
एआई से बनाई गई प्रतीकात्मक फोटो
DM's Order: डीएम के आदेश ने तमाम शिक्षकों क परेशानी बढ़ा दी है। दरअसल, बीते दिनों टिहरी की डीएम नितिका खंडेलवाल के सामने जनप्रतिनिधियों ने शिक्षकों के तैनाती स्थल के आसपास नहीं रहने की शिकायत की थी। लोगों का कहना था कि कई स्कूलों में शिक्षक लंबी दूरी का सफर तय कर थके हुए स्कूल पहुंचते हैं, इससे उनकी कार्यक्षमता पर असर पड़ता है। साथ ही छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होती है। कई बार गाड़ी नहीं मिलने पर शिक्षक देरी से भी स्कूल पहुंच रहे हैं। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए डीएम ने शिक्षा विभाग को एक आदेश जारी किया है। आदेश के मुताबिक शिक्षकों को अपने स्कूल से आठ किमी के दायरे में ही निवास करना होगा। इससे उन सभी शिक्षकों की परेशानी बढ़ गई है जिन्होंने 50 से 80 किमी दूर शहरों में अपने आवास बना रखे हैं और वह दिन में छुट्टी होते ही अपने परिवार के पास पहुंच जाते हैं। अब उन्हें स्कूल के आठ किमी दायरे में ही कमरे किराए पर लेकर रहना होगा। डीएम के इस आदेश से शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है।
उत्तराखंड के प्रमुख शहरों से 80 किमी. तक का सफर तय कर कई शिक्षक हर दिन ड्यूटी करने स्कूल पहुंचते हैं। देहरादून, ऋषिकेश से शिक्षक हर दिन देवप्रयाग तक ड्यूटी करने पहुंचते हैं। वहीं पौड़ी, टिहरी, कोटद्वार, श्रीनगर, हल्द्वानी, रामनगर, अल्मोड़ा, टिहरी, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, जैसे शहरों से भी हर दिन लंबी दूरी तय कर शिक्षक स्कूलों तक जाते हैं। असल में यह आदेश शिक्षकों के लिए जारी किया गया। कई शिक्षक अपनी गाड़ियों से रोजाना ड्यूटी पर निकलते हैं। कई शिक्षक एक ग्रुप बनाकर टैक्सी हायर कर स्कूल पहुंचते हैं।
उत्तराखंड में नियमावली के अनुसार सभी विभागों के कार्मिकों के लिए ये ही मानक लागू हैं। सभी विभागों के कार्मिकों को अपने कार्यस्थल से आठ किमी के दायरे में ही निवास करने का प्रावधान लागू है। फिलहाल दूसरे विभागों से इस तरह की सूचना नहीं मांगी जा रही है। जिस आदेश की इन दिनों सबसे ज्यादा चर्चा शिक्षकों के बीच हो रही है। वह आदेश यूपी के दौर में 15 दिसंबर 1981 में जारी हुआ था। इतना ही नहीं अगर कार्यस्थल के आठ किमी. के दायरे बाहर जा रहे हैं तो इसके लिए विभागीय अधिकारियों को सूचित करने के साथ ही अनुमति लेना जरूरी है।
Updated on:
15 Dec 2025 08:29 am
Published on:
15 Dec 2025 08:28 am
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