
हाथी ने ली युवक की जान (फोटो सोर्स- पत्रिका)
Elephant Attack: धमतरी जिले के जंगलों में हाथियों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। शनिवार को देर रात 7.30 बजे ग्राम लीलर में महुआ शराब पीकर पगड्डीं रास्ते वापस अपने घर लौट रहे दो युवकों का सामना नर हाथी से हो गया। महुआ शराब की खुशबू से हाथी बेसुध हुआ और युवकों को दौड़ाने लगा। इसमें से एक लीलर निवासी देवचरण कंवर (40) को हाथी ने पटककर मार डाला।
वहीं दूसरा युवक ईश्वर कुंजाम (35) ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई। सूचना मिलने पर डीएफओ समेत वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी पहुंचे। घटना स्थल का मुआयना किया। पश्चात पोस्टमार्टम के लिए शव को जिला अस्पताल भिजवाया गया। रविवार की सुबह जिला अस्पताल में मृतक देवचरण कंवर की बॉडी का पोस्टमार्टम किया गया।
साथ ही वन विभाग द्वारा पीड़ित परिवार को तत्कालिक सहायता राशि के रूप में 25,000 रूपए प्रदान किया गया। 5.75 लाख रूपए की राशि प्रक्रिया पूरी होने के बाद मृतक के परिजनों को सहायता राशि (मुआवजा) के रूप में दी जाएगी। बता दें कि पिछले 4 साल में हाथी 15 लोगों की जान ले चुका है।
डीएफओ श्रीकृष्ण कुमार जाधव ने बताया कि पिछले 4-5 साल से धमतरी जिले के जंगल में सिकासेर और चंदा हाथी दल का आना-जाना लगा हुआ है। जुलाई से नवंबर माह के बीच सिकासेर हाथी दल जिले के जंगल में प्रवेश करता है। इसका मुख्य रूट जबर्रा, दुगली है। इस हाथी दल का रहवास ज्यादातर सीतानदी और उसके आसपास के क्षेत्रों में रहता है। वर्तमान में लीलर के जंगल में विचरण कर रहा हाथी दल का पता नहीं चल पाया है।
मादा हाथी ग्रुप में चलती है। यह हाथी जब से धमतरी जिले के जंगल में प्रवेश किया है अकेला घूम रहा है। इसके दांत नहीं है। यह नर हाथी है, इसे मखाना के नाम से जाना जाता है।
रविवार को लीलर के जंगल में विचरण कर रहा हाथी नर हाथी ने किसान के खेत में लगी धान की क्यारियों को नुकसान पहुंचाया है। वर्तमान में नर हाथी (मखाना) केरेगांव वन परिक्षेत्र के कक्ष क्रमांक-आरएफ 167 में विचरण कर रहा है। एक युवक की मौत के बाद वन विभाग गांव में मुनादी कराकर ग्रामीणों को जंगल जाने से मना कर रहा है। स्थिति को देखते हुए ग्राम लीलर, अरौद, सिरौद, कांटाकुर्रीडीह, मोहलई, पथर्रीडीह, सियादेही, बरारी, लहसुनवाही, रामपुर, फुटहामुड़ा, बरारी, भोयना, शकरवारा, मुड़पार, कोटाभर्री गांव में हाईअलर्ट जारी किया गया है।
डीएफओ ने बताया कि नर हाथी पांडुका होेते हुए उत्तर सिंगपुर से मगरलोड, केरेगांव और इसके आसपास के जंगल में ही विचरण कर रहा है। हाथी निगरानी दल द्वारा पिछले एक सप्ताह से लीलर में ग्रामीणों को जंगल जाने से मना किया जा रहा है। हाथी रात के अंधेरे में चलना शुरू करता है। हाथी एक घंटे में 35 से 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल लेता है।
Published on:
30 Jun 2025 01:39 pm
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