
देवरिया नारी संरक्षण केन्द्र कांड
देवरिया आश्रय गृह में बरामद की गई लड़कियों संग दुराचार की पुष्टि नहीं हो सकी है। जिले में इसके लिए गठित मेडिकल बोर्ड ने जांच रिपोर्ट शासन द्वारा नामित जांच अधिकारियों को सौंप दी है। हालांकि, इस मसले पर विधिवत रिपोर्ट व पुष्टि के लिए बच्चियों से लिये गए नमूनों की स्लाइड सुरक्षित कर विधि विज्ञान प्रयोगशाला को भेज दिया गया है। यह रिपोर्ट अंतिम रिपोर्ट मानी जाएगी। उधर, पुलिस ने अपनी थ्योरी में भी बदलाव कर दिया है.आंकड़ों कि बाजीगरी दिखाते हुए पुलिस व प्रशासन ने लापता लड़कियों कि संख्या भी कम कर दी है, अब यह संख्या 18 से 7 हो गई है. फ़िलहाल अचानक से कहानी को लोग सीबीआई जाँच से लोग जोड़कर देख रहे.
रविवार की देर रात में देवरिया के मां विंध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण व समाज सेवा संस्थान द्वारा चलाये जा रहे आश्रय गृह से 24 बच्चियों को मुक्त कराया गया। आश्रय से भागकर थाने पहुंची एक बच्ची के आरोप पर यह कार्रवाई की गई। बच्चियों ने बताया था कि उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया जाता है। झाड़ू-पोछा लगवाया जाता है। इन बच्चियों के अनुसार रात में कार से बड़ी लड़कियों को ले जाया जाता था। इन बच्चियों ने बताया कि सुबह वह लड़कियां जो लौटती थी वह बहुत रोती थीं, कुछ बताती नहीं थी।
पुलिस के अनुसार बच्चियों से देह व्यापार कराया जाता था। आश्रय गृह से 18 लड़कियों के गायब होने की बात भी पुलिस ने कही थी। यह खबर आने के बाद पूरे प्रदेश व देश में हंगामा मच गया था।
सोमवार को जिला महिला चिकित्सालय के डॉक्टर्स की टीम ने बच्चियों का मेडिकल किया और अगले दिन गोपनीय ढंग से शासन को रिपोर्ट भेज दी गई।
अस्पताल सूत्रों के अनुसार मेडिकल रिपोर्ट में बच्चियों संग रेप की पुष्टि नहीं हो सकी है। जांच के दौरान किसी भी बच्ची संग दुष्कर्म या जबरदस्ती की बात नहीं सामने आई। विशेष जांच के लिए बच्चियो से लिये गए नमूनों की स्लाइड को विधि विज्ञान प्रयोगशाला को भेज दिया गया है। लखनऊ स्थित इस संस्थान की रिपोर्ट के बाद अब यह साफ हो सकेगा कि असली मामला क्या है।
गिरजा देवी पर सत्ता पक्ष की मेहरबानी
समाजवादी पार्टी गोरखपुर के पूर्व जिलाध्यक्ष जफर अमीन डक्कू ने आरोप लगाया है कि प्रदेश की बीजेपी सरकार की मेहरबानी संस्था संचालिका गिरजा देवी पर रही है। उन्होंने खुलासा किया कि मान्यता रद्द होने पर भी गिरजा देवी के एनजीओ को करोड़ों का पहुंचाया गया फायदा पहुंचाया गया है। डक्कू का दावा है कि जानकारी के बाद भी सूडा ने इस संस्था के कौशल प्रशिक्षण के टेंडर को स्वीकृति दी। उन्होंने बताया कि यह टेंडर सूडा ने दो साल के लिए मंजूर किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि नगरीय विकास अभिकरण में कार्यरत एक रसूख वाले कर्मचारी की माँ भी गिरजा देवी की माँ विंध्यवासिनी नामक संस्था की मेम्बर हैं। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ की सरकार इस मामले की हर बिंदुओं पर जांच कराए।
Published on:
10 Aug 2018 11:27 am
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