
एआई से बनाई गई प्रतीकात्मक फोटो
Court Decision:पुजारी के के वेश में छिपे एक दरिंदे को कोर्ट ने तीन साल करावास की सजा सुनाई है। ये मामला उत्तराखंड के देहरादून का है। अभियोजन की अधिवक्ता अल्पना थापा के मुताबिक मामला 10 जुलाई 2023 का है। सावन के पहले सोमवार को 10वीं में पढ़ने वाली 14 वर्षीय एक छात्रा कोतवाली क्षेत्र के एक मंदिर में भगवान शिव के जलाभिषेक को गई थी। उसी दौरान मंदिर में छात्रा को अकेला पाकर पुजारी नरेंद्र प्रसाद डिमरी निवासी डंगवाल मार्ग चुक्खूवाला ने तिलक लगाने के बहाने उससे छेड़छाड़ की। साथ ही उसने गलत नीयत से छात्रा के गाल पर दांत भी काटा। छात्रा ने पुरजोर तरीके से इसका विरोध करते हुए शोर मचाना शुरू कर दिया। हो हल्ला मचने पर पुजारी मंदिर से खिसक गया था। घटना से डरी सहमी पीड़िता ने घर पहुंचकर मां को आपबीती सनाई थी। पुलिस ने इस मामले में पुजारी के खिलाफ पोक्सो और छेड़छाड़ की धाराओं में मामला पंजीकृत कर तफ्तीश शुरू कर दी थी। देहरादून की विशेष न्यायाधीश (पोक्सो) अर्चना सागर की कोर्ट ने दोषी नरेंद्र प्रसाद डिमरी को दोषी करार देते हुए उसे तीन साल कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही उस पर दस हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है।
मंदिर में पुजारी द्वारा छेड़छाड़ किए जाने के बाद मामले में पुलिस ने पुजारी के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी थी। सुनवाई के दौरान कोर्ट में पीड़िता की मां अपने बयानों से मुकर गई थी। उसने दावा किया कि पड़ोसियों के दबाव में आकर रिपोर्ट दर्ज कराई है। बावजूद इसके पीड़िता ने बहादुरी से कोर्ट में गवाही दी और आरोपी पुजारी की पहचान भी की। कोर्ट ने माना कि पीड़िता के बयान विश्वसनीय हैं और किसी भी किशोरी के लिए इस तरह की झूठी घटना बनाना संभव नहीं है। दोषी को सजा दिलाने में पीड़िता के बयान अहम रहे।
देहरादून में एक अन्य मामले में कोर्ट ने शादी का झांसा देकर रेप के आरोपी नीरज इंग्लिश कोचिंग संचालक को बरी किया है। न्यायाधीश रजनी शुक्ला की कोर्ट ने फैसले में टिप्पणी करते हुए कहा कि पीड़िता बालिग महिला है और लंबे समय तक शारीरिक संबंध बनाना सहमति को दर्शाता है। कोर्ट ने पाया कि पीड़िता और आरोपी के बीच अक्तूबर 2020 से परिचय था और 31 दिसंबर 2021 तक संबंध बने। कोर्ट ने माना कि एक बालिग महिला इतने लंबे समय तक बिना किसी भय के संबंध बनाए रखना यह सिद्ध करता है कि यह कृत्य आपसी सहमति से था। पीड़िता ने आरोप लगाया था कि आरोपी ने दो बार उसका गर्भपात करवाया था। मेडिकल परीक्षण करने वाली डॉक्टर ने कोर्ट में स्पष्ट किया कि पीड़िता ने गर्भपात या गर्भावस्था का कोई भी दस्तावेजी सबूत पेश नहीं किया। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि पीड़िता आरोपी को ब्लैकमेल कर रही थी।
Updated on:
18 Dec 2025 09:13 am
Published on:
18 Dec 2025 09:12 am
बड़ी खबरें
View Allदेहरादून
उत्तराखंड
ट्रेंडिंग
