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पुलिस चौकी के मामले में हाईकोर्ट से मिला स्टे, एसपी से मांगा जवाब

सांसद ने प्रेसवार्ता लेकर दी जानकारी, खुद पर दर्ज एफआईआर को बताया असत्य सांसद बोले- मैं यहीं बैठा हूं, मुझे गिर?तार कर ले पुलिस, दो दिन बाद जाउंगा कोर्ट पुलिस-प्रशासन पर मंत्री के दबाव में काम करने के लगाए आरोप

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देवास

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mayur vyas

Nov 07, 2019

patrika dewas

सुभाष चौक पहुंचे सांसद जहां देखी पुलिस चौकी की स्थिति।

देवास. सुभाष चौक की पुलिस चौकी निर्माण के मामले में हाई कोर्ट से स्टे मिला है। हाईकोर्ट ने देवास एसपी से आठ दिन के भीतर तीन बिंदुओं पर जवाब मांगा है। बुधवार को सांसद महेंद्रसिंह सोलंकी ने मीडिया से चर्चा कर हाईकोर्ट का स्टे दिखाया और पुलिस की कार्रवाई को गलत बताया। पुलिस अधीक्षक का कहना है कि हम न्यायालय में जवाब देंगे। इधर बुधवार को ही सांसद सुभाष चौक पहुंचे और चौकी की स्थिति देखी।
दरअसल सांसद महेंद्रसिंह सोलंकी, व्यापारी शिवप्रसाद शर्मा सहित दो-तीन अन्य के खिलाफ गत दिनों पुलिस ने आईपीसी ३५३, ४२७, ५०६ (३४) सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया था। सुभाष चौक में बन रही पुलिस चौकी को लेकर मामला शुरू हुआ था जो एफआईआर तक पहुंचा। सांसद सोलंकी इस चौकी के निर्माण के विरोध में थे और पुलिस यहां चौकी बना रही थी। इस मसले पर जब सांसद ने एसपी चंद्रशेखर सोलंकी को फोन किया तो दोनों के बीच फोन पर तीखी नोंकझोंक हुई। रात को चौकी तोड़ी गई। सीसीटीवी फुटेज में सांसद की मौजूदगी में उनके समर्थकों द्वारा चौकी तोडऩे की घटना सामने आई। इस घटना के पहले सुभाष चौक में एएसआई से सांसद की बातचीत हुई थी जिसके बाद रोजनामचे में इसे दर्ज किया गया था। सांसद पर केस दर्ज होने के बाद सियासी बवाल मच गया। भाजपा ने धरना दिया और सांसद ने मंत्री सज्जन सिंह वर्मा को घेरा। उन पर गंभीर आरोप लगाए। उनके दामाद और भतीजे तक को कटघरे में रखा। इसके बाद कांग्रेस ने प्रदर्शन किया और सांसद सोलंकी पर तीखे हमले किए। सांसद को भेरूगढ़ जेल भेजने तक की बात कही।
इन बिंदुओं पर मांगा है जवाब
बुधवार को सांसद महेंद्रसिंह सोलंकी मीडिया से मुखातिब हुए और हाईकोर्ट के स्टे की बात कही। सांसद सोलंकी ने बताया कि शिवप्रसाद शर्मा द्वारा हाई कोर्ट में याचिका लगाई गई थी। इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने देवास एसपी चंद्रशेखर सोलंकी से जवाब मांगा है। तीन बिंदुओं पर जवाब मांगा गया है। पहला सवाल ये है कि जिस जमीन पर चौकी बनाई जा रही है वह पुलिस विभाग को कब आवंटित की गई। दूसरा सवाल है कि पुलिस द्वारा चौकी निर्माण के लिए पैसा किस स्त्रोतों से लाया गया। तीसरा सवाल है कि निर्माण कार्य के लिए नगर निगम से अनुमति ली या नहीं। आठ दिन के अंदर एसपी को शपथ पत्र पर तीनों प्रश्नों के जवाब देने हैं।
मुझे गिर?तार करे पुलिस वरना जाउंगा कोर्ट
खुद पर दर्ज एफआईआर के मामले में सांसद सोलंकी ने कहा कि पुलिस ने झूठी एफआईआर दर्ज की है। यदि मैंने शासकीय कार्य में बाधा डाली थी तो उसी समय एफआईआर क्यों नहीं दर्ज की। ३१ घंटे विलंब के बाद केस दर्ज क्यों किया। वीडियो में साफ दिख रहा है कि मैंने चौकी की दीवार को हाथ तक नहीं लगाया ।एफआआईर की धाराएं तथ्यों का समर्थन नहीं करती। धाराओं और एफआईआर के तथ्यों का मिलान करें तो अलग ही कहानी दिख रही है। मैं अपनी जगह सही था। कार्यकर्ता-जनता की लडा़ई लडऩे गया था। अमन-शांति कायम रहे यही मेरा मकसद है। मैंने अनेक बार निवेदन करके एसपी से कहा कि व्यापारियों से बात करके इस मामले को शांतिपूर्ण ढंग से निपटा लें। एसपी मप्र के मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के दबाव में है। मंत्री वर्मा राजनीतिक लाभ लेना चाहते थे इसलिए कलेक्टर-एसपी पर दबाव बनाकर मुझे पर झूठी कार्रवाई की। मैंने किसी कानून का उल्लंघन नहीं किया है। मैं कानून को अच्छे से जानता हूं। मुझ पर सौ मुकदमे लगा देंगे तो भी जनता की लड़ाई लड़ूंगा। मेरा अगला कदम ये है कि मुझ पर दर्ज एफआईआर का खात्मा किया जाए वरना मुझे गिर?तार करो। एक-दो दिन में गिर?तार नहीं किया तो कोर्ट जाउंगा। कोर्ट जो निर्णय देगा वह मान्य होगा। मैं अग्रिम जमानत नहीं करवाउंगा। पुलिस मुझे जेल भेज दे।
कौन है मनोज राजानी...मैं नहीं जानता
जब सांसद सोलंकी से पूछा कि क्या लाइम लाइट में आने के लिए ऐसा किया तो कहा कि मैंने ऐसा कुछ नहीं किया। मैं बस ये चाहता हूं कि कानून कायदे में काम हो। व्यापारी चाहते हैं कि चौकी बनना चाहिए तो वे शपथ पत्र दे दे कोर्ट को। उस जगह एक नहीं चार चौकी बनना चाहिए लेकिन कानून के दायरे में रहकर, परमिशन लेकर चौकी बने। शहर कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी द्वारा नगर निगम के नए भवन की परमिशन न होने व भेरूगढ़ जेल भेजने जैसे बयान पर कहा कि कौन है मनोज राजानी। मैं जानता ही नहीं उनको तो उनके आरोपों का जवाब क्यों दूं। अगर निगम बिल्डिंग अवैध है तो उनकी सरकार है, तोड़ दें। वे भी कोर्ट जाएं।
हम विधिवत रूप से देंगे जवाब
इस मामले में एसपी चंद्रशेखर सोलंकी ने कहा कि हाईकोर्ट ने यदि जवाब मांगा है तो विधिवत रूप से जवाब दिया जाएगा। पुलिस कानून के दायरे में रहकर ही हर काम करती है। पुलिस नागरिकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।