बता दे कि इस साल भी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व दो दिन मनाया जा रहा है।2 सितंबर को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की धूम रही। श्रीकृष्ण मंदिरों को आकर्षक ढंग से सजाया गया है। सुबह से ही मंदिरों में भजन-कीर्तन का दौर चलता रहा। रात 12 बजते ही मृदंग-भेरी और शंखनाद के साथ भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया।
बाल कृष्ण को झूला-झूलाकर लोरियां सुनाई गई। इसी तरह ब्रह्माकुमारी दिव्यधाम सेवाकेन्द्र में भी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर विविध कार्यक्रम हुआ। ब्रह्माकुमारी सरीता बहन ने कहा कि उस स्वर्णिम संसार मेंं पवित्रता, सुख, शांति और समृद्धि थी। लेकिन वर्तमान समय में सारा संसार कंसपुरी के समान बन गया है।
उन्होंने कहा कि कलियुग में तो अजन्मे शिशु को मां की कोख में ही मारा जा रहा है। धर्म के नाम पर अधर्म हो रहा है। इनरव्हील क्लब अध्यक्ष हेमल दोशी ने कहा कि श्रीकृष्ण का मोर मुकुट पवित्रता का प्रतीक है। लायनेस अध्यक्ष ज्योति गुप्ता ने भी संबोधित किया। मौके पर समाजसेवी गोपाल प्रसाद शर्मा, जानकी प्रसाद शर्मा समेत गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।