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जमीन को अकृषि किए बगैर बना सकेंगे रिजॉर्ट, ग्रामीणों को शहरों में मिलेगी भूमि, कैबिनेट में प्रस्ताव पास

Cabinet Decision : 143 किए बगैर ही लोग कृषि भूमि पर रिजॉर्ट बना सकेंगे। उन्हें जमीन अकृषि कराने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। कैबिनेट में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। इससे राज्य में पर्यटन बढ़ेगा, लेकिन कृषि योग्य जमीनें कम होते जाएंगी।

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In Uttarakhand, it will now be possible to build hotels and resorts directly on agricultural land without having to convert it to non-agricultural use

उत्तराखंड में 143 बगैर ही लोग कृषि भूमि पर अब रिजॉर्ट बना सकेंगे। फोटो सोर्स एआई

Cabinet Decision:जमीन को अकृषि में तब्दील किए बगैर लोग रिजॉर्ट आदि आसानी से बना सकेंगे। उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। प्रमुख सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने बुधवार को कैबिनेट में हुए आवास, ऊर्जा और नियोजन विभाग के फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कैबिनेट ने 19 प्रस्तावों पर मुहर लगी है। सचिव के मुताबिक अभी तक कृषि भूमि पर सिर्फ ईको रिजॉर्ट ही बनाए जा सकते थे। अब रिजॉर्ट भी बनाए जा सकेंगे। बताया कि रिजॉर्ट के लिए सड़क की चौड़ाई भी घटा दी गई है। मैदान में 12 मीटर से घटाकर नौ मीटर और पहाड़ों पर नौ से घटाकर छह मीटर कर दी गई है। इस प्रस्ताव के पास होने से उत्तराखंड में पर्यटन व्यवसाय काफी बढ़ेगा, लेकिन खेती-बाड़ी कम होते जाएगी। हालांकि यहां पर जंगली जानवरों के आतंक के कारण किसानों का खेती बाड़ी से लगातार मोह भंग हो रहा है। बंदर, लंगूर और जंगली सुअर फसलों को व्यापक नुकसान पहुंचा रहे हैं।

शहरों में बसाए जाएंगे लोग

उत्तराखंड कैबिनेट ने नियोजित शहरीकरण के लिए टाउनशिप और लैंड पूलिंग योजना को भी मंजूरी दी है। इसके तहत छोटे-छोटे भूखंडों को मिलाकर बड़ी टाउनशिप विकसित की जाएंगी। अहमदाबाद, सूरत, अमरावती मॉडल पर उत्तराखंड में नई टाउनशिप विकसित करने को जनता के सहयोग से जमीन जुटाई जाएगी। गांवों में लोगों से कृषि भूमि लेकर उन्हें शहरों में आवासीय और व्यावसायिक भूमि दी जाएगी।

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पहाड़ों पर मल्टी स्टोरी भवन बनेंगे

धामी कैबिनेट ने कल नए बिल्डिंग बायलॉज को भी मंजूरी दी है। ग्रीन बिल्डिंग में अब अधिक फ्लोर एरिया रेशियो की सुविधा मिलेगी। इससे राज्य में ग्रीन बिल्डिंग को बढ़ावा दिया जाएगा। पहाड़ों पर मल्टी स्टोरी बिल्डिंग के निर्माण के लिए भी मानकों में छूट दी जाएगी। रोड लेवल पार्किंग में भवन निर्माण पर बिल्डिंग की ऊंचाई में छूट दी जाएगी। राज्य में मोटल श्रेणी को खत्म कर दिया गया है। बता दें कि अभी तक पर्वतीय इलाकों में कम ऊंचाई के ही भवन बनते थे। भवनों की अधिकतम ऊंचाई के मानक तय थे। बता दें कि उत्तराखंड भूकंप के लिहाज से बेहद संवेदनशील है। इसी कारण यहां पर भवनों की अधिकतम ऊंचाई तय की गई है।