वन क्षेत्रों से हाइवे गुजरने के मामले पर गडकरी ने बताया कि एक्सप्रेस-वे से वाइल्ड लाइफ प्रभावित नहीं हो, इसका पूरा ध्यान रखते हुए अधिक राशि खर्च कर ओवरपास बनाए गए हैं। साथ ही वाहनों के हॉर्न सिस्टम को बदलकर अब भारतीय वाद्य यंत्र जैसे बांसुरी, तबला, हारमोनियम, बिगुल आदि धुन हॉर्न लागू करने की तैयारी भी की जा रही है।
साथ ही मंत्री ने बताया कि कुछ समय बाद टोल प्लाजा ही नहीं रहेंगे। जीपीएस गाड़ी में लगेगा और सेटेलाइट से जुड़ेगा। सड़क पर जाते ही पैसे कट जाएंगे। दो साल में टोल का यह सिस्टम लागू हो जाएगा।
2025 तक 50 प्रतिशत दुर्घटनाएं कम करने का लक्ष्य सड़क दुर्घटनाओं के सवाल पर केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत इस मामले में टॉप पर है। जनता में कानून का डर व उसकी पालना के लिए मोटर व्हीकल एक्ट में बदलाव किए गए हैं। रोड इंजीनियरिंग में सुधार कर पहले से बने हाइवे में ब्लैक स्पॉट्स ढूंढकर कमियां दूर की जा रही हैं। कैमरे लगाए जा रहे हैं। मंत्री ने बताया कि 2025 तक 50 प्रतिशत व 2030 तक सड़क दुर्घटनाएं जीरो करने का लक्ष्य है। पशुओं के हाइवे पर घूमने से होने वाले हादसों को लेकर मंत्री ने कहा कि देश में बन रहे 22 ग्रीन हाइवे में तो कोई घुस नहीं सकता है। वाहनों की न्यूनतम स्पीड 100 से ऊपर रहेगी। जो अब 120 करने की सोच रहे हैं। मंत्री ने ठेकेदारों को भी चेतावनी देते हुए कहा कि कार्य गुणवत्तापूर्ण करो नहीं तो वे ‘रगड़Ó देंगे, किसी को छोड़ेंगे नहीं।
दिल्ली से किशनगढ़ के लिए बन रहा प्रोजेक्ट
जयपुर-गुडग़ांव सिक्स लेन का कार्य कई सालों में भी पूरा नहीं होने पर मंत्री ने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि दिल्ली-जयपुर हाइवे उन्होंने नहीं बनाया। हर तकलीफ के जिम्मेदार वे नहीं हैं। उनके मंत्री बनने से पहले रोड का ठेका दिया हुआ है। इसके चार ठेकेदार तो भाग गए दो ने दिवाला निकाल लिया। 12 बैंकों ने 1300 करोड़ रुपए दिए जो विवाद में चल रहे हैं। इसमें अतिक्रमण भी है। एक जगह ट्रक पार्किंग की सुविधा करनी थी। वहां भी काम अटका हुआ है। राजस्थान के आइएएस राजीव महर्षि ने भी इस काम के लिए कहा। इस रोड के लिए उन्होंने कई बैठकें की। बजट के पैसे भी दिए, लेकिन प्रोजेक्ट में कमियां थी। अब निर्णय किया है कि दिल्ली से किशनगढ़ तक नया डीपीआर बनाकर करीब 1200 करोड़ के काम किए जाएंगे। डेढ़ साल में परेशानी दूर हो जाएगी।
भूमि विवादों को राज्य सरकार पर टाला भूमि की डीएलसी दर व बाजार दर में अंतर व भूमि विवादों के सवालों पर केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि लेंड इश्यू राज्य सरकार डील करती है। जमीन की कीमत राज्य सरकार व जिलाधिकारी तय करते हैं। हम वह पैसे राज्य सरकार को देते हैं। राज्य सरकार ही बांटती है। मंत्री ने यह भी कहा कि कई जगह मार्केट से कई गुना अधिक दाम भी दिए गए हैं। यहां कोई कमी है तो जांच कर राहत देने के प्रयास किए जाएंगे। हालांकि मंत्री ने भूमि अधिग्रहण सहित अन्य अड़चनों पर सहयोग करने के लिए मुख्यमंत्री, राज्य सरकार, सांसदों व पुलिस-प्रशासन को धन्यवाद भी दिया।
विश्व का सबसे बड़ा एक्सप्रेस-वे
नितिन गडकरी ने कहा कि दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस हाइवे राजस्थान में 17 हजार करोड़ की लागत से 374 किलोमीटर का आठ लेन में बन रहा है, जिसका पूरा कार्य अवार्ड हो चुका है। भविष्य में यह 12 लेन का होगा। इसके लिए बीच में जगह छोड़ी है। यह विश्व का सबसे बड़ा एक्सप्रेस हाइवे है। दिल्ली से मुम्बई का सफर 12 घंटे में पूरा होगा। दिल्ली से दौसा तक 214 किलोमीटर का काम मार्च 2022 में पूरा होगा। राज्य में यह हाइवे अलवर, भरतपुर, दौसा सवाईमाधोपुर, टोंक, बूंदी और कोटा जिले से गुजरेगा। दौसा के पास इंटरचेंज के माध्यम से एक्सप्रेस हाइवे को आगरा-जयपुर हाइवे से जोड़ा गया है। बांदीकुई से जयपुर के लिए अतिरिक्त रोड भी बनाई जाएगी जो जयपुर को एक्सप्रेस-वे से जोड़ेगी। जयपुर में बनी रिंग रोड भी इससे जुड़ी है। जगह-जगह सर्वसुविधायुक्त रेस्ट एरिया बनाए जा रहे हैं। नए राजमार्गों से अब देश की राजधानी दिल्ली से जयपुर, चंडीगढ़, देहरादून, हरिद्वार आदि जगह मात्र दो घंटे में पहुंचा जा सकेगा। उन्होंने बताया कि राजस्थान में 75 हजार करोड़ की लागत से 7 हजार किलोमीटर के कार्य स्वीकृत हैं।
दौसा-दूदू हाइवे बनेगा केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि दौसा से दूदू हाइवे 137 किलोमीटर की डीपीआर बनाई जा रही है। इस संबंध में सांसद ने भी उनसे मांग की थी जो पूरी होगी। साथ ही सवाईमाधोपुर से श्योपुर मार्ग का भी निर्माण होने की बात कही। मंत्री ने कहा कि सड़क निर्माण में भारत लगातार विश्व रेकॉर्ड बना रहे हैं। भारत में प्रतिदिन 38 किमी रोड का निर्माण होने लगा है।
आसपास राज्य सरकार करे विकास
नितिन गडकरी ने एक्सप्रेस हाइवे के आसपास औद्योगिक क्षेत्र व लॉजिस्टिक पार्क विकसित करने के लिए राज्य सरकार को सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि इससे युवाओं को रोजगार मिलेगा। राज्य की ऐसी योजनाओं में वे सहयोग भी करेंगे। वर्तमान में केन्द्र सरकार देश में करीब 35 मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क बना भी रही है। मंत्री ने कहा कि हाइवे के आसपास इतनी सुंदर हरियाली व पहाड़ी आदि है,ं ऐसे में यहां पर्यटन विकास के लिए होटल-रिसोर्ट बनेंगे तो सम्पन्नता आएगी। स्थानीय नौजवानों को रोजगार मिलेगा। राज्य सरकार आसपास जमीन अधिग्रहण करे, देरी करेंगे तो बिल्डर ले लेंगे। उन्होंने किसानों से भी कहा कि जमीन को अभी बेचो मत, बाद में करोड़ों का भाव आएगा। फिर किसी डवलपर के साथ मिलकर काम करोगे तो अच्छी आय होगी और किसान समृद्ध होगा।
पहले आसमान से फिर बस में बैठकर लिया जायजा केन्द्रीय मंत्री ने हेलीकॉप्टर के साथ करीब सात किलोमीटर बस में सफर कर हाइवे निर्माण का जायजा लिया। इससे पूर्व समारोह स्थल पर प्रदर्शनी व मॉडल्स को देखकर निर्माण कार्य को समझा। अधिकारियों से भी चर्चा की गई। इस दौरान राज्य के जलदाय व ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला, सांसद जसकौर मीना, राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीना, पूर्व मंत्री यूनुस खान, बांदीकुई विधायक जीआर खटाणा, एनएचआई सदस्य मनोज कुमार, राज्य के शासन सचिव राजेश यादव, जिला कलक्टर पीयुष समारिया, एसपी अनिल बेनीवाल, चीफ इंजीनियर डीआर मेघवाल, आलोक दीपांकर, पवन कुमार, एनएच के पीडी दौसा सहीराम सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।