूरा होने पर ही विद्युतीकरण होगा। हालांकि अलवर से ढिगावड़ा तक तो दोहरीकरण का कार्य पूरा हो चुका है। इसके बीच ट्रेनों का संचालन भी ट्रॉयल के बाद शुरू कर दिया है। ढिगावड़ा से बांदीकुई के बीच दोहरीकरण का कार्य जोरों पर है। उम्मीद है कि सितम्बर 2019 तक दोहरीकरण का कार्य पूरा हो सकेगा। इसके बाद ही इलेक्ट्रिकरण के कार्य को गति मिल सकेगी।
बांदीकुई से भरतपुर के बीच तार खींचने की तैयारी रेल प्रशासन की ओर से स्वीकृत बांदीकुई-भरतपुर रेल मार्ग विद्युतीकरण का कार्य भी गति पकडऩे लगा है। प्रथम चरण में रेलवे ट्रेक के समीप बॉक्स बनाकर केबल बिछाई जा चुकी है। अब खंभे खड़े किए जाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। केन्द्र सरकार की ओर से रेल बजट में बांदीकई -भरतपुर रेलवे विद्युतीकरण की घोषणा की गई थी।
इसी कड़ी में बांदीकुई-भरतपुर रेल मार्ग पर करीब 90 किलोमीटर की दूरी पर विद्युतिकरण होगा। जो कि वर्ष 2019 में विद्युतीकरण का कार्य पूरा हो सकेगा। इसके बाद बांदीकुई से लखनऊ व वाराणासी तक रेल मार्ग सीधा इलेक्ट्रीकरण से जुड़ जाएगा।
नए भवनों का होगा निर्माण
बांदीकुई से अलवर दोहरीकरण पर करीब तीन सौ करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। इसमें रेलवे ट्रेक डबल होने के साथ ही अलवर से बांदीकुई के बीच स्टेशनों पर भी सुविधाओं में इजाफा किया जा रहा है। इसमें अलवर, महुवा, मालाखेड़ा, ढिगावड़ा, राजगढ़, सुरेर गौठ, बसवा एवं गुल्लाना रेलवे स्टेशन जुड़े हुए हैं। फ्लैग स्टेशन गुल्लाना एवं सुरैर गौठ पर तो मात्र सुविधा के नाम पर एक-एक कक्ष का निर्माण होगा। जबकि शेष बचे स्टेशनों का भवन तोड़कर नए सिरे से बनाए जाएंगे।
बांदीकुई से अलवर दोहरीकरण पर करीब तीन सौ करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। इसमें रेलवे ट्रेक डबल होने के साथ ही अलवर से बांदीकुई के बीच स्टेशनों पर भी सुविधाओं में इजाफा किया जा रहा है। इसमें अलवर, महुवा, मालाखेड़ा, ढिगावड़ा, राजगढ़, सुरेर गौठ, बसवा एवं गुल्लाना रेलवे स्टेशन जुड़े हुए हैं। फ्लैग स्टेशन गुल्लाना एवं सुरैर गौठ पर तो मात्र सुविधा के नाम पर एक-एक कक्ष का निर्माण होगा। जबकि शेष बचे स्टेशनों का भवन तोड़कर नए सिरे से बनाए जाएंगे।
ये स्टेशन काफी पुराने होने से रेलवे लाइन ऊची व स्टेशन नीचे हो गए थे। हालांकि अधिकांश जगह भवनों का निर्माण काफी हद तक हो चुका है, लेकिन ट्रेक दोहरीकरण का कार्य पूरा होने पर ही विद्युतीकरण के कार्य को अलवर से बांदीकुई के बीच गति मिल सकेगी।