
अनुपमा और राजेश गुलाटी
Anupama Murder Case:चर्चित अनुपमा गुलाटी हत्याकांड में पति राजेश गुलाटी की हाईकोर्ट ने अपील खारिज कर दी है। सॉफ्टवेयर इंजीनियर राजेश गुलाटी ने साल 1999 में अनुपमा से प्रेम विवाह किया था। राजेश गुलाटी ने 17 अक्तूबर 2010 को पत्नी अनुपमा की हत्या कर दी थी। उसके बाद उसने बाजार से कटर खरीदकर उसके शव के 72 टुकड़े कर उन्हें काली पन्नियों में पैक कर डीप फ्रीजर में रख दिया था, ताकि दुर्गंध न उठे। अनुपमा का भाई 12 दिसंबर को दिल्ली से देहरादून पहुंचा तो फ्रीज में शव के टुकड़े देख उसके होश फाख्ता हो गए थे। भाई की तहरीर के आधार पर पुलिस ने राजेश गुलाटी के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया था। तमाम गवाहों और सबूतों के आधार पर देहरादून कोर्ट ने 2017 में राजेश गुलाटी को हत्या का दोषी ठहराते हुए उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने इसे जघन्य अपराध करार दिया था। दोषी राजेश गुलाटी ने देहरादून कोर्ट के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट में न्यायाधीश न्यायमूर्ति रविंद्र मैठाणी और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने राजेश गुलाटी की अपील खारिज करते हुए उम्रकैद की सजा बरकरार रखी।
अनुपमा हत्याकांड की क्रूरता से पूरा देश सहम उठा था। पेश से सॉफ्टवेयर इंजीनियर राजेश ने अपनी पत्नी अनुपमा की गला दबाकर हत्या की और फिर बाजार से आरी लाकर उसके शव के 72 टुकड़े कर दिए। इन टुकड़ों को काली पन्नियों में पैक कर बदबू से बचाने के लिए 56 दिनों तक डीप फ्रीजर में छिपाए रखा। देहारादून के गोविंदगढ़ में किराये के फ्लैट में रहने वाले राजेश गुलाटी ने 17 अक्तूबर 2010 की रात झगड़ा होने पर पत्नी अनुपमा की हत्या कर दी थी। हत्या के अगले दिन उसने डीप फ्रीजर और कटर खरीदा। कटर से शव के 72 टुकड़े कर 56 दिनों तक डीप फ्रीजर में छिपाए रखे।
अनुपमा हत्याकांड के बाद उसके जुड़वा बच्चों के मन में अपने पिता के प्रति जो कड़वाहट या दूरी पैदा हुई, यह हाईकोर्ट में उनकी गवाही से भी झलकती है। हाईकोर्ट की तरह राजेश गुलाटी को उसके बच्चों ने भी माफ नहीं किया है। अधिवक्ता मोहिंदर बिष्ट के मुताबिक एक बार राजेश और अनुपमा के जुड़वां बच्चे नैनीताल हाईकोर्ट में पेश हुए थे। जब हाईकोर्ट ने बच्चों से उनके पिता के परिवार के बारे में पूछा तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि उनको अपने पिता से कभी बात नहीं हुई। मामा सुजान के मुताबिक भांजा-भांजी की बुआ जो दिल्ली में रहती हैं, उनसे कभी-कभी फोन पर बात होती है। सुजान ने बताया कि पिछले साल और इस साल की गर्मियों की छुट्टियों में भांजा-भांजी उनके पास आकर रहे। पिछले साल खुद दोनों बच्चों को उनकी बुआ से मिलाने ले गए थे। सुजान के मुताबिक, अनुपमा के जीवित रहने के दौरान बुआ बच्चों से बहुत प्यार करती थीं। दोनों जुड़वा बच्चे यूएसए में स्नातक की पढ़ाई करते हैं।
Updated on:
18 Dec 2025 08:26 am
Published on:
18 Dec 2025 08:25 am
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