scriptबेटे का शव गोद में रखकर अस्पताल की चौखट पर बैठकर पिता मांगता रहा इंसाफ-वार्ड के बाथरूम में प्रसव | Sitting on the doorstep of the hospital with his son's dead body in hi | Patrika News
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बेटे का शव गोद में रखकर अस्पताल की चौखट पर बैठकर पिता मांगता रहा इंसाफ-वार्ड के बाथरूम में प्रसव

मृत बच्चे का जन्म होने पर परिजनों ने किया हंगामा, डॉक्टर व स्टाफ पर लापरवाही का लगाया आरोप, तहसीलदार और सीएसपी पहुंचे
 

देवासFeb 27, 2024 / 12:35 am

rishi jaiswal

बेटे का शव गोद में रखकर अस्पताल की चौखट पर बैठकर पिता मांगता रहा इंसाफ-वार्ड के बाथरूम में प्रसव

बेटे का शव गोद में रखकर अस्पताल की चौखट पर बैठकर पिता मांगता रहा इंसाफ-वार्ड के बाथरूम में प्रसव

देवास. मेरी पत्नी को वार्ड में पलंग तक नहीं दिया गया। हम जब से अस्पताल आए थे तब से भटकाया जा रहा था। पत्नी की जांच के बाद डॉक्टर का कहना था कि एक माह बाद प्रसव होगा। कभी कहते बच्ची की धकडऩ नहीं है, रात को बाथरूम में प्रसव हो गया। यह लापरवाही के आरोप एक पिता ने जिला अस्पताल प्रबंधन पर लगाए।
दरअसल राउखेड़ी सेंटर पाइंट मांगलिया निवासी कृष्णकांत की पत्नी प्रसव के लिए टिनोनिया में थी। सोमवार दोपहर तीन बजे कृष्णकांत प्रसव के लिए पत्नी मनीषा को लेकर जिला अस्पताल लेकर आए थे। कृष्णकांत ने बताया कि जिला अस्पताल में डॉक्टर ने जांच के बाद बताया था कि बच्चे की धडकऩ नहीं हैं। हमें वार्ड में पलंग भी नहीं दिया गया। किसी तरह से पत्नी को कुर्सी पर बैठाया। रात करीब 8 बजे सास पत्नी को बाथरूम लेकर गई तो बाथरूम के अंदर प्रसव हो गया। इसके बाद पत्नी को ओटी में ले जाया गया। डाॅक्टर ने बताया कि मृत बच्चा पैदा हुआ है। कृष्णकांत ने आरोप लगाया कि लापरवाही से बच्चे की मौत हुई है। डाॅक्टर और स्टाफ ने ध्यान नहीं दिया। परिजनों के हंगामे के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को संभाला। वहीं तहसीलदार सपना शर्मा व सीएसपी दिशेष अग्रवाल भी मौके पर पहुंचे।
अस्पताल की सीढिय़ों पर बैठकर धरना दिया

कृष्णकांत मृत बच्चे को लेकर अस्पताल की चौखट पर ही बैठ गया। सीढिय़ों पर बैठकर उन्होंने आरोप लगाए कि डॉक्टर और स्टाफ की लापरवाही से बच्चे की मौत हुई। प्रसव पीड़ा होने पर पत्नी को अस्पताल लाए थे, लेकिन डाॅक्टरों ने उसे ठीक से देखा नहीं। संभाला नहीं गया। हम स्टाफ से कहते रहे कि पत्नी को ज्यादा दर्द हो रहा है लेकिन हमें स्टाफ उल्टा जवाब देता रहा। हमें अस्पताल से जाने के लिए भी कहा।
व्हीलचेयर से ओटी तक ले गए

कृष्णकांत की सास आशाबाई ने बताया कि वे बेटी को बाथरूम लेकर गई। इस दौरान प्रसव हो गया। अस्पताल का स्टाफ और अन्य लोग दौड़े और व्हीलचेयर से मनीषा को ओटी तक लेकर गए। आशाबाई ने बताया कि सुबह से मनीषा को ज्यादा दर्द ज्यादा हो रहा था। इसलिए अस्पताल लेकर आए थे। यहां किसी ने ध्यान नहीं दिया व पलंग भी नहीं मिला। जांच और अन्य कामों के लिए हमें भटकाते रहे। बच्चे की मौत के लिए अस्पताल का स्टाफ जिम्मेदार है।
डॉक्टर भी पहुंचे

परिजनों के हंगामे के बाद जिला अस्पताल के डाॅक्टर भी मौके पर पहुंचे। सीएसपी ने परिजनों से बात कर उन्हें समझाइश दी। जांच के आश्वासन के बाद परिवार वालों का गुस्सा शांत हुआ।
परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाया है। मामले में डाॅक्टर और परिजनों के बयान लिए जाएंगे।-सपना शर्मा, तहसीलदार

-जांच में बच्चे की धडकऩ नहीं होने की बात सामने आई है। जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
-दिशेष अग्रवाल, सीएसपी

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