जिला अस्पताल में ब्रेन ट्यूटर के लक्षणों से मिलते-जुलते मरीज आने पर उसकी डिटेल लेकर सीटी स्कैन करवाया जाता है। इस रिपोर्ट से ब्रेन ट्यूमर होने, न होने, स्थिति का पता चल जाता है। इसके बाद मरीज को विशेष यूनिट एमवाय अस्पताल रैफर कर दिया जाता है।
यह हैं बीमारी के प्रमुख लक्षण -सिर में भारीपन, लगातार दर्द रहना, दवा खाने के बाद भी स्थायी आराम नहीं।-वजन कम होना, भूख नहीं लगना और धुंधला दिखाई देना। -चक्कर, उल्टी, कानदर्द, सुनने में दिक्कत।-याददाश्त का कम होना, पहले छोटे फिर बड़े काम भूलना।
ये हो सकते हैं प्रमुख कारण-रेडिएशन के संपर्क में आने से। -वंशानुगत होने पर भी बीमारी की आशंका।-नशे का सेवन, रासायनिकपदार्थों का सतत संपर्क व सेवन। वर्जन ब्रेन ट्यूटर के मरीजों को न्यूरो सर्जरी यूनिट एमवाय इंदौर रेफर किया जाता है। सर्जरी या फिर सामान्य उपचार के बाद जिला अस्पताल से इंदौर कॉर्डिनेट करके देवास में ही दवाइयां, कीमोथेरेपी की सुविधा उपलब्ध करवाई जाती है। विशेषज्ञ डॉक्टर की उपलब्धता के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में प्रयास किए जाएंगे।
–डॉ. अजय पटेल, आरएमओ जिला अस्पताल। गंभीरता की स्थिति हर मरीज के लिए अलग-अलग जिला अस्पताल देवास के एमडी न्यूरो साइकेट्रिस्ट डॉ. धमेंद्र प्रजापति के अनुसार ब्रेन ट्यूमर के मामले में मरीजों की गंभीरता की स्थिति हर मरीज के लिए अलग-अलग हो सकती है। ट्यूमर के प्रकार भी अलग रहते हैं। एक स्थिति में अंदर गठान तो रहती है लेकिन उसमें बढ़ोतरी नहीं होती, वहीं दूसरी स्थिति में गठान में बढ़ोतरी होती है। इसके अलावा यदि किसी व्यक्ति के शरीर के अन्य अंगों में कैंसर है तो उसके दिमाग में पहुंचने की संभावना भी रहती है। हालांकि हर ब्रेन ट्यूमर कैंसर ही हो, यह जरूरी नहीं है।