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जेलों से छोड़े 477 खूंखार कैदी लापता, 49 सजायाफ्ता भी शामिल, खोजबीन को चलेगा बड़ा ऑपरेशन  

Searching For Prisoners: जेलों से छोड़े गए 477 कैदी लापता चल रहे हैं। उनके लिए न्यायालयों से वारंट भी जारी हो चुके हैं, लेकिन उनका सुराग नहीं लग पा रहा है। उनमें कई खूंखार कैदी भी शामिल हैं, जो बड़ी वारदातों को अंजाम दे सकते हैं। पुलिस अब उन कैदियों की गिरफ्तारी के लिए बड़ा ऑपरेशन चलाने जा रही है।

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During the coronavirus pandemic, 477 prisoners released from jails in Uttarakhand have gone missing

एआई से बनाई गई प्रतीकात्मक फोटो

Searching For Prisoners:विभिन्न जेलों से छोड़े गए 477 बंदी और कैदी लापता होने से हड़कंप मचा हुआ है। दरअसल, कोरोना के बढ़ते मामलों से साल 2020 में हड़कंप मच गया था। सरकार ने 25 मार्च 2020 को पूरे देश में लॉकडाउन लगा दिया था। उसके बाद भी कोरोना के मामले बढ़ते गए। कोरोना संक्रमित हजारों लोगों को जान गंवानी पड़ी थी। उत्तराखंड की जेलों में भी कोरोना दस्तक दे चुका था। इससे सरकार में भी हड़कंप मच गया था। उसी दौरान उत्तराखंड की जेलों से सैकड़ों की तादात में कैदियों को छोड़ दिया गया था,ताकि उनकी जान बच सके। कोरानाकला करीब डेढ़ साल बाद खत्म हो गया था। उसी दौरान छोड़े गए कैदियों को जेलों में लौटने का आदेश जारी हुए थे। उस बीच तमाम कैदी जेलों में लौटे भी। लेकिन मौके का फायदा उठाकर 477 कैदी फरार हो गए थे। इनमें हत्या, लूट, डकैती, रेप और चोरी जैसे संगीन अपराधों को अंजाम दे चुके कैदी भी शामिल हैं। तमाम कोशिशों के बाद भी पुलिस उन्हें पकड़ नहीं पाई थी। इसी को देखते हुए पुलिस अब उन कैदियों की गिरफ्तारी के लिए बड़े स्तर पर ऑपरेशन चलाने की तैयारी में है। इधर, एडीजी (जेल) अभिनव कुमार के मुताबिक, हमने पुलिस विभाग से अनुरोध किया है कि वे क्राइम ड्राइव के तहत इनकी गिरफ्तारी को प्राथमिकता से लें। डीजीपी की ओर से हमारे अनुरोध पर सहमति जताई गई है।

अपराध बढ़ने की संभावना

कोरोनाकाल में जेलों से छोड़े गए 477 कैदियों के लापता होने से हड़कंप मचा हुआ है। इनके जेलों से छूटने पर दोबारा अपराध करने की भी प्रबल संभावना बनी हुई है। फरार बंदियों में 49 सजायाफ्ता कैदी शामिल हैं। जबकि, 328 विचाराधीन मामलों के बंदी (अंडर ट्रायल) हैं। जेल प्रशासन की सूचना पर अदालतों ने भी इनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी कर दिए हैं। फरार बंदियों में न केवल उत्तराखंड बल्कि उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा समेत कई अन्य राज्यों के भी निवासी हैं। डीजीपी दीपम सेठ ने राज्य पुलिस को इस पर ऑपरेशन चलाकर गिरफ्तारी का आदेश दिया है। इससे पहले भी पुलिस इनके संभावित ठिकानों पर दबिशें दे चुकी हैं, लेकिन सफलता नहीं मिली।

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