23 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

सुभाष चौक पर बनी पुलिस चौकी की नगर निगम से नहीं ली गई थी अनुमति

निगम का परिषद सम्मेलन चौथी बार की बैठक के बाद संपन्न हुआ, पार्षद बोले हमारा 50 दिन का कार्यकाल बचा, विकास के अधूरे काम हमारे समय शायद ही हो पूरेअधिकारियों की कार्यशैली पर पार्षदों ने उठाए सवाल

5 min read
Google source verification

देवास

image

mayur vyas

Nov 12, 2019

patrika dewas

कांग्रेस व भाजपा पार्षदों में कई बातों को लेकर होती रही कहासुनी

देवास. नगर निगम परिषद का अधूरा सम्मेलन सोमवार को दोपहर 3 बजे आयोजित किया गया। चार बार की बैठकों के बाद ये अधूरा सम्मेलन पूरा हुआ। सम्मेलन में अधिकांश पार्षद अपने-अपने वार्डों में रूके हुए विकास कार्यों की जानकारी सवालों के माध्यम से अधिकारियों से लेते रहे। पार्षदों में आक्रोश था कि निगम अधिकारियों की लापरवाही के कारण उनके क्षेत्रों में विकास कार्य लंबे समय तक अटके रहे। पार्षदों का कार्यकाल अब केवल 50 दिन का बचा हैं। इधर बैठक में महापौर सुभाष शर्मा नहीं पहुंचे, जिसे लेकर भी चर्चाएं होती रही।
पार्षद वंदना पांडे ने अपने वार्ड का मुद्दा उठाते हुए दुख भी जताया कि अब जो भी विकास कार्य होंगे वो संभव नहीं दिख रहे कि हमारे रहते पूर्ण हो जाएंगे। परिषद बैठक को लेकर अधिकारी एक बार फिर लापरवाह नजर आए। पार्षदों के सवाल पहले से ही लग चुके थे लेकिन उनके जवाबों से संबंधित फाइलें ही अधिकारियों के हाथों में नहीं थी। ऐसे में कई पार्षदों को बाद में जवाब देने के लिए कहा गया। अधिकारियों की इस लापरवाही पर सभापति अंसार एहमद भी बार-बार नाराज हुए व अधिकारियों से पूछते भी रहे कि क्या आप निगम परिषद के सम्मेलन को तव्वजो नहीं देते हो।
पुलिस चौकी निर्माण की नहीं दी अनुमति
निगम परिषद की आखिरी बैठक में पुलिस चौकी का मुद्दा भी उठ गया। भाजपा के पार्षद व निगम में सत्तापक्ष के नेता मनीष सेन ने पूछा कि क्या नगर निगम से सुभाष चौक पर पुलिस चौकी का निर्माण करने की अनुमति ली गई थी। इसका जवाब देते हुए कार्यपालन यंत्री आसीम शेख ने बताया कि नगर निगम से सुभाष चौक पर पुलिस चौकी निर्माण से संबंधित कोई अनुमति नहीं ली गई हैं। ये सवाल उठते ही कांग्रेस पार्षद व विपक्ष के नेता विक्रम पटेल ने जरूर सवाल उठाया कि क्या ये सवाल पार्षद के प्रश्न में शामिल था लेकिन वे इसके बाद चुप बैठ गए। सुभाष चौक पर पुलिस चौकी बनाए जाने के मुद्दे पर सांसद महेंद्रसिंह सोलंकी व एसपी चंद्रशेखर सोलंकी के बीच फोन पर विवाद भी हो गया था। सांसद पर पुलिस चौकी में तोडफ़ोड़ का आरोप लगाते हुए पुलिस ने केस भी दर्ज किया जिसके बाद इस चौकी के विवाद ने तूल पकड़ लिया था। ये मामला अब हाईकोर्ट में पहुंच गया हैंं। हाईकोर्ट में चौकी की वैधता को चुनौती दी गई है। इधर सूत्रों का कहना है कि पुलिस के पास निगम की अनुमति है, जिसके बाद सवाल उठने लगे हैं कि आखिर हकीकत क्या है।
ठेकेदार समय पर काम नहीं करे तो हो ब्लैक लिस्ट
बैठक में यह मुद्दा उठा कि कई वार्डों में टेंडर होने के बाद भी काम शुरू नहीं किए गए। वार्ड 11 की पार्षद अहिल्या पंवार ने अपने वार्ड में टेंडर स्वीकृत होने के बाद भी सडक़ के डामरीकरण नहीं किए जाने पर नाराजगी जताई थी। इस मुद्दे को आगे बढ़ाते हुए पार्षद राजेश डांगी ने सवाल उठाया कि बस स्टैंड पर बारिश के समय भी नगर निगम ने 35 से 40 लाख रुपए में सडक़ डामरीकरण का काम क्यों लगवाया, जबकि हमारे वार्डों की सुध नहीं ली जाती। सभापति अंसार एहमद ने इस पर निगम इंजीनियर जितेंद्र सिसौदिया से पूछा कि आखिर क्या कारण रहा कि बारिश के समय ही बस स्टैंड पर काम लगाया गया। इस सवाल का सिसौदिया ठीक से जवाब तक नहीं दे पा रहे थे। इस पर आयुक्त संजना जैन ने कहा कि वार्डों में भी विकास कार्य के लिए टेंडर निकाले गए हैं जल्द ही काम शुरू होगा। इस पर सभी पार्षदों ने राय रखी कि जो ठेकेदार समय पर काम पूरा नहीं करे उन्हेंं ब्लेक लिस्ट किया जाए। इस संकल्प को परिषद ने पारित कर दिया।
पार्षदों की समिति करेगी एक निजी कंपनी की जांच
एक निजी कंपनी को अनुचित लाभ देते हुए उसके निर्माण को नियम विरुध्द बताते हुए सत्ता पक्ष नेता मनीष सेन ने निगम अधिकारियों की मंशा पर सवाल उठाए। कहा कि निजी कंपनी मालिक को करोड़ों रुपए का फायदा पहुंचाया गया है। हालांकि निगम की तरफ से जवाब में कहा गया था कि संबंधित से अतिरिक्त अनुज्ञा राशि जमा कराई गई है लेकिन जब इस पर सेन ने अनुमति के नियमों की कॉपी दिखाते हुए सवाल खड़े किए तो आयुक्त जैन ने कहा कि इसकी जांच करा लेंगे व इसमें भाजपा व कांग्रेस के दो-दो पार्षदों को भी शामिल किया जाएगा। सेन ने कहा कि मैं निजी इंजीनियर भी साथ में रखूंगा ताकि सही जांच हो।
पार्किंग की जगह पर चल रहा व्यवसाय
परिषद की बैठक में पार्किंग की जगह पर व्यवसाय करने का मुद्दा भी जोर शोर से उठा। पार्षद सेन ने ही इसे उठाते हुए कहा कि निगम के अधिकारी नियमों की पूरी तरह से अनदेखी कर रहे हैं। व्यवसायिक कॉम्प्लेक्सों में जहां पार्किंग की जगह छोड़ी जानी चाहिए थी वहां पर भी जमकर व्यवसाय हो रहा हैं। पैकी प्लॉट पर भी नियम तोडऩे का मुद्दा उठाया गया। साथ ही सर्विस रोड पर पार्षद ने सवाल खड़े किए। सभापति अंसार एहमद ने भी आयुक्त संजना जैन से कहा कि आप अगर एबी रोड ही देख लेंगी तो पता चल जाएगा कि पार्किंग की जगह का किस तरह से उपयोग हो रहा है। आयुक्त जैन ने इसकी जांच कराने की बात कही। वहीं सर्विस रोड के सवाल पर आयुक्त जैन ने कहा कि सर्विस रोड का निर्माण डीपीआर के अनुसार नहीं हुआ हैं, जिसके चलते ठेकेदार की बची हुई राशि रोकी गई हैं, बताया कि जल्द ही राज्य शासन द्वारा इसकी जांच की जाएगी।
200 फाइलें रूकी हैं, काम कैसे होगा
साइड विजिट के नाम पर अंतिम समय में ठेकेदार की फाइल रोक दी जाती है। ऐसा कर ठेकेदार से वसूली का दबाव बनाया जाता है। ये आरोप लगाते हुए पार्षद विनय सांगते ने पूछा कि जब साइड विजिट ही नहीं की गई थी तो फिर ठेकेदार का बिल कैसे बनकर तैयार हो गया। पार्षद शांता ठाकुर ने अपने क्षेत्र में पार्क की बाउंड्रीवॉल पांच साल बाद भी नहीं बनने का सवाल उठाया था। जिस पर ठेकेदारों पर दबाव बनाने का आरोप लगाते हुए सांंगते ने कहा कि ऐसी 200 फाइलें अटका दी गई हैं, जिसके चलते ठेकेदार आगे के काम रोक देता हैं। पार्षद ममता शर्मा ने भी कहा कि मेरे वार्ड की चार सडक़ें भी अटकी हुई हैं।
पावागढ़ में सिर्फ 85 रुपए, यहां पर ले रहे 126
बैठक में रोप-वे का किराया बढ़ाने का मुद्दा पार्षद इरफान अली ने उठाया। पूछा कि क्या जल्दी थी कि नवरात्रि में ही किराया 85 रुपए से बढ़ाकर 126 रुपए कर दिया गया। पार्षद मनीष सेन ने बताया कि गुजरात में पावागढ़ की पहाड़ी माता टेकरी से भी कहीं अधिक ऊंचाई पर हैं, जहां सिर्फ 85 रुपए किराया लिया जाता हैं। अन्य जगह का किराया भी बताया जो कम था। अन्य पार्षदों ने भी सीधे 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी पर सवाल उठाए व इसे पूर्व की भांति 85 रुपए रखने की मांग की गई।
अधिकारी तो शहर में रहते ही नहीं, काम तो होगा प्रभावित
पार्षद इरफान अली ने सवाल लगाकर पूछा कि कौन-कौन से निगम अधिकारी दूसरे शहर से अपडाउन कर रहे हैं। इस पर निगम उपायुक्त आरपी श्रीवास्तव, निगम कार्यपालन यंत्री कैलाश चौधरी के नाम प्रमुखता से सामने आए। इस पर आयुक्त ने कहा कि अच्छा रहेगा कि ये अधिकारी ही बताए कि ये क्यों शहर से बाहर रहते हैं। इस पर उपायुक्त श्रीवास्तव ने अपनी खराब सेहत का हवाला देकर कहा कि में फील्ड के काम से भी इसी कारण बाहर हूं, केवल कार्यालयीन कार्य ही देखता हूं व समय पर ऑफिस आ जाता हूं। जवाब देने की बारी कैलाश चौधरी की आई तो वे तल्ख लहजे में बोले कि मैंने कोई नियम नहीं तोड़ा है व केवल 23 किमी दूर रहता हूं। इस पर आयुक्त जैन ने शासन का नया नियम बताते हुए कहा कि अधिकारी को 8 किमी दायरे में ही रहना चाहिए लेकिन चौधरी ने कहा कि उन्हें ऐसे किसी नियम की जानकारी नहीं है।