राजस्थान के कोटा की रामलीला में रावण का अभिनय कर दर्शकों के दिलों में अमिट छाप छोड़ने वाले राजा राम जैन 2006 से लावारिश लोगों की अस्थियों का हरिद्वार गंगा में विसर्जन कर रहे हैं। अब तब वह 25 बार में छह हजार से अधिक लावारिश मृतकों की अस्थियों का गंगा में विसर्जन कर चुके हैं।
राजा राम जैन ने कहा कि देश भर में रामलीला में रावण का रोल निभाने वाले पात्रों को एकत्र कर अयोध्या में राम मंदिर की परिक्रमा करना उनका लक्ष्य है। कहा कि लोग रावण को अनादर और अत्याचारी के रूप में देखते हैं। इसलिए वह रावण के सभी पात्रों को एकत्र कर अयोध्या परिक्रमा कराना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि वह 1994 से राष्ट्रीय दशहरा मेला कोटा की रामलीला में अभिनय कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्तर के मेले में सरकार ने उन्हें कर्मयोगी रावण की उपाधि दी है। बताया कि उनकी पत्नी अल्का दुलारी जैन कर्मयोगी दस्ताना कठपुतली का आयोजन करती हैं। कई देशों में उनकी पत्नी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुकी हैं।