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राजस्थान में संत बन लग्जरी लाइफ जी रहा था सीरियल किलर डॉक्टर डेथ, 50 से अधिक हत्याओं का आरोप

डॉक्टर डेथ के नाम से कुख्यात देवेंद्र शर्मा यहां बना संत दयादास महाराज, 50 से अधिक हत्याओं का आरोप, आश्रम में एसी, वाई-फाई, सीसीटीवी, वाटर कूलर सहित ऐशो-आराम की सभी सुविधाएं

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Serial killer doctor death

दौसा। डॉक्टर डेथ के नाम से कुख्यात 50 से अधिक हत्याओं का आरोपी देवेंद्र शर्मा दौसा के गुढ़ाकटला से दिल्ली पुलिस ​ने गिरफ्तार किया। देवेन्द्र यहां रामेश्वर धाम मंदिर में स्थित आश्रम में अपनी पहचान छिपाकर संत दयादास महाराज बनकर रह रहा था। मंदिर में अपने निवास पर देवेन्द्र लग्जरी लाइफ जी रहा था। यहां उसने एसी, आरओ, वाटर कूलर, वाईफाई, सीसीटीवी आदि सभी सुविधा लगा रखी थी।

हर कोई रह गया अचंभित

देवेन्द्र ने यहां प्रवचन देकर और लोगों का इलाज व मदद करके अच्छी पहचान बना रखी थी। वह यहां स्थानीय राजनेताओं के साथ सार्वजनिक कार्यक्रमों में भी संत के रूप में शामिल होता था। पुलिस ने जब उसे गिरफ्तार कर मामले का खुलासा किया तो स्थानीय लोग हतप्रभ रह गए कि उनके बीच एक खूंखार अपराधी रह रहा था।

लोगों का करता था इलाज

सीरियल किलर देवेंद्र ने गुढ़ाकटला मंदिर के परिक्रमा मार्ग में अपना क्लीनिक भी खोल रखा था। संत के उपचार को कारगर मानकर लोग इलाज लेने आते भी थे, जिनसे वह काफी पैसा वसूलता था। जयपुर से आने वाली बस में दवाइयां मंगवाता था। स्थानीय लोगों ने बताया कि दयादास महाराज के हाथों उपचार कराने वाले पांच-छह लोगों की मौत भी हो चुकी है।

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टैक्सी ड्राइवरों की हत्या

पुलिस के अनुसार देवेन्द्र और उसका गिरोह टैक्सी ड्राइवरों के अपहरण और सीरियल हत्याओं में भी शामिल थे। उनके वाहन उत्तर प्रदेश के ग्रे मार्केट में बेचे जाते थे, जिससे उन्हें प्रति वाहन 20 से 25 हजार रुपए की कमाई होती थी। उसने 50 से अधिक लोगों की हत्या करना कबूल किया है। उसे दिल्ली, राजस्थान और हरियाणा में 07 अलग-अलग मामलों में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।

तीन दशक पहले बांदीकुई में रहा

दिल्ली पुलिस के अनुसार आरोपी देवेंद्र शर्मा उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ का निवासी है। उसके पिता बिहार के सीवान में एक दवा कंपनी में काम करते थे। 1984 में देवेन्द्र ने बिहार से बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी की डिग्री के साथ स्नातक की उपाधि प्राप्त की। 1985 में बांदीकुई आकर जनता क्लीनिक शुरू किया, जिसे करीब 11 साल तक चलाया। 1995 में आपराधिक गतिविधियों की ओर रुख किया।

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