
धमतरी. चैत्र नवरात्र पर मां विंध्यवासिनी का दरबार ज्योति कलश से जगमग है। माता के इस मंदिर की ख्याति दूर-दूर तक फैली है। यही कारण है कि यहां दिल्ली, एमपी समेत अन्य राज्यों से भी श्रद्धालुओं ने यहां मनोकामना ज्योतिकलश जलवाई है। दर्शन के लिए रोजाना बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।
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शहर ही नहीं पूरे जिले की आराध्य मां विध्यवासिनी मंदिर से लोगों की आस्था जुड़ी हुई है। नवरात्र पर तो यहां श्रद्धा भक्ति सैलाब उमड़ रहा है। इस मंदिर की ख्याति दूर-दूर तक फैली है। यहां नई दिल्ली के शालिनी देव, मध्यप्रदेश के मुकुल बिहारी, ओडिशा के शिवानंद समत्रय, नागपुर के संदीप अग्रवाल, रामकृष्ण जरगर, उत्तर प्रदेश के रामबाबू सहित कई अन्य प्रदेशों के श्रद्धालुओं ने मनोकामना ज्योति कलश स्थापित की गई है। यहां पर कुल 1602 ज्योत जल रहे हैं।
नवरात्र के दूसरे दिन सोमवार को विंध्यविासनी मंदिर समेत देवी मंदिरोंं में ब्रह्माचारिणी माता की पोडषोपचार से पूजा-अर्चना की गई। रिसाई माता, शीतला माता मंदिर, दंतेश्वरी मंदिर, बम्लेश्वरी मंदिर समेत देवी मंदिरों में माता के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही।
22 को मनाई जाएगी पंचमी
विंध्यवासिनी मंदिर के प्रधान पुजारी पंडित राजेन्द्र चतुर्वेदी ने बताया कि ब्रह्मांड को जन्म देने के कारण ही माता के दूसरे स्वरूप का नाम ब्रह्माचारिणी पड़ा। उन्होंने बताया कि पंचमी 22 मार्च को मनाई जाएगी तथा 25 मार्च को महाष्टमी पर सुबह 6 बजे से हवन-पूजन का कार्यक्रम होगा। दंतेश्वरी मंदिर के पुजारी पंडित विजय पांडे ने बताया कि नवरात्र पर्व में प्रतिदिन चंडी पाठ समेत देवी कवच का अनुष्ठान किया जा रहा है।
Updated on:
20 Mar 2018 01:41 pm
Published on:
20 Mar 2018 01:28 pm
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