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सब कुछ तैयार, फिर किस बात का इंतजार

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सब कुछ तैयार, फिर किस बात का इंतजार

दौसा. रेलवे की ओर से दौसा से डिडवाना तक टे्रक निर्माण पूरा होने के बाद इस पर 75 किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड पर टे्रन चलाने के लिए सैफ्टी क्लियरेंस भी मिल चुकी है। इसके एक वर्ष से अधिक समय गुजर जाने के बाद भी टे्रन का संचालन नहीं हो सका है। इससे करोड़ों रुपए खर्च होने के बाद भी आमजन को लाभ नहीं मिल पा रहा है।


जानकारी के अनुसार जिले में रेल नेटवर्क बढ़ाने के लिए महत्वाकांक्षी दौसा-गंगापुर रेल परियोजना वर्ष 1996-97 में स्वीकृत हुई थी। निर्माण की धीमी गति के कारण रेलवे की ओर से दौसा से डिडवाना तक टे्रक निर्माण कार्यप्राथमिकता से पूरा किया गया। इसके बाद भारतीय रेलवे के मुख्य संरक्षा आयुक्त ने गत वर्ष 18 एवं 19 अगस्त को टे्रक का गहन निरीक्षण करने के बाद टे्रन संचालन के लिए सैफ्टी क्लियरेंस भी जारी कर दी।

इसके बावजूद अभी तक रेलवे की ओर से इस मार्गपर टे्रन का संचालन नहीं किया जा सका है। बताया जा रहा है कि कोच के अभाव में संचालन नहीं हो पा रहा है। वार्षिक निरीक्षण पर दौसा आए उत्तर-पश्चिम रेलवे के जीएम ने भी कोच के अभाव में टे्रन संचालन नहीं होने की बात कही थी।

ऐसे में टे्रन संचालन नहीं होने से जिलेवासियों को निराशा हाथ लग रही है। उल्लेखनीय है कि दौसा-गंगापुर रेल परियोजना में देरी के कारण योजना पर अनुमानित खर्च करीब 200 करोड़ से बढ़कर करीब 800 करोड़ रुपए हो गया है।

टे्रक मेन्टीनेन्स का टेण्डर जारी


रेलवे की ओर से नवनिर्मित टे्रक पर टे्रन चलाने के दौरान टे्रक मेन्टीनेन्स के लिए करीब 1 करोड़ रुपए का टेण्डर भी जारी किया गया है। ऐसे में संवेदक को कार्य के हिसाब से भुगतान किया जा सकेगा।


डेमू चलाने मेंं सहुलियत
इस टे्रक पर डिडवाना स्टेशन पर इंजन की शंटिंग के लिए पर्याप्त लाइन नहीं है। ऐसे में दोनों ओर चलने वाली डेमू (डीजल मल्टीपल यूनिट) टे्रन चलाने से इंजन को आगे-पीछे करने की जरूरत नहीं होगी।