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कुछ हितग्राहियों की नस्तियां अपूर्ण तो कुछ के आवेदन ही अब तक नहीं मिले

जनप्रतिनिधियों को अंधेरे में रख बनाई डीपीआर...अफसरों ने की मनमर्जी और लापरवाहीनगर निगम सभापति ने निगमायुक्त को पत्र लिखकर लगाए आरोप, जांच की मांग

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देवास

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mayur vyas

Nov 14, 2019

patrika dewas

इस तरह पीएम आवास योजना के मकानों में आ रही है सीलन।

देवास. नगर निगम में चल रहा घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। लगातार अनियमितताएं सामने आ रही है। कुछ दिन पहले सर्विस रोड की लापरवाही सामने आई थी तो बाद में पीएम आवास योजना के मकानों में लापरवाही के आरोप लगे। सीवरेज कंपनी की मनमानी को लेकर आरोपों का सिलसिला जारी है और इसी बीच निगम सभापति ने पीएम आवास योजना को लेकर गंभीर आरोप लगाकर निगमायुक्त को पत्र लिखा है।
निगम सभापति अंसार एहमद हाथीवाले ने नगर निगम आयुक्त संजना जैन को लिखे पत्र में कहा है कि १७-६-२०१५ से पीएम आवास मिशन लागू हुआ है और इसे २०२२ तक पूरा करना है। शहर में आवासहीनों का पता लगाने के लिए सर्वे करवाया गया था। प्रायवेट एजेंसी ने सर्वे किया जिस पर ३० लाख रुपए खर्च हुए। १४९३० हितग्राहियों का सर्वे किया गया था। इनमें से बीएलसी घटक के आॢथक रूप से कमजोर हितग्राहियों का चयन किया गया जिनकी संख्या १२९७३ थी। सूची को अंतिम रूप देने के बाद विधायक, सांसद व स्थानीय प्रतिनिधियों के साथ चर्चा कर विचार विमर्श किया जाना था। लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति यह है कि बगैर जनप्रतिनिधियों से चर्चा किए ढाई लाख के अनुदान वाली इस योजना को अधिकारियों ने अपने स्तर पर लागू कर दिया। जनप्रतिनिधियों को अंधेरे में रखकर अब तक पांच डीपीआर में ६१५० हितग्राहियों का चयन होना बताया गया है। हितग्राहियों के चयन में निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। मनमर्जी की गई है।
डीपीआर में की गई अनियमितताएं
सभापति अंसार एहमद ने कहा कि पांचों डीपीआर में अनेक अनियमितताएं की गई है। डीपीआर क्रमांक 2 में २०९१ हितग्राहियों के आवेदन की नस्तियां आज तक अपूर्ण है। कई हितग्राहियों के आवेदन विभाग को प्राप्त ही नहीं हुए हैं। जनप्रतिनिधियों ने शिकायत की है कि लापरवाही कर अपने लोगों को लाभ पहुंचाया जा रहा है। पिछली एमआईसी में डीपीआर क्रमांक 5 के १४३७ हितग्राहियों की जांच का निर्णय लिया गया है। डीपीआर 3 व 4 के जांच के आदेश भी महापौर द्वारा दिए गए हैं।
जनप्रतिनिधियों को रखा अंधेरे में
भारत सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना को लेकर जनप्रतिनिधियों को अंधेरे में रखना और जून 2015 से अब तक हुई परिषद की बैठक के एजेंडे में भी नहीं रखा जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। इस पर सभी सदस्यों को विचार करना चाहिए और निर्णय लिया जाना चाहिए कि गरीबों को इस योजना का लाभ मिले। पांचों डीपीआर की उच्च स्तरीय जांच करवाना चाहिए।
आयुक्त को दिया था ज्ञापन, आंदोलन की चेतावनी
कुछ दिन पहले ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष दीपेश कानूनगो ने भी पीएम आवास योजना के मकानों की दुर्दशा को लेकर आयुक्त नगर निगम को ज्ञापन दिया था। कानूनगो ने बताया था कि चाणक्यपुरी के आगे पीएम आवास योजना के जो मकान बने हुए हैं वे दुर्दशा का शिकार हैं। उनमें अभी से सीलन आ रही है। जहां पर पानी के नल हैं वहीं पर सेप्टिक टैंक है। नलों में गंदा पानी आता है। टंकियां फूटी हुई है। चारों ओर गंदगी पसरी है। यदि समस्या हल नहीं होती है तो आंदोलन किया जाएगा। हैरानी यह भी है कि कानूनगो कांग्रेस से जुड़े हैं और नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह के समर्थक हैं। ऐसे में जिस मंत्री के वे समर्थक हैं उन्हीं के विभाग के मामले में कांग्रेस नेताओं को ज्ञापन देना पड़ रहे हैं, जिसके चलते अचरज जताया जा रहा है। इसके पीछे वजह बताई जा रही है कि देवास में वर्मा गुट के इशारों पर ही कामकाज चल रहा है जिस कारण दूसरे गुट के नेताओं को तवज्जों नहीं मिल रही और मजबूर होकर उन्हें ज्ञापन देने पड़ रहे हैं।