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चोरों ने डीएम दफ्तर में लगा दी सेंध, ढाई माह बाद दर्ज हुआ मुकदमा, आम जनता हैरान

Theft At DM's Office: बेखौफ चोरों ने सुरक्षा इंतजामों का धता बताते हुए डीएम दफ्तर में ही सेंध लगा डाली। बड़ी बात ये है कि डीएम ऑफिस में चोरी की वारदात में करीब ढाई माह बाद मुकदमा दर्ज हुआ है। डीएम कार्यालय परिसर में चोरी की वारदात से आम जनता भी हैरान है। लोगों का कहना है कि जब चोर डीएम ऑफिस तक सेंध लगा सकते हैं और मुकदमा दर्ज होने में ढाई माह लग सकता है तो आम जनता की सुरक्षा भगवान भरोसे है।

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Fearless thieves broke into the DM's office in Dehradun

एआई से बनाई गई प्रतीकात्मक फोटो

Theft At DM's Office:चोरों ने धावा बोलते हुए जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में सेंध लगा डाली। ये मामला उत्तराखंड के देहरादून का है। डीएम कार्यालय के ड्यूटी प्रभारी प्लाटून कमांडर राजेंद्र थपलियाल ने इस मामले में पुलिस को तहरीर सौंपी है। थपलियाल के मुताबिक बीते 29 सितंबर को डीएम कार्यालय कचहरी परिसर में पीछे की तरफ एसी के तार रात के समय चोरों ने पार कर लिए थे। डीएम कार्यालय परिसर में चोरी की घटना का मामला सामने आने से हड़कंप मचा हुआ है। सवाल यह उठ रहा है कि जब अफसरों को चोरी होने की तिथि के बारे में जानकारी दी थी तब तत्काल ही केस क्यों नहीं दर्ज कराया गया। ढाई महीने के बाद मुकदमा दर्ज करवाने के लिए अफसरों की नींद क्यों टूटी है। शहर कोतवाली प्रभारी प्रदीप पंत के मुताबिक तहरीर मिलते ही केस दर्ज कर लिया गया है और घटना की जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि जल्द चोरी का खुलासा किया जाएगा। इसके लिए पुलिस टीम गठित कर दी गई है। साथ ही मुखबिर तंत्र भी सक्रिय कर दिया गया है।

सुरक्षा के दावे फेल

आम तौर पर डीएम कार्यालय परिसर में सुरक्षा चाक-चौबंद रहती है। हमेशा ही वहां पर सुरक्षा कर्मी तैनात रहते हैं। उसके बाद भी डीएम कार्यालय में चोरी की घटना से हर कोई हैरत में पड़ा हुआ है। भले ही देहरादून में कड़ी सुरक्षा के दावे किए जा रहे हैं लेकिन चोरों के हौंसले बुलंद है। इस बार चोरों ने डीएम कार्यालय परिसर को निशाना बनाया है। वारदात के बाद चोर आसानी से फरार हो गए, जिसे लेकर सुरक्षा इंतजाम भी सवालों के घेरे में है। चोरों को पकड़ना पुलिस के लिए चुनौतीपूर्णय होगा। जानकारों की मानें तो घटनास्थल का पुलिस समय से मुआयना कर साक्ष्य संलकित कर सकती थी लेकिन देरी से सूचना मिलने के कारण अपराधियों की पहचान कर उन तक पहुंचना चुनौतीपूर्ण होगा।

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