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पहली बार नस्ल के आधार पर ऑनलाइन होगी पशुगणना

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पहली बार नस्ल के आधार पर ऑनलाइन होगी पशुगणना

दौसा ग्रामीण. राज्य में पहली बार पशुओं की गणना नस्ल के आधार पर होने के साथ ही ऑनलाइन होगी। इससे पशुओं से संबंधित समुचित जानकारी मिलने से सरकार की ओर से पशुपालन से संबंधित योजनाएं प्रभावी तरीके से संचालित हो सकेगी। वहीं आने वाले समय में पशुपालकों को भी इसका लाभ मिल सकेगा।


जानकारी के अनुसार सरकार की ओर से प्रत्येक 5 वर्ष के अंतराल में पशुगणना कराई जाती है। ऐसे में केन्द्रीय कृषि मंत्रालय की ओर से वर्ष 2018 में होने वाली 20वीं पशुगणना के लिए ऑनलाइन सॉफ्टवेयर तैयार कराया गया है। इसके अनुसार पशुपालन विभाग की ओर से गणना के दौरान पशुओं की नस्ल की जानकारी भी दर्ज की जाएगी।

इसके अलावा पशुपालक से संबंधित व्यवसाय, आय एवं निवास सहित अन्य जानकारी भी लेनी होगी। इससे पशुओं की नस्ल की वास्तविक स्थिति का पता चल सकेगा एवं सरकार की ओर से जरूरत के अनुसार योजनाओं का निर्धारण कर क्रियान्वयन किया जा सकेगा।


उल्लेखनीय है कि राज्य में पशुधन की अधिकता होने के बावजूद अच्छी किस्म के पशुओं का अभाव है। ऐसे में सरकार की ओर से यह कवायद शुरू की गई है।


ऑनलाइन दर्ज होगी जानकारी


पशुगणना के दौरान प्रगणक को मौके पर पहुंचकर सभी जानकारी ऑनलाइन फीड करनी होगी। इसके लिए अकेले दौसा जिले में ही 53 टेबलेट मय इन्टरनेट कनेक्शन मुहैया कराए गए है। इस पर विभाग की ओर से मेपिंग का कार्य शुरू कर दिया गया है।


ग्रामीणों की आजीविका का मुख्य साधन


ग्रामीण इलाकों में पशुपालन लोगों की आजीविका का मुख्य साधन है, लेकिन उन्नत नस्ल के पशुओं के अभाव में लोगों को इसका समुचित लाभ नहीं मिल पाता है। ऐसे में सरकार की ओर से उन्नत नस्ल के पशुओं की संख्या में बढ़ोतरी के प्रयास किए जा रहे है।


यह है जिले की स्थिति


वर्ष 2012 की पशुगणना के अनुसार दौसा जिले में 10 लाख से अधिक पशुओं की गिनती की गई थी। इसमें एक लाख 38 हजार गाय, 4 लाख 88 हजार भेंस, 55 हजार भेड़, 3 लाख बकरी, 719 घोड़े, 21 खच्चर, 421 गधे, 2269 ऊंट एवं 10 हजार शामिल थे। इसके अलावा 6564 कुत्ते, 309 खरगोश, 11 हजार मुर्गी एवं 29 हजार अन्य पक्षी आदि गिने गए थे। इस वर्ष गणना में नस्ल की जानकारी भी ली जाएगी।

पशुपालन विभाग की ओर से पहली बार पशुगणना में नस्ल की जानकारी भी ली जाएगी। इससे आने वाले समय मेंं पशुपालकों को इसका लाभ मिल सकेगा।
डॉ. मलखान मीना, संयुक्त निदेशक, पशुपालन विभाग, दौसा


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