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पण्डित जी ने राजनीति में खेली थी लम्बी पारी, खादी में भी बड़ा योगदान

Pt. Nawal Kishore Sharma has a big contribution in Khadi with politics: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं गुजरात के पूर्व राज्यपाल रहे पण्डित नवल किशोर शर्मा

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पण्डित जी ने राजनीति में खेली थी लम्बी पारी, खादी में भी बड़ा योगदान

पण्डित जी ने राजनीति में खेली थी लम्बी पारी, खादी में भी बड़ा योगदान

दौसा. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं गुजरात के पूर्व राज्यपाल रहे पण्डित नवल किशोर शर्मा ने राजनीति में लम्बी पारी खेली थी। उनका राजनीति के साथ खादी में भी बड़ा योगदान माना जाता है। पण्डित नवल किशोर शर्मा का जन्म दौसा में 5 जुलाई 1925 को हुआ था। उनके पिता का नाम मूलचन्द शर्मा एवं मां का नाम मुन्नी देवी शर्मा था। उनका निधन 8 अक्टूबर 2012 में हुआ था। वे राजनीति के शुरुआती दौर में दौसा नगरपालिका के चेयरमैन चुने गए थे। वहीं दौसा पंचायत समिति में प्रधान पद पर भी निर्वाचित हुए थे। इसके बाद पण्डित जी ने सांसद से मंत्री व गुजरात के राज्यपाल पद तक की कुर्सी को सम्भाला।

Pt. Nawal Kishore Sharma has a big contribution in Khadi with politics


राजनीतिक जानकारों के अनुसार पण्डित नवल किशोर शर्मा ने अपने कैरियर की शुरुआत वकालत के साथ शुरू की थी। इसके बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा और राजनीति की लम्बी पारी खेलते चले गए। कांग्रेस में दिल्ली में उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती थी। वे चेयरमैन व प्रधान पद के बाद विधायक, सांसद, केन्द्रीय मंत्री एवं गुजरात के राज्यपाल जैसे महत्वपूर्ण पद पर आसीन हुए। वे दौसा, अलवर व जयपुर ग्रामीण से 5वीं, 7वीं, 8वीं व 11वीं लोकसभा में सांसद चुने गए। कांगे्रस में वे राष्ट्रीय नेताओं में शुमार थे।

पुत्र को बनाया शिक्षा मंत्री


पण्डित नवल किशोर शर्मा ने अपने पुत्र बृजकिशोर शर्मा को भी राजनीति के गुर सिखाए और उनको जयपुर शहर की एक सीट से विधानसभा चुनाव लड़ाया और जिता कर उनको अशोक गहलोत की पिछली सरकार में शिक्षा मंत्री बनवा दिया।


दौसा में है उनसे जुड़ी कई यादें


दौसा में सरकारी कॉलेज पण्डित नवल किशोर शर्मा के नाम से है। उनकी याद में दौसा के गुप्तेश्वर रोड पर सामुदायिक भवन बनाया गया है। इसमें उनकी प्रतिमा भी लगी हुई है। पण्डित नवल किशोर शर्मा के एक पुत्र आनन्द शर्मा के नाम से दौसा में कन्या विद्यालय है।


खादी को भी निखारा


दौसा की खादी का आज पूरे देश में नाम है। यहां के बुने कपड़े का 1947 में आजादी के समय दिल्ली के लालकिले पर झण्डा लहराया था वह दौसा का ही था। दौसा की खादी में पण्डित नवल किशोर शर्मा ने बड़ा योगदान दिया था। वे खादी में कईपदों पर रहे। यही कारण है कि खादी बाग में उनकी याद में हर वर्ष पुण्यतिथि मनाई जाती है।

Pt. Nawal Kishore Sharma has a big contribution in Khadi with politics