scriptदौसा नगर परिषद में हाई वोल्टेज ड्रामा: आमने-सामने हुए आंदोलनकारी व पार्षद, नारेबाजी से माहौल गर्माया | High voltage drama in Dausa Municipal Council: Agitators and councilor | Patrika News

दौसा नगर परिषद में हाई वोल्टेज ड्रामा: आमने-सामने हुए आंदोलनकारी व पार्षद, नारेबाजी से माहौल गर्माया

locationदौसाPublished: Sep 21, 2021 07:03:29 pm

Submitted by:

Mahesh Jain

पार्षदों ने ताला तोड़ा, वार्ता में सहमति के बाद भी शाम तक बना रहा गतिरोध

दौसा नगर परिषद में हाई वोल्टेज ड्रामा: आमने-सामने हुए आंदोलनकारी व पार्षद, नारेबाजी से माहौल गर्माया

दौसा नगर परिषद में हाई वोल्टेज ड्रामा: आमने-सामने हुए आंदोलनकारी व पार्षद, नारेबाजी से माहौल गर्माया

दौसा. सफाई को लेकर चल रहे धरने के चलते मंगलवार को नगर परिषद में जमकर शोर-शराबा हुआ। पुतले फूंके जाने से आहत पार्षदों ने नगर परिषद के गेट पर आंदोलनकारियों द्वारा लगाए ताले को तोड़ दिया तथा गेट पर लगे बैनर भी फाड़कर फेंक दिए। हालांकि ताला तोड़ते वक्त आंदोलनकारियों ने पार्षदों पर फूल बरसाए, लेकिन बाद में दोनों पक्षों के बीच जमकर नारेबाजी से माहौल गरमा गया। मौके पर सीओ दीपक शर्मा व कोतवाली प्रभारी लालसिंह के नेतृत्व में भारी जाप्ता तैनात रहा। पुलिस अधिकारियों ने दोनों पक्षों को समझा-बुझाकर शांत किया और वार्ता शुरू कराई। वार्ता में सहमति बन गई, लेकिन एक ठेकेदार के चेक का विवाद शाम तक नहीं सुलझने से वापस पेच फंस गया।
वार्ता के दौरान पार्षद प्रदीप जौण, मोहनलाल प्रजापत, लेखराज गुर्जर, कमलेश मीना, आशा खण्डेलवाल, माया देवी, पूरण सैनी, दिनेश मीना सहित नरेन्द्र जैमन, आसिफ खान, राजेश सैनी, सनवर खान, हंसराज गुर्जर, महेन्द्र आनंद, विनेश चौधरी, आरिफ, परमवीरसिंह सहित कई मौजूद थे।
पुतले फूंकने के विरोध में पक्ष-विपक्ष हुआ एक
नगर परिषद के बाहर दौसा की रसोई संस्था के बैनर तले चल रहे धरने के दौरान सोमवार को शहर के सभी 55 पार्षदों के प्रतीकात्मक पुतले जलाए गए। इससे पार्षदों में आक्रोश व्याप्त हो गया। प्रशासन को मंगलवार सुबह 11 बजे तक परिषद का गेट खुलवाकर कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई। सुबह 10 बजे ही पक्ष-विपक्ष के पार्षद एकजुट होकर सभापति कक्ष में पहुंच गए। सभी पार्षदों ने एक स्वर में पुतले जलाकर अपमानित करने पर आक्रोश जताया तथा दौसा की रसोई संस्था के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित कर कार्रवाई की मांग की।
साथ ही सफाई व्यवस्था में रोड़ा अटकाकर परिषद के कार्य बाधित करने का आरोप भी लगाया। 11 बजे के बाद सभी पार्षद नारे लगाते हुए गेट पर पहुंचे तथा पत्थरों की चोट से ताला तोड़ दिया गया। गेट पर लगे बैनर-पोस्टर भी हटा दिए। आपसी टकराव की आशंका को देखते हुए पुलिस दोनों पक्षों के बीच दीवार बनकर खड़ी हो गई। इस दौरान दोनों पक्षों ने जमकर नारेबाजी की। बाद में पार्षदों को समझाकर वापस अंदर सभापति कक्ष में ले जाया गया।
बिफर गए पार्षद
सीओ ने पार्षदों के समक्ष दौसा की रसोई के संस्थापक मनोज राघव व चार सफाईकमियों के प्रतिनिधिमंडल को बुलाकर वार्ता का प्रस्ताव रखा। इस पर पार्षद बिफर गए। उन्होंने कहा कि वे अब राघव से कोई बात नहीं करना चाहते, सफाईकर्मियों से वार्ता के लिए सदैव तैयार हैं। कई पार्षदों ने माफी मंगवाने की तो कई ने रिपोर्ट दर्ज कराने की मांग की। इस पर सीओ ने मामला शांत कराया व सफाईकर्मियों का प्रतिनिधिमंडल लेकर आए। इधर, राघव का कहना है कि पुतले पदों के फूंके गए हैं, किसी व्यक्ति विशेष के नहीं। पार्षदों को जगाने के लिए आंदोलन किया था, सभी के एकसाथ परिषद आने से मकसद में सफलता मिली है।
प्रतिनिधिमंडल को चेक देने की बनी सहमति

उपखण्ड अधिकारी संजय कुमार गोरा, सीओ दीपक शर्मा व आयुक्त पूजा मीना की मौजूदगी में नगर परिषद में वार्ता हुई। इस दौरान सभापति के प्रतिनिधि के रूप में पार्षद राकेश चौधरी ने मोर्चा संभाला और सफाईकर्मियों की सारी मांगें सुनकर वेतन-भत्ते दिलवाने, सफाई व्यवस्था शुरू कराने, नई भर्ती सहित अन्य मांगों के समाधान का भरोसा दिया। चौधरी ने कहा कि सफाईकर्मियों का पैसा नहीं देने के कारण ही ठेकेदार का पैसा रोक रखा है।
ऐसे में उन्होंने प्रस्ताव दिया कि ठेकेदारों के भुगतान का एक-एक माह का चेक सफाईकर्मियों के प्रतिनिधिमंडल को दे दिया जाए और ठेकेदार से अपना पैसा लेकर सफाईकर्मी उसे चेक दें। पिछले कार्यकाल के ठेकेदार के बकाया भुगतान को लेकर पुलिस रिपोर्ट व श्रम न्यायालय में वाद दायर करने पर सहमति बनी। चौधरी के प्रस्तावों पर आंदोलनकारी सफाईकर्मी, पार्षद व प्रशासन आदि सभी सहमत हो गए। कुछ ही देर में चेक देने के साथ ही हड़ताल खत्म करने पर रजामंदी हो गई।
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