
2 हजार साल पहले मुरुम से बनी है यह नागदेव की मूर्ति, देख कर रह जाएंगे हैरान
धमतरी। हमारा देश देवी देवताओं को पूजने वाला देश हैं। अभी से नहीं प्राचीन काल से लोग रेत(मुरुम), पत्थर, लकड़ी आदि से मूर्ति और भागवान का चित्र बनाते आएं है। छत्तीसगढ़ में भी ऐसे कई स्थान हैं जहा प्राचीन काल के कारीगिरी देखने को मिलते हैं। ऐसे ही एक मूर्ति रायपुर से 35 किलोमीटर की दुरी में स्थित धमतरी में है जहा नागदेव की मूर्ति मुरम यानी रेत से बनाई गयी है।
2 हजार साल पुराना है मूर्ति
धमतरी शहर के प्राचीन नागदेव मंदिर में 5 अगस्त को नागपंचमी का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। मंदिर में कालसर्प दोष शांति के लिए भी हवन-पूजन हो रहे हैं । मंदिर समिति के अध्यक्ष ने बताया कि हटकेशर स्थित नागदेव मंदिर करीब 2 हजार साल पुराना है। यहां स्थापित नागदेव की प्रतिमा मुरूम से निर्मित है।
इसके अलावा वार्ड केे चारों दिशाओं में अखरा देव, ठाकुरदेव, धारण देव की प्रतिमाएं भी बिखरी हुई है। इस पूरातत्व अवशेषों को सहेजने की जरूरत है। छत्तीसगढ़ कुश्ती संघ के अध्यक्ष जगन्नाथ यादव, सत्येन्द्र यादव ने बताया कि परंपरानुसार इस दिन हटकेशर स्थित शासकीय उमावि में प्रदेशस्तरीय कुश्ती स्पर्धा भी होगी, जिसमें धमतरी, महासमुंद, कांकेर, बालोद, कवर्धा, जांजगीर समेत अन्य जिले के भी करीब 3 सौ से अधिक पहलवान अपना दमखम दिखाएंगे।
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Published on:
05 Aug 2019 05:01 pm
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