scriptकोराना काल में कृषि उपज मंडी में घटी जिन्सों की आवक | The arrival of commodities decreased in the agricultural produce marke | Patrika News

कोराना काल में कृषि उपज मंडी में घटी जिन्सों की आवक

locationदौसाPublished: Jun 17, 2021 06:39:56 pm

Submitted by:

Rajendra Jain

राजस्व की भी भारी कमी

कोराना काल में कृषि उपज मंडी में घटी जिन्सों की आवक

बांदीकुई में कृषि मंडी कार्यालय भवन।

बांदीकुई (दौसा). कोरोना का असर कृषि उपज मंडी पर भी नजर आया हैं कोरोना की दूसरी लहर के पीक पीरियड में मंडी में कृषि जिन्सों की आवक में भारी गिरावट दर्ज की गई। इससे मंडी के राजस्व में भी भारी कमी आई है। मार्च से मई माह में जहां कृषि जिन्सों की आवक पहले सर्वाधिक होती थी, लेकिन कोरोना के प्रभाव के कारण पिछले दो वर्षों में सीजन के इस पीरियड में भी या तो कामकाज पूरी तरह से ठप रहा या कारोबार पर बडा़ असर का देखने को मिला।
घटी आवक तो महज 20 फीसदी रहा राजस्व…….
गत वर्ष के कोरोनाकाल से भी इस बार मंडी में जिन्स की आवक में भारी गिरावट दर्ज की गई। पिछले वर्ष मई माह में सरसों की आवक 8 हजार सौ क्विंटल रही जबकि इस बार मई माह में 950 क्विंटल सरसों ही मंडी में बिक्री के लिए पहुंची। गेहूं गत वर्ष मई के महीने में 7 हजार 4 सौ 13 क्विंटल बिक्री के लिए आया था, लेकिन इस बार 3 हजार 14 क्विंटल की ही आवक हुई। वहीं चने की बात करे तो गत वर्ष मई महीने में 13 हजार 900 क्विंटल मंडी में ब्रिकी के लिए पहुंचा था। जो इस बार घटकर 1 हजार 36 क्विंटल ही रह गया। जौ की ब्रिकी में भी भारी गिरावट देखने को मिली। जहां गत वर्ष मई के माह में 8 हजार 8 सौ 30 क्विंटल से सिमट कर इस बार 4 सो 10 क्विंटल में ही रह गया। हालांकि बीते वर्ष बाजरे की आवक में बढ़ोतरी देखने को मिली, जो कि बीते वर्ष 3 हजार 3 सौ क्विंटल से बढ़कर इस वर्ष मई माह में 9 हजार 6 सौ 85 क्विंटल रही। अनाज मंडी में जिन्सों के आवक की गिरावट के कारण राजस्व करीब 20 फीसदी ही सिमटकर रह गया। जहां गतवर्ष के मुकाबले मई के महिने में 11 लाख से घटकर महज 2.48 लाख रह गया। हालांकि अब मंडी का कारोबार फिर से रफ्तार पकडऩे लगा हैं। जून का महीना कृषि उपजमंडी में जिन्स की ब्रिकी के हिसाब से ऑफ सीजन माना जाता हैं। फिर भी मंडी में जिंसों की औसत ब्रिकी हो रही है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो