
CG News: धमतरी जिले के अधिकांश शासकीय और निजी बैंकों में केवायसी अपडेट नहीं कराने के चलते सैकड़ों खाते अनएक्टिव हो गए हैं। ऐसे में खाते में पर्याप्त राशि होने के बाद भी संबंधित उपभोक्ताओं को राशि का आहरण समेत जमा कराने में परेशानी हो रही है। जानकारी के अभाव में उपभोक्ताओं को भटकना पड़ रहा है।
जिले में शासकीय और निजी बैंकों को मिलाकर करीब 99 बैंक शाखाएं है। इनमें करीब 10 लाख से अधिक खाताधारक है। देखा गया है कि पिछले कुछ सालों में बैकिंग फ्राड के मामले में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि हुई है। ऐसे में लेन-देन को पारदर्शी बनाने तथा अपने उपभोक्ताओं को सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से आरबीआई के निर्देशानुसार बैंकों ने सभी खाताधारकों के लिए अपने खाता में केवायसी अपडेट कराना अनिवार्य किया गया है।
राष्ट्रीयकृत बैंक के एक रिटायर्ड अधिकारी की मानें तो टैक्स पेयर्स बैंक उपभोक्ताओं को वर्ष में एक बार या आवश्यकता होने पर प्रत्येक 6 माह में केवायसी याने की आधार कार्ड की छायाप्रति, पैन कार्ड की छायाप्रति समेत अन्य दस्तावेजों को जमा कराना पड़ता है। जमा नहीं कराने की स्थिति में खाता स्वयंमेव ही एनक्टिव हो जाता है।
पत्रिका टीम ने सोमवार को शहर के प्रमुख बैंकों का जायजा लिया। स्टेट बैंक में अनएक्टिव हो चुके खाता को अपडेट कराने के लिए उपभोक्ताओं की लाइन लगी थी। उपभोक्ता सुभाष साहू, लोकेश देवांगन, पूनम तिवारी ने बताया कि दो बैंक में अलग-अलग खाता होने से केवायसी अपडेट नहीं करा पाए थे। इससे राशि होने के बाद भी खाता एनक्टिव हो गया है। इससे राशि का आहरण कर पा रहे हैं और न ही जमा। ऐसे में उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ गई है।
उपभोक्ता अनिमेष सोनी, धर्मेनद्र देवांगन ने बताय कि बैंकों की ओर से सर्विस प्रदान करने के लिए सर्विस चार्ज वसूला जाता है। मैसेज के नाम पर 25 रूपए से लेकर 50 रूपए तथा एटीएम सर्विस और मेटनेंस के लिए करीब 187 रूपए का चार्ज लिया जाता है, लेकिन अधिकांश उपभोक्ताओं के मोबाइल में मैसेज ही नहीं मिलता। ऐसे में सर्विस चार्ज को लेकर उनमें रोष पनपने लगा है।
उधर बैंक सेक्टर के जानकारों का कहना है कि आरबीआई के नियमानुसार सभी बैंक खाताधारकों को समय-समय पर केवायसी याने की आधार नंबर, पैन कार्ड नंबर, मोबाइल नंबर समेत अन्य दस्तावेज उपलब्ध कराकर केवायसी अपडेट कराना अनिवार्य है। समय सीमा के भीतर केवायसी अपडेट नहीं होने से खाता स्वमेव ही एनक्टिव हो जाता है। लंबे समय तक एनक्टिव होने से खाता बंद भी हो सकता है।
Updated on:
04 Feb 2025 04:14 pm
Published on:
04 Feb 2025 02:20 pm
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