
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने आज वन विभाग की समीक्षा बैठक ली। फोटो सोर्स सूचना विभाग
CM Strict:बढ़ते वन्यजीव संघर्षों की गाज डीएफओ पर गिर ही गई है। बता दें कि पौड़ी सहित उत्तराखंड के सैकड़ों गांवों में तेंदुओं का आतंक छाया हुआ है। तेंदुए कई लोगों का निवाला बना चुके हैं। पौड़ी में तेंदुए के आतंक के चलते 55 स्कूल बंद करने पड़े थे। बढ़ते वन्यजीव संघर्ष को देखते हुए आज सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में वन विभाग की समीक्षा बैठक की। सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि मानव वन्यजीव संघर्ष को खत्म करने के लिए वन विभाग के साथ ही शासन-प्रशासन स्तर पर भी प्रभावी प्रयास किये जाएं। कहा कि वन्यजीव संघर्ष की सूचना मिलने के 30 मिनट के भीतर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच जाए। इसके लिए संबंधित डीएफओ और वन क्षेत्राधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए। सीएम धामी ने पौड़ी में मानव -वन्यजीव संघर्ष की बढ़ती घटनाओं पर सख्त रुख अख्तियार करते हुए पौड़ी के डीएफओ को तत्काल प्रभाव से हटाने के निर्देश दिए। बैठक में वन मंत्री सुबोध उनियाल, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव शैलेश बगोली, विनय शंकर पांडेय, सी रविशंकर, प्रमुख वन संरक्षक रंजन मिश्रा, अपर सचिव हिमांशु खुराना शामिल रहे।
सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जिन क्षेत्रों में जंगली जानवरों का अधिक आतंक छाया है, ऐसे क्षेत्रों में बच्चों को स्कूल तक छोड़ने और घर तक लाने के लिए वन विभाग और जिला प्रशासन एस्कॉर्ट की व्यवस्था करे। मानव-वन्यजीव संघर्ष में किसी परिवार से कमाने वाले व्यक्ति की मृत्यु होने पर उनके परिवार को आर्थिक परेशानियों का सामना न करना पड़े, ऐसी स्थिति से निपटने के लिए वन विभाग प्रभावित परिवार की आजीविका को सहायता देने के लिए दो सप्ताह के अंदर नीति बनाकर प्रस्तुत करे। सीएम ने कहा कि जिलों में मानव-वन्यजीव संघर्ष कम करने के लिए जिन भी उपकरणों की आवश्यकता है, उन्हें यथाशीघ्र उपलब्ध कराया जाए
सीएम धामी ने कहा कि हमारी पहली जिम्मेदारी वन्यजीवों से लोगों के जीवन को बचाना है। इसके लिए नई तकनीक के इस्तेमाल पर विशेष ध्यान दिया जाए। जंगली जानवर आबादी क्षेत्रों में न आये, इसके लिए स्थाई समाधान पर विशेष ध्यान दिया जाए। वन्यजीवों की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में कैमरों के माध्यम से निरंतर नजर बनाये रखें। वन कर्मी लगातार निगरानी रखें, साथ ही ग्रामीणों के साथ संवाद मजबूत रखें। सीएम ने कहा कि बस्तियों के आस पास जंगली झाडियों को अभियान चलाकर साफ किया जाए, साथ ही बच्चों और महिलाओं को विशेष तौर पर आस पास वन्य जीवों की मौजूदगी को लेकर जागरुक किया जाए।
Updated on:
11 Dec 2025 04:42 pm
Published on:
11 Dec 2025 04:31 pm
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